इंडिया न्यूज, नई दिल्ली:
The E passport Announced In Budget 2022: एक फरवरी को बजट 2022 केंद्रीय वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने पेश किया। इस आम बजट में ई-पासपोर्ट की भी घोषणा हुई है। कहा जा रहा है कि ई-पासपोर्ट के जरिए विदेशी यात्रा करने वालों को आसानी हो जाएगी। (Will Change The Way Of Traveling Abroad) ये टेक्नोलॉजी इसी साल से लागू हो जाएगी। लेकिन सबसे पहले यह जानते हैं कि ई-पासपोर्ट है क्या और इसकी शुरुआत किस देश से हुई?आइए जानते हैं।
ई-पासपोर्ट सामान्य पासपोर्ट का एक डिजिटल रूप है। ई-पासपोर्ट में एक चिप लगी होगी। इसमें कम से कम 64 केवी स्टोरेज होगा। ई-पासपोर्ट पासपोर्ट होल्डर की डिटेल्स की सुविधा होगी। इसकी चिप में बायोमेट्रिक डेटा रहेगा, जो कि आपकी सिक्योरिटी में मदद करेगा। ई-पासपोर्ट में लगी इलेक्ट्रॉनिक चिप में पासपोर्ट होल्डर का नाम, जन्म तिथि, घर का पता समेत कई और जानकारियां भी होंगी।
ई-पासपोर्ट के जरिए इमीग्रेशन काउंटरों पर लगने वाली लाइनों से राहत मिलेगी। पासपोर्ट आसानी से इमीग्रेशन काउंटर पर स्कैन हो जाएगा। यात्री को वेरिफिकेशन प्रोसेसिंग में देरी नहीं होगी। सबसे बड़ी बात फर्जी पासपोर्ट का काम बंद हो जाएगा।
आप सोच रहे होंगे कि पासपोर्ट बनवाने की प्रक्रिया में भी बदलाव हुए होंगे। आपको बता दें कि ऐसा बिलकुल नहीं है, सरकार की तरफ से ऐसी कोई जानकारी नहीं दी गई है। माना जा रहा है कि आवेदन की प्रक्रिया पहले जैसे ही रहेगी। एप्लिकेशन फॉर्म में भी कोई बदलाव नहीं किया जाएगा।
आपके-मेरे पास जो नीले रंग का पासपोर्ट है, वह सामान्य पासपोर्ट है। यह पासपोर्ट एक बुक में प्रिंट होता है। पासपोर्ट पर होल्डर का नाम उसकी जन्मतिथि, माता-पिता नाम, शादीशुदा लोगों के लिए पति और पत्नी का नाम, जन्म स्थान की जानकारी प्रिंट होती है। इसके साथ इसमें आपकी फोटो, सिग्ननेचर मौजूद होते हैं। इसलिए यह पहचान के सबसे पुख्ता दस्तावेज में गिना जाता है। जब आपको पासपोर्ट जारी कर दिया जाता है, तब आप उस पर जिस देश में जाना है वहां का वीजा लगाकर ट्रैवल कर सकते हैं।
साधारण पासपोर्ट: नीले रंग का होता है। इसे टूरिस्ट पासपोर्ट कहते हैं। देश के जो नागरिक विदेश घूमने जाना चाहते हैं, उनके पास इसका होना जरूरी है।
फैमिली पासपोर्ट: फैमिली पासपोर्ट परिवार के लिए बनवाया जाता है। इसमें परिवार के हर सदस्य को पासपोर्ट न देकर एक फैमिली पासपोर्ट बनवाया जाता है।
अस्थाई पासपोर्ट: जब आपका पासपोर्ट खो जाता है तब इसे बनाया जाता है। यह पासपोर्ट टूरिस्ट्स के अपने देश लौटने तक ही सिर्फ काम करता है।
आधिकारिक पासपोर्ट: इसे सर्विस पासपोर्ट कहते हैं। इसे सरकारी कर्मचारी इस्तेमाल तक करता है, जब उसे किसी सरकारी कामकाज के लिए विदेश भेजा जाता है।
राजनयिक पासपोर्ट: यह डिप्लोमैटिक पासपोर्ट है। वाणिज्य दूतावासों या राजनयिकों को दिया जाता है। इसका रंग मरून कलर का होता है। इन्हें स्पेशल ट्रीटमेंट मिलता है इमीग्रेशन में। विदेश यात्रा के दौरान भी इस पासपोर्ट का इस्तेमाल करने वाले स्पेशल स्टेटस इंजॉय करते हैं।
कहते हैं कि ई-पासपोर्ट का कॉन्सेप्ट सबसे पहले मलेशिया देश में साल 1998 में लॉन्च किया गया था। अब अमेरिका, ब्रिटेन, जापान और जर्मनी जैसे लगभग सौ से ज्यादा देशों में ई-पासपोर्ट का इस्तेमाल किया जाता है। वहीं भारत में पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर साल 2008 में 20 हजार ई-पासपोर्ट राजनयिकों के लिए जारी किया गया था।
हालांकि, इस बार ई-पासपोर्ट का वित्त मंत्री ने ऐलान किया है। कहा जा रहा है कि उस ई-पासपोर्ट योजना की वर्ष 2015 में भी सुगबुगाहट शुरू हुई थी। उस समय इस योजना पर तेजी से काम शुरू हुआ था। तत्कालीन विदेश राज्यमंत्री रिटायर्ड जनरल वीके सिंह ने भी इस बात के संकेत दिए थे कि सरकार अब जल्द ही देश में चिप वाले ई-पासपोर्ट शुरू करने जा रही है। उसी दौरान 2017 में ट्रायल बेस पर करीब 20 हजार डिप्लोमेट ई-पासपोर्ट जारी किए गए थे। फिर अचानक ही यह योजना ठंडे बस्ते में चली गई थी।
The E passport Announced In Budget 2022
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