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India News (इंडिया न्यूज़), Fasting Blood Sugar: डायबिटीज एक गंभीर क्रॉनिक बीमारी है, जिसे केवल खान-पान और दवाइयों के जरिए कंट्रोल किया जा सकता है। खराब डाइट, बिगड़ती जीवनशैली और तनाव के कारण यह बीमारी तेजी से बढ़ रही है। डायबिटीज अगर लंबे समय तक नियंत्रण में न रहे तो यह दिल, किडनी और फेफड़ों को प्रभावित कर सकती है।
डायबिटीज के मरीजों में अक्सर देखा गया है कि फास्टिंग ब्लड शुगर (खाली पेट शुगर) का स्तर अधिक होता है। भले ही यह आम धारणा हो कि भोजन के बाद शुगर बढ़ती है, लेकिन रिपोर्ट्स के अनुसार, 60 प्रतिशत मरीजों में फास्टिंग ब्लड शुगर का स्तर अधिक पाया गया है। लंबे समय तक फास्टिंग शुगर का स्तर हाई रहने से थकान, हड्डियों की कमजोरी और इम्यूनिटी में कमी जैसी समस्याएं पैदा हो सकती हैं।
जनसत्ता वेबसाइट के अनुसार छतरपुर, दिल्ली के क्लीनिकल हेल्थ एक्सपर्ट डॉ. कुमार का कहना है कि फास्टिंग शुगर के बढ़ने के पीछे रात के खाने की आदतें जिम्मेदार होती हैं। डिनर में अगर अधिक मात्रा में कार्बोहाइड्रेट्स जैसे चावल, रोटी, मैदा, आलू या चीनी का सेवन किया जाए, तो इसका सीधा असर सुबह की ब्लड शुगर पर पड़ता है। हाई ग्लाइसेमिक इंडेक्स वाले खाद्य पदार्थ, जैसे आलू, शकरकंद, कोल्ड ड्रिंक और सॉफ्ट ड्रिंक, शुगर के स्तर को तेजी से बढ़ा सकते हैं। इसके अलावा, रात में भारी भोजन करने से मेटाबॉलिक रेट प्रभावित होता है, जिससे सुबह खाली पेट शुगर का स्तर ज्यादा रहता है।
रात के खाने में चपाती, दाल और हरी सब्जियों को शामिल करें। यदि आप रात 10 बजे सोते हैं तो डिनर 8 बजे तक कर लें।
शुगर को नॉर्मल रखने के लिए लो-जीआई वाले फूड जैसे चपाती, लो फैट दूध और हरी सब्जियां खाएं। रात में हल्का खाना खाने से भी मदद मिलेगी।
खाने के एक घंटे बाद 1-2 चम्मच ईसबगोल की भूसी का दूध या पानी के साथ सेवन करें। यह फाइबर की कमी को पूरा करेगा, गट हेल्थ सुधारेगा और शुगर को सामान्य स्तर पर लाने में मदद करेगा।
एक बार में बहुत अधिक भोजन न करें। दिन में 3-4 छोटे-छोटे भोजन करें। भूख से 25 प्रतिशत कम खाएं ताकि मेटाबॉलिक रेट सही रहे।
डिनर के बाद हल्की वॉक करें। यह ब्लड शुगर को नियंत्रण में रखने का प्रभावी तरीका है।
डॉ. कुमार का दावा है कि यदि इन उपायों को अपनाया जाए, तो 2-3 दिनों में फास्टिंग शुगर का स्तर 250 से घटकर 150 तक आ सकता है। यह न केवल शुगर को नियंत्रित करता है बल्कि शरीर को ऊर्जा भी प्रदान करता है। फास्टिंग ब्लड शुगर को नजरअंदाज करना सेहत के लिए खतरनाक हो सकता है। डाइट में बदलाव और सही दिनचर्या अपनाकर इसे नियंत्रित किया जा सकता है। डायबिटीज के मरीजों को नियमित ब्लड शुगर जांच कराते रहना चाहिए और डॉक्टर की सलाह का पालन करना चाहिए।
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Disclaimer: इंडिया न्यूज़ इस लेख में सलाह और सुझाव सिर्फ सामान्य सूचना के उद्देश्य के लिए बता रहा हैं। इन्हें पेशेवर चिकित्सा सलाह के रूप में नहीं लिया जाना चाहिए। कोई भी सवाल या परेशानी हो तो हमेशा अपने डॉक्टर से सलाह लें।
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