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अभिषेक जोशी, जयपुर :
Rajasthan Punarjanam Story राजसमंद में 4 वर्षीय एक मासूम के पुनर्जन्म का मामला सामने आया है। 5 बहनों में सबसे छोटी बच्ची ने अपने माता पिता से उसका जन्म 30 किलोमीटर दूर एक गांव में होना बताया और कहा कि उसके दो भाई है। साथ ही आग से जलने के बाद एंबुलेंस द्वारा उसे यहां छोड़ने बात भी बता रही थी। कई दिनों से वो भाई और मां से मिलने की जिद पर अड़ी हुई थी।
परिजनों ने जब पड़ताल की तो 30 किलोमीटर दूर उसके बताए एक गांव में 32 वर्षीय महिला की मौत और पारिवारिक स्थितियां ऐसी ही सामने आई है। इसके बाद परिजन बच्ची को लेकर उस गांव पहुंचे तो अपनी मां के सिवा किसी ओर की गोद ने नहीं जाने वाली मासूम पूरे मोहल्ले और सभी रिश्तेदारों के साथ खूब हंसी खेली।
अपने आपमें दुनिया के इस अनूठे मामले पर इंडिया न्यूज के संवाददाता ने दोनों गांवो में जाकर पड़ताल की तो सामने आया कि यहां ग्रामीण इस 4 वर्षीय बच्ची को 9 साल पहले दुनिया से जा चुकी एक विवाहिता के पुनर्जन्म से जोड़ रहे है। ये बच्ची मृत महिला के भाई, मां और बहन से रोजाना वीडियो कॉलिंग पर बात करती है।
नाथद्वारा से सटे परावल गांव में रतनसिंह चुण्डावत की 5 बेटियां है। पिछले एक साल से उनकी सबसे छोटी बेटी किंजल बार-बार अपने भाई से मिलने की बात कह रही थी। रतनसिंह के कोई बेटा नहीं है, तो लंबे समय तक परिजनों ने इसको सामान्य मानते हुए ध्यान नहीं दिया। डेढ़-दो महीने पहले जब मां दुर्गा ने किंजल को उसके पापा को बुलाने को कहा तो किंजल अचानक बोली कि उसके पापा तो पिपलांत्री गांव में है। वहीं मां और भाई समेत पूरा परिवार भी रहता है।
मां दुर्गा ने बताया कि बार-बार पूछने पर किंजल ने बताया कि वो आग से जल गई थी और बाद में उसे एंबुलेंस यहां छोड़कर चली गई। पापा ट्रक चलाते थे। उसके परिवार में दो भाई और दो बहने हैं। खेत और घर के बाहर फूल के कुछ पौधे होना भी बताया। बच्ची के बीमार होने की आशंका मानते हुए परिजन उसे कई मंदिर – देवरों में भी ले गए, मगर सब जगह बच्ची को नॉर्मल बताया गया।
परावल में मासूम द्वारा कही गई ये सब बातें आसपास के गांवों में भी चर्चा का विषय बन गई। इसी बीच परावल से 30 किलोमीटर दूर पिपलांत्री गांव तक भी जब ये बात पहुंचीं तो गांव में आग से जलकर दम तोड़ चुकी उषा नाम की महिला के परिवार को भी यह जानकारी मिली। उषा का पीहर पीपलांत्री और ससुराल ओडन में है।
उषा के भाई पंकज बताते है कि कुछ दिन पहले यह सब सुनकर बच्ची से मिलने परावल गांव पहुंचे। इस दौरान बच्ची उसे देखकर काफी खुश हुई। उसने जब अपनी मां और उषा का फोटो दिखाया, तो वो फुट – फुटकर रोने लगी। इसके बाद पंकज ने बच्ची के परिजनों को पिपलांत्री आने और सबसे मिलने की बात कही। 14 जनवरी को किंजल अपनी मां और दादा समेत परिवार के लोगों के साथ पिपलांत्री पहुंची। इस दौरान किंजल से मिलने के लिए दूसरे रिश्तेदार मौजूद थे।
उषा की मां गीता पालीवाल ने बताया कि किंजल उसके गांव में भले किसी रिश्तेदारों से नहीं मिलती हो। लेकिन जब वो हमारे गांव आई तो ऐसी प्रतिक्रिया दे रही थी मानो वो बरसों से हमारे गांव और घर को जानती हो। उषा को जानने वाली कई महिलाओं के पास जाकर किंजल ने बात भी की। वो कभी घर की छत, तो कभी घर के चौक में दौड़ने लगी। यही नहीं किंजल ने हमारे घर के बाहर खड़े होकर उन पौधों के बारे में पूछा जिन्हें हमने 7 – 8 सालों पहले हटा दिया था। उसने मेरी दोनों छोटी बेटियों और बेटों से भी बात की और खुब प्यार किया।
गीता ने बताया कि उनकी बेटी उषा की 2013 में घर में काम करते वक्त गैस चूल्हे से झुलस गई थी जिससे उसकी मौत हो गई। उषा के दो बच्चें हैं। यहां जाने के बाद से किंजल रोजाना दिन में 2 या 3 बार उनके बेटे प्रकाश और हीना से फोन पर बात करती है। उससे बात कर हमें भी ऐसा लगता हैं कि मानों हम भी अपनी बेटी उषा से बात कर रहे थे। वे कहती हैं कि उनकी बेटी उषा भी बचपन में इसी तरह सबसे बाते किया करती थी। पूरे मोहल्ले के बीच परिवारजनों से हुई मुलाकात और किंजल द्वारा बताई बातें पूरे गांव में चर्चा का विषय है। ग्रामीण इसे उषा के पुनर्जन्म से जोड़ रहे है।
पूरे घटनाक्रम को लेकर इंडिया न्यूज संवाददाता अभिषेक जोशी ने उदयपुर के एमबी अस्पताल के मनोरोग विशेषज्ञ डॉ सुशील खेराड़ा को यह पूरी जानकारी दी तो उन्होंने बताया कि यह पार्ट ऑफ पैरासाइकोलॉजी है। हालांकि यह केस कॉमन साइकोलॉजी से अलग है। यह बिल्कुल संभव हो सकता है। दुनिया में इससे पहले भी कुछ इसी तरह के केस सामने आए है। वे लोग भी पिछले जन्म के अनुभवों को याद करने लगे थे। यदि ऐसा है तो परावल गांव की इस बच्ची का स्टेटमेंट रिकॉर्ड कर विस्तार से जांच होनी चाहिए। डॉ खेराड़ा ने बताया कि भविष्य में बच्ची में मनोविकार पैदा नहीं हो, इसके लिए इस पर ज्यादा रिसर्च की जरूरत है। (Rajasthan Punarjanam Story)
4 वर्षीय मासूम के पुनर्जन्म मामले पर उदयपुर के ज्योतिषाचार्य डॉक्टर भगवती शंकर व्यास ने बताया कि पुनर्जन्म होता है ये बिल्कुल सत्य है। पिछले जन्म में किये गए पुण्यों के आधार पर कई लोगों में 10 वर्ष की उम्र तक भी स्मृति रहती है। ऐसे में बच्ची की स्टडी करनी बहुत जरूरी है। क्योंकि बड़े होने तक भी बच्ची में माता – पिता और जन्म स्थान को लेकर कोई कंफ्यूज़न है तो ये उसके भविष्य के लिए खतरनाक साबित हो सकता है।
इस मामले में किंजल ने हमने कई बार बात करने की कोशिश की लेकिन वो कुछ नहीं बोली। ये सब उसकी मां और उषा के परिवारजनों के साथ ग्रामीणों के दावे से लिखा गया है।
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