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तड़पते हुए निकले थे पैगंबर मोहम्मद के जब प्राण…कौन थी वो बेरहम लड़की जिसने दी थी इतनी दर्दनाक मौत?

BY: Prachi Jain • LAST UPDATED : January 23, 2025, 4:22 pm IST
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तड़पते हुए निकले थे पैगंबर मोहम्मद के जब प्राण…कौन थी वो बेरहम लड़की जिसने दी थी इतनी दर्दनाक मौत?

Paigambar Mohammad: तड़पते हुए निकले थे पैगंबर मोहम्मद के जब प्राण कौन थी वो बेरहम लड़की जिसने दी थी इतनी दर्दनाक मौत

India News (इंडिया न्यूज), Paigambar Mohammad: इस्लाम धर्म के संस्थापक और मानवता के प्रति अपने संदेशों के लिए प्रसिद्ध पैगंबर मोहम्मद की जीवन गाथा अद्वितीय है। उनके जीवन से जुड़ी हर घटना में प्रेरणा और शिक्षा छिपी हुई है। लेकिन उनके जीवन के अंतिम दिनों की एक घटना ने इतिहास में गहरी छाप छोड़ी है।

अंतिम समय और जहर का प्रभाव

पैगंबर मोहम्मद के जीवन के अंतिम समय में एक घटना का उल्लेख मिलता है, जिसमें यह कहा गया है कि उन्हें जहर दिया गया था। इतिहासकारों और इस्लामी ग्रंथों के अनुसार, यह घटना खैबर की लड़ाई के बाद घटी। खैबर की लड़ाई में मुसलमानों ने यहूदी कबीलों को हराया था। इसके बाद एक यहूदी महिला ने पैगंबर मोहम्मद और उनके साथियों को भोजन पर आमंत्रित किया।

यहूदी महिला ने खाने में जहर मिलाया था, और इस भोजन का सेवन पैगंबर मोहम्मद ने भी किया। हालांकि, उन्होंने भोजन का स्वाद चखते ही महसूस किया कि इसमें कुछ गड़बड़ है। उन्होंने तुरंत खाने से खुद को रोका, लेकिन तब तक जहर उनके शरीर में प्रवेश कर चुका था।

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कौन थी वह महिला?

ऐतिहासिक दस्तावेजों के अनुसार, वह महिला ज़ैनब नामक यहूदी कबीले की सदस्य थी। उसने जहर मिलाने की यह योजना इसलिए बनाई थी क्योंकि वह खैबर की लड़ाई में अपने परिवार के सदस्यों की मौत का बदला लेना चाहती थी। जब उससे यह पूछताछ की गई कि उसने ऐसा क्यों किया, तो उसने कहा कि अगर मोहम्मद सच्चे पैगंबर हैं, तो यह जहर उन्हें नुकसान नहीं पहुंचाएगा।

पैगंबर मोहम्मद की प्रतिक्रिया

पैगंबर मोहम्मद ने इस घटना के बाद उस महिला को माफ कर दिया। उन्होंने अपने अनुयायियों को हमेशा दया और क्षमा का संदेश दिया था, और इस घटना में भी उन्होंने यही उदाहरण प्रस्तुत किया। हालांकि, जहर का असर उनके शरीर पर धीरे-धीरे बढ़ता रहा, और यह उनकी सेहत को कमजोर करता चला गया।

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मृत्यु और विरासत

पैगंबर मोहम्मद का देहांत 8 जून, 632 ईस्वी को हुआ। इतिहासकारों का मानना है कि खैबर की घटना में दिए गए जहर का प्रभाव उनके शरीर पर अंतिम समय तक रहा। उनकी मृत्यु के बाद, इस घटना ने इस्लाम के अनुयायियों के बीच गहरी संवेदना पैदा की।

इस घटना से यह स्पष्ट होता है कि जीवन में कितनी भी बड़ी कठिनाई क्यों न आए, हमें क्षमा और दया का मार्ग अपनाना चाहिए। पैगंबर मोहम्मद ने अपने जीवन में कभी बदले की भावना नहीं रखी और हमेशा इंसानियत और न्याय का संदेश दिया। यह घटना हमें यह भी सिखाती है कि सत्य और अच्छाई के मार्ग पर चलने वाले व्यक्ति का नाम हमेशा अमर रहता है।

पैगंबर मोहम्मद की इस जीवन गाथा से आज भी लाखों लोग प्रेरणा लेते हैं। उनकी शिक्षा और संदेश मानवता के लिए एक अनमोल धरोहर हैं।

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डिस्क्लेमर: इस आलेख में दी गई जानकारियों का हम यह दावा नहीं करते कि ये जानकारी पूर्णतया सत्य एवं सटीक है।पाठकों से अनुरोध है कि इस लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। इंडिया न्यूज इसकी सत्यता का दावा नहीं करता है।

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