इंडिया न्यूज़ , अजीत मैंदोला
UP Assembly Election 2022 Latest News चुनाव की घोषणा के बाद उत्तर प्रदेश में बीजेपी अलग अलग क्षेत्र के लिये नये नये मुद्दे सामने ला सकती है।खास तौर पर कमजोर माना जा रहा पश्चिम उत्तर प्रदेश में बीजेपी कई प्रयोग करेगी। इस की शुरुआत चोरी की कार काटने के लिये मेरठ का बदनाम बाजार सोतीगंज को चुनावी मुद्दा बना दिया गया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी खुद अपनी रैलियों में सोतीगंज मार्केट का जिक्र कर पूरे मामले को प्रदेश की सुधरती कानून व्यवस्था से जोड़ चुके हैं। इसमें कोई दो राय नही है कानून व्यवस्था यूपी में बड़ा मुद्दा रहा है। बीजेपी यही बताने में लगी है कि मुख्यमंत्री योगी ने बीते पांच साल प्रदेश को अपराध मुक्त कर दिया है। हिदुत्व के साथ साथ सुधरती कानून व्यवस्था बीजेपी का बड़ा मुद्दा है।प्रधानमंत्री मोदी से लेकर पार्टी के सभी नेता कानून व्यवस्था के लिये योगी की पीठ थपथपाना नही भूलते है।विपक्ष की सबसे बड़ी कमजोरी कानून व्यवस्था ही रही है।खास तौर पर बीजेपी को सीधी टक्कर दे रही समाजवादी पार्टी।
बीजेपी प्रदेश के हर क्षेत्र का आंकलन कर उस हिसाब से मुद्दे तय कर रही है। पूर्व में बीजेपी ने मंदिर और विकास के नाम पर रणनीति तैयार की है। जिसमे फिलहाल वह सपा पर भारी है। लेकिन पश्चिमी उत्तर प्रदेश के लिये वह अलग रणनीति पर काम कर रही है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मथुरा का जिक्र कर बड़ा दांव खेला है। उन्होंने एक तीर से दो निशाने साधे हैं। अयोध्या की तरह मथुरा का निर्माण की बात कर साफ कर दिया कि वहाँ भी भव्य निर्माण होगा। हिदूं वोटरों को बड़ा सन्देश दे दिया है। दूसरा योगी की मथुरा से चुनाव लड़ने की चर्चा शुरू हो गई। कहाँ से लड़ेंगे अभी तय होना है। चर्चा अयोध्या की ज्यादा है ,लेकिन संकेत पश्चिम उत्तर प्रदेश से भी चुनाव लड़ने के हैं। यह देखना होगा कि मथुरा से लड़ते हैं या सहारनपुर मंडल से।
योगी को पश्चिम उत्तर प्रदेश से चुनाव लड़ा बीजेपी अपने कमजोर गढ़ को मजबूत कर सकती है। किसान आंदोलन के बाद पश्चिम उत्तर प्रदेश में बीजेपी की पकड़ कमजोर हुई है।सपा और लोकदल के गठबंधन ने बीजेपी की चिंता और बढ़ा दी है।कोई अड़चन नही आई तो 14 जनवरी को अखिलेश यादव और जयंत चौधरी सीट बंटवारे की घोषणा कर देंगे। पहले चरण में पश्चिम उत्तर प्रदेश में ही चुनाव होना है। अभी बीजेपी की रणनीति पश्चिम उत्तर प्रदेश में कारगर होती दिख रही है। पहला सीएम ने मथुरा को मुद्दा बना हिंदुत्व के एजेंडे को मजबूत किया है।मथुरा का मुद्दा अयोध्या की तरह पश्चिमी उत्तर प्रदेश में वोटों का ध्रुवीकरण कराने में अहम भूमिका निभा सकता है।
UP Assembly Election 2022 Latest News इसी कड़ी में मेरठ के बदनाम चोर बाजार को सोतीगंज से जोड़ा जा सकता है। करीब चार दशक से भी अधिक पुराना यह बाजार चोरी की कारों को 10 मिनट में काटकर उसके हर पार्ट को अलग अलग दुकानों में बेचने के लिये मशहूर था। एक विशेष समुदाय द्वारा यह बाजार चलाया जाता था। इस बाजार में करोड़ों का लेन देन होता। बाजार चलाने वालों का दबदबा इतना था कि कई सरकारी जमीनों को कब्जा कर अपना गोदाम बना लिया था। इनके राजनीतिक संबध सपा और बसपा के नेताओं से प्रगाढ़ बताए जाते हैं। बड़ा वोट बैंक होने के चलते राजनीतिक दल इन्हें संरक्षण देते थे।योगी सरकार ने चुनाव करीब आते ही दिसम्बर में पूरे मार्केट को खत्म करवा इसे मुद्दा बना दिया।बाजार से जुड़े कई दिग्गजों को जेल में डाल दिया।
इस बाजार में यूपी समेत पड़ोसी राज्यों की भी चोरी की गाड़ियां यहाँ कटने के लिए आती थी। राजनीतिक संरक्षण के चलते पुलिस वाले भी बाजार में घुस नही पाते थे। सोतीगंज पर कार्रवाई होते ही बीजेपी ने रणनीति के तहत इसे उपलब्धि बताना शुरू कर दिया। प्रधानमंत्री मोदी ने अपनी मेरठ रैली रही हो या शाहजहांपुर की दोनों में सोतीगंज बाजार का जिक्र सोच समझकर किया। प्रधानमंत्री ने अपने भाषणों में यही सन्देश देने की कोशिश की कि बीजेपी के राज अपराधी पनप नही पाएंगे। पीएम के बोलने के बाद बीजेपी इसे बड़ा मुद्दा बनाने में जुट गई है। एक तो कानून व्यवस्था से जोड़ जनता सन्देश देना, दूसरा विशेष समुदाय की नाराजगी बीजेपी को वोटों का धुर्वीकरण कराने में काम करेगी।आने वाले दिनों में पश्चिम उत्तर प्रदेश में विकास के साथ साथ, मथुरा,योगी का चुनाव लड़ना ओर सोतीगंज बाजार का बन्द होना भी एक अहम मुद्दा होगा। (UP Assembly Election 2022 Latest News)
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