संबंधित खबरें
वो एकलौती तवायफ जिसके प्यार में मशरूफ इन दो कट्टर 'ब्राह्मणों' ने कर डाला था इस्लाम तक को कबूल, लेकिन फिर हाथों से निकल गया प्यार क्यों?
21 दिनों तक जिसने कर लिया इस पौधे का सेवन…नपुंसकता को जड़ से कर देगा खत्म, इतने दिनों में मिल जाएगी बाप बनने की ख़ुशी!
क्यों महाराणा प्रताप की मौत की खबर मिलते ही अकबर के भी बहने लगे थे आंसू? क्या था इसके पीछे का असल सच कोई पडपंच या दुख?
लाशों का कूड़ादान, आत्माओं की चीख-पुकार…यहां भटकते हैं मरीजों-डॉक्टरों के भूत! बेहद भूतिया है ये आईलैंड
Lung Cancer होने से पहले फेफड़े देते हैं ये 3 खतरनाक इशारे, पॉल्यूशन के दौर में कतई ना करें इग्नोर
क्या था इस मूछों वाली राजकुमारी की खूबसूरती का राज? जिसके लिए एक नहीं दो नहीं बल्कि 13 लड़कों ने दे दी थी अपनी जान!
India News (इंडिया न्यूज), Mughal Emperor Babar: भारतीय इतिहास में मुगल सल्तनत का नाम महत्वपूर्ण है, क्योंकि दिल्ली पर सबसे लंबी इस्लामी हुकूमत मुगलों ने ही स्थापित की थी। इस सल्तनत की नींव ज़हीरुद्दीन मुहम्मद बाबर ने रखी थी, जो उज्बेकिस्तान के फरगना घाटी के अंदजान गांव के निवासी थे। बाबर का जन्म 14 फरवरी 1483 को हुआ था। उनके पिता उमर शेख मिर्जा फरगना के शासक थे।
बाबर को महज 11 साल की उम्र में अपने पिता के निधन के बाद सत्ता संभालनी पड़ी। उनके जीवन पर तैमूर लंग और चंगेज खान जैसे इतिहास के क्रूर शासकों का गहरा प्रभाव था, क्योंकि बाबर के पिता तैमूर के वंशज थे और उनकी मां मंगोल शासक चंगेज खान की वंशज थीं। इस वजह से बाबर को एक कुशल और दृढ़ शासक माना जाता था।
हालांकि, बाबर को क्रूर शासक के रूप में जाना जाता है, लेकिन इतिहासकारों ने यह भी लिखा है कि वह एक नर्मदिल इंसान थे। हरबंश मुखिया ने अपनी पुस्तक में बाबर की भावनात्मकता का उल्लेख किया है। एक घटना के अनुसार, जब बाबर को लड़ाई पर जाने से पहले किसी ने खरबूजा पेश किया, तो उसे देखकर बाबर बेहद खुश हुए और अचानक रोने लगे। जब दरबारियों ने इसका कारण पूछा, तो बाबर ने कहा कि वह खुशी से रो रहे हैं, क्योंकि उन्होंने कई सालों बाद खरबूजा देखा था। इस घटना ने बाबर के मानवीय पक्ष को उजागर किया।
पूरी मुग़ल सलतनत पर धब्बा था ये राजा, मुड़ते ही कहलाता था ‘लंपट मूर्ख मुगल बादशाह’
बाबर ने 1526 में पानीपत की पहली लड़ाई में इब्राहिम लोदी को हराकर दिल्ली के तख्त पर कब्जा किया। इस जीत के साथ ही भारत में मुगल सल्तनत की शुरुआत हुई। बाबर ने एक मजबूत और व्यवस्थित शासन की नींव रखी, जो आगे चलकर उनके वंशजों द्वारा विस्तार पाई।
हालांकि बाबर ने हिंदुस्तान में मुगल सल्तनत की स्थापना की, लेकिन वह खुद केवल चार वर्षों तक शासन कर सके। 1530 में महज 47 वर्ष की आयु में बाबर का निधन हो गया। इसके बाद उनके बेटे हुमायूं ने गद्दी संभाली। बाबर की मृत्यु के बाद भी उनकी विरासत लंबे समय तक कायम रही। उनकी आत्मकथा “बाबरनामा” आज भी इतिहास के महत्वपूर्ण दस्तावेजों में गिनी जाती है।
मुगल सल्तनत भारतीय इतिहास का एक अहम अध्याय है। बाबर ने न केवल एक साम्राज्य की स्थापना की, बल्कि अपने व्यक्तित्व और कुशल नेतृत्व से आने वाली पीढ़ियों के लिए एक मिसाल कायम की। उनकी कहानी हमें बताती है कि एक शासक में न केवल युद्ध कौशल होना चाहिए, बल्कि उसमें मानवता और संवेदनशीलता भी होनी चाहिए। बाबर का जीवन संघर्ष, विजय और संवेदनशीलता का अद्भुत मिश्रण है, जो उन्हें इतिहास के पन्नों में अमर बनाता है।
हिन्दुस्तान का वो एकलौता ऐसा अय्याश राजा जिसके महल में एंट्री के वक्त भी उतारने पड़ते थे कपड़े?
डिस्क्लेमर: इस आलेख में दी गई जानकारियों का हम यह दावा नहीं करते कि ये जानकारी पूर्णतया सत्य एवं सटीक है।पाठकों से अनुरोध है कि इस लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। इंडिया न्यूज इसकी सत्यता का दावा नहीं करता है।
Get Current Updates on, India News, India News sports, India News Health along with India News Entertainment, and Headlines from India and around the world.