संबंधित खबरें
चाय बेचने वाले को भाजपा ने बनाया महापौर प्रत्याशी, जानिये कौन है शख्स जिसपर बीजेपी ने लगाया दांव
जांजगीर-चांपा के नहर में युवक की मिली लाश! हत्या या आत्महत्या… जांच में जुटी पुलिस
बीजापुर में नक्सलियों की कायराना हरकत, ग्रामीण की कुल्हाड़ी से हत्या, इलाके में फैली दहशत
चाय बेचने वाले जीवर्धन चौहान बने रायगढ़ से BJP के उम्मीदवार, पिछले 29 सालों से पार्टी के कार्यकर्ता
ठंड का एहसास, छत्तीसगढ़ का मौसम रहेगा साफ, जाने पूरा मौसम का हाल
रायपुर में कांग्रेस ने 10 नगर निगमों के लिए मेयर प्रत्याशियों की जारी की सूची, प्रत्याशियों का हुआ चयन
India News (इंडिया न्यूज), Padmashree Award: छत्तीसगढ़ के नारायणपुर जिले के ग्राम गढ़बेंगाल के निवासी और आदिवासी लोक कला के प्रमुख शिल्पकार पंडीराम मंडावी का नाम पद्मश्री पुरस्कार के लिए नामित किया गया है। यह सम्मान उन्हें आदिवासी लोक नाट्य, लोक शिल्प और काष्ठ कला के क्षेत्र में दिए गए उनके अभूतपूर्व योगदान के लिए दिया जा रहा है। इस उपलब्धि से उनके परिवार और पूरे आदिवासी समाज में खुशी की लहर है।
पंडीराम मंडावी ने अपने काष्ठ शिल्प और लोक कला के माध्यम से छत्तीसगढ़ की आदिवासी संस्कृति को जीवंत बनाए रखने का कार्य किया है। उनके बनाए गए शिल्पकृतियों में आदिवासी समाज की परंपराएं, रीति-रिवाज और जीवनशैली की झलक मिलती है। उनकी विशेष पहचान “बस्तर बांसुरी” या “सुलुर” बनाने में है। इसके साथ ही, उन्होंने लकड़ी के पैनलों पर उभरे हुए चित्र, मूर्तियां और अन्य शिल्पकृतियों से अपनी कला को राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहुंचाया है।
26 जनवरी पर मौसम होगा ‘बेइमान’! NCR से गोरखपुर तक बूंदाबांदी, नए पश्चिमी विक्षोभ से कांपेगे लोग
पंडीराम मंडावी ने मात्र 12 साल की उम्र में अपने पूर्वजों से यह कला सीखी और अपने समर्पण व मेहनत के बल पर इसे नई ऊंचाइयों तक पहुंचाया। एक सांस्कृतिक दूत के रूप में उन्होंने आठ से अधिक देशों में अपनी कला का प्रदर्शन किया और छत्तीसगढ़ की कला को वैश्विक मंच पर पहचान दिलाई।
पंडीराम मंडावी ने न केवल अपनी कला को जीवित रखा, बल्कि इसे नई पीढ़ियों तक पहुंचाने का कार्य भी किया। उन्होंने एक हजार से अधिक कारीगरों को प्रशिक्षण देकर इस परंपरा को सशक्त बनाया। उनके प्रयासों के लिए उन्हें 6 नवंबर 2024 को रायपुर में आयोजित राज्योत्सव में दाऊ मंदराजी पुरस्कार से सम्मानित किया गया।
पंडीराम मंडावी की यह उपलब्धि न केवल छत्तीसगढ़ बल्कि पूरे देश के लिए गर्व की बात है। पद्मश्री के लिए नामित होकर उन्होंने साबित किया है कि मेहनत और समर्पण से कोई भी कला अपने आप में अद्वितीय बन सकती है।
गणतंत्र दिवस पर भगवान बाबा महाकाल का तिरंगा स्वरूप, भस्म आरती में देशभक्ति का संदेश
Get Current Updates on, India News, India News sports, India News Health along with India News Entertainment, and Headlines from India and around the world.