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India News (इंडिया न्यूज), Debt On World’s Ten Most Powerful Countries: आजकल देशों का कर्ज एक अहम वैश्विक मुद्दा बन गया है। खासकर बड़े और विकसित देशों में कर्ज की मात्रा काफी ज्यादा हो गई है, जो उनके आर्थिक विकास और वित्तीय स्थिरता को प्रभावित कर सकती है। यह स्थिति आने वाले समय में इन देशों की आर्थिक नीतियों और वित्तीय सेहत पर सवाल खड़े करती है। कर्ज के बोझ तले दबे दुनिया के 10 सबसे बड़े देशों की एक सूची जारी हुई है। जिसको लेकर क्रमश जानने का प्रयास करेंगे।
आपको जानकारी के लिए बता दें कि, यूनाइटेड स्टेट्स दुनिया की सबसे बड़ी और सबसे विकसित अर्थव्यवस्था है, लेकिन उस पर सबसे ज्यादा कर्ज भी है। अमेरिका का कर्ज वैश्विक स्तर पर सबसे ज्यादा है, जो करीब 33.2 ट्रिलियन डॉलर है। यह कर्ज अमेरिकी सरकार ने लिया है, जिसमें सरकारी खर्च, रक्षा बजट और अन्य कल्याणकारी योजनाएं शामिल हैं। तो वहीं दूसरी तरफ, चीन पर 14,692 बिलियन डॉलर का कर्ज है। चीन अपने कर्ज का एक बड़ा हिस्सा घरेलू उधारी से वहन करता है, फिर भी यह एक महत्वपूर्ण वैश्विक अर्थव्यवस्था है और इसका कर्ज वैश्विक स्तर पर प्रभाव डालता है।
जापान एक और विकसित देश है, जिसका कर्ज बहुत ज्यादा है। जापान का कुल कर्ज 10.8 ट्रिलियन डॉलर है, जो जापान की अर्थव्यवस्था की स्थिरता को चुनौती देता है। जापान के कर्ज का एक बड़ा हिस्सा सरकारी खर्च और पेंशन सिस्टम से जुड़ा है। तो वहीं, यूनाइटेड किंगडम का कर्ज करीब 3.5 ट्रिलियन डॉलर है। यहां की सरकार कई बार अपने कर्ज को कम करने की कोशिश कर चुकी है, लेकिन ब्रिटेन की उच्च सार्वजनिक सेवाओं और कल्याणकारी योजनाओं के कारण कर्ज का बोझ बढ़ता ही जा रहा है। यूरोपीय संघ का एक प्रमुख सदस्य फ्रांस 3.35 ट्रिलियन डॉलर के कर्ज के साथ दुनिया के सबसे ज्यादा कर्जदार देशों में पांचवें स्थान पर काबिज है।
इटली का कर्ज 3.14 ट्रिलियन डॉलर है और यह यूरो जोन के सबसे ज्यादा कर्जदार देशों में से एक है। इटली की अर्थव्यवस्था संकट में है और इसे सुधारने के लिए उसे कई बार ईयू से वित्तीय मदद मिल चुकी है। अगर हम भारत की बात करें तो इस पर कुल कर्ज 3.06 ट्रिलियन डॉलर है। हालांकि भारत की अर्थव्यवस्था तेजी से बढ़ रही है, लेकिन इसका कर्ज का बोझ भी बढ़ रहा है। सरकार ने इस कर्ज को चुकाने के लिए कई उपाय किए हैं, लेकिन और सुधार की जरूरत है।
जर्मनी यूरोपीय संघ की सबसे बड़ी और मजबूत अर्थव्यवस्था है और इसका कुल कर्ज का आकार 2.92 ट्रिलियन डॉलर है। जर्मनी के आर्थिक फैसलों का असर न केवल यूरोप बल्कि पूरी दुनिया पर भी पड़ता है। राजनीतिक रूप से अस्थिर कनाडा का कुल कर्ज 2.25 ट्रिलियन डॉलर है। महामारी के बाद कनाडा सरकार ने जमकर खर्च किया, जिससे कर्ज बढ़ गया है। हालांकि कनाडा की अर्थव्यवस्था मजबूत है, लेकिन इस कर्ज को नियंत्रित करना एक चुनौती बन गया है। अंत में ब्राजील का कर्ज 1.87 ट्रिलियन डॉलर है और यह लैटिन अमेरिका का सबसे ज्यादा कर्जदार देश है। ब्राजील सरकार को अपनी आर्थिक और सामाजिक योजनाओं के लिए कर्ज की जरूरत है और इसका असर देश की विकास दर पर देखा जा सकता है।
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