इंडिया न्यूज, नई दिल्ली:
RBI Digital Currency: हाल ही बजट 2022 (Budget 2022 ) पेश हुआ है। इसमें केंद्रीय वित्त मंत्री (Nirmala Sitharaman) निर्मला सीतारमण ने (rbi digital currency in india) देश में डिजिटल रुपया लॉन्च करने का ऐलान किया है। ( RBI digital currency name) यह सेंट्रल बैंक डिजिटल करेंसी (CBDC) होगी। डिजिटल रुपया, या सीबीडीसी को डिजिटल इकोनॉमी के लिए बड़ा कदम माना जा रहा है।
बता दें इस डिजिटल करेंसी को रिजर्व बैंक आफ इंडिया (आरबीआई) नए वित्त वर्ष की शुरूआत में लॉन्च करेगा। भारत इस तरह से आधिकारिक तरीके से अपनी डिजिटल करेंसी लॉन्च करने वाला पहला बड़ा देश बन जाएगा। अब सवाल यह उठता है कि केंद्र सरकार को डिजिटल करेंसी की आवश्यकता क्यों पड़ी, आमजन को क्या लाभ होगा।
क्या है डिजिटल करेंसी (CBDC) ?
डिजिटल करेंसी का पूरा नाम सेंट्रल बैंक डिजिटल करेंसी है। (Central Bank Digital Currency, Digital Rupee) इसे भारतीय रिजर्व बैंक जारी करता है और सरकार की मान्यता मिलती है। यह केंद्रीय बैंक की बैलेंसशीट में भी शामिल होती है। डिजिटल करेंसी की खासियत यह है कि इसे देश की सॉवरेन करेंसी में बदला जा सकता है। देश में इसे डिजिटल रुपया कहा जाता है। यह दो तरह की होती है, रिटेल और होलसेल। रिटेल डिजिटल करेंसी आम जनता और कंपनियों के लिए होती है, जबकि होलसेल डिजिटल करेंसी का उपयोग वित्तीय संस्थाओं की ओर से किया जाता है यह ब्लॉकचेन के जरिए काम करेगी।
ब्लॉकचेन क्या है?
ब्लॉकचेन दो शब्दों से मिलकर बना है। पहला ब्लॉक और दूसरा चेन यानी की श्रृंखला। ब्लॉक का मतलब ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी में बहुत सारे डेटा ब्लॉक से हैं। मतलब इन ब्लॉक्स में क्रिप्टोकरेंसी यानी की डेटा रखा जाता है। अलग-अलग बॉक्स में करेंसी मतलब डेटा होते हैं, और ये एक-दूसरे जुड़े होते हैं। डेटा की एक लंबी चैन बनते जाती है। जैसे ही नया डेटा आता है, उसे एक नए ब्लॉक में दर्ज किया जाता है। एक बार जब ब्लॉक डेटा से भर जाता है तो इसे पिछले ब्लॉक से जोड़ दिया जाता है। इसी तरह सारे ब्लॉक्स एक-दूसरे जुड़े रहते हैं।
कैसे काम करेगी डिजिटल करेंसी?
डिजिटल करेंसी (सीबीडीसी) एक ऐसी करेंसी है जिसे देखे या छू नहीं सकते। यह आम मुदÑा की तरह होगी, लेकिन डिजिटल फॉर्मेट में नहीं होगी। इस डिजिटल करेंसी के जरिए आप अपना लेनदेन तो कर सकेंगे, मगर बिल नहीं जमा कर सकेंगे। क्योंकि देश में लेनेदेन के लिए डिजिटल करेंसी के लिए कानूनी तौर पर मान्यता प्राप्त होगी। डिजिटल करेंसी की खासियत यह है कि इस आप अपने आॅनलाइन वालेट में ही रख सकेंगे।
कौन लॉन्च करेगा डिजिटल करेंसी को?
- सेंट्रल बैंक डिजिटल करेंसी (सीबीसीडी) को रिजर्व बैंक आफ इंडिया (आरबीआई) नए फाइनेंशियल ईयर में लॉन्च करेगा। नई करेंसी ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी पर आधारित होगी। आरबीआई की ओर से डिजिटल फॉर्म में जारी सीबीडीसी एक लीगल टेंडर होगा। सेंट्रल बैंक से जारी करेंसी की तरह ही सीबीडीसी भी होगा, लेकिन इसे नोट की तरह आप अपने जेब में नहीं रख पाएंगे।
- यह करेंसी की तरह ही काम करेगा। साथ ही सीबीडीसी को नोट के साथ बदला भी जा सकेगा। यह इलेक्ट्रॉनिक रूप में आपके अकाउंट में दिखाई देगी। आरबीआई अनुसार,सीबीडीसी से आप कैश के मुकाबले आसानी से और सुरक्षित तरीके से कहीं पर भी खरीदारी कर सकेंगे।
क्या डिजिटल करेंसी क्रिप्टोकरेंसी जैसी होगी?
- नहीं, सीबीडीसी क्रिप्टोकरेंसी नहीं है। भारतीय रिजर्व बैंक का सीबीडीसी एक लीगल टेंडर होगा। इसे आरबीआई जारी करेगा, इसलिए इसमें जोखिम नहीं होगा। (rbi digital currency likely in crypto bill) इससे देश में आसानी से खरीदारी हो सकेगी। ये प्राइवेट वर्चुअल करेंसी बिटकॉइन से एकदम अलग होगी।
- प्राइवेट वर्चुअल करेंसी के साथ कई तरह की बाधाएं होती हैं और बिटकॉइन जैसी इन करेंसीज को सभी देशों में मान्यता नहीं मिली है। साथ ही प्राइवेट वर्चुअल करेंसी के किसी सरकार से नहीं जुड़े होने की वजह से इसमें जोखिम बहुत ज्यादा होता है। प्राइवेट वर्चुअल करेंसी कमोडिटी नहीं हैं। साथ ही इनका कोई आंतरिक मूल्य भी नहीं होता है।
क्या डिजिटल करेंसी बिटकॉइन की तरह है?
- (RBI Digital Rupee Vs Bitcoin) इन्वेस्टोपीडिया के मुताबिक, सरकार का लक्ष्य आम जनता को एक लीगल और सुविधाजनक डिजिटल करेंसी मुहैया कराना है, ताकि उन्हें सुरक्षा संबंधी किसी समस्या का सामना नहीं करना पड़े। सरकार की बजट में डिजिटल करेंसी की घोषणा बिटकॉइन और ईथर जैसी अन्य क्रिप्टो और वर्चुअल करेंसी को लेकर मंशा को व्यक्त करती है।
- आरबीआई कई मौकों पर बिटकॉइन को लेकर चिंता जता चुका है। क्योंकि बिटकॉइन, ईथर जैसी क्रिप्टोकरेंसी के साथ मनी लॉन्ड्रिंग, टेरर फाइनेंसिंग, टैक्स चोरी जैसा खतरा बना रहता है। ऐसे में इसका इस्तेमाल आतंकवादी संगठन भी कर सकते हैं। इसलिए आरबीआई ने अपनी खुद की डिजिटल करेंसी सीबीडीसी लाने की योजना की घोषणा की है।
किन देशों में है डिजिटल करेंसी?
- आपको बता दें कि अब तक डिजिटल करेंसी नौ देशों में है। इनमें बहामास, 7 इस्टर्न कैरिबियन और नाइजीरिया शामिल हैं। कैरिबियन देशों से बाहर नाइजीरिया ने भी हाल में अपनी सीबीडीसी ई-नायरा लॉन्च की है।
- हालांकि, चार सबसे बड़े केंद्रीय बैंकों (अमेरिका, यूरोप, जापान और यूके) वाले प्रमुख देश अपनी सीबीडीसी लॉन्च करने में सबसे पीछे हैं। चीन और दक्षिण कोरिया सहित 14 देश ऐसे हैं जो अब अपने सीबीडीसी के साथ प्रायोगिक चरण में हैं और जल्द ही इसे लॉन्च करने की तैयारी कर रहे हैं।
- कहते हैं कि सीबीडीसी किसी भी देश की आधिकारिक करेंसी का इलेक्ट्रॉनिक रिकॉर्ड या डिजिटल टोकन होगा। यह पैसों के लेनदेन, आवश्यक सामानों की खरीदारी के पेमेंट्स में भी काम आएगा।
- दिसंबर 2021 तक 87 देश (जिनकी वैश्विक जीडीपी में 90 फीसदी से अधिक हिस्सेदारी है) सीबीडीसी के बारे में रिसर्च कर जानकारी जुटा रहे थे। इनमें 35 देश मई 2020 में सीबीडीसी लाने के प्रोजेक्ट पर विचार कर रहे थे।
सीबीडीसी से आमजन को क्या लाभ?
- डिजिटल करेंसी आने से सरकार के साथ आम लोगों और बिजनेस के लिए लेनदेन की लागत कम हो जाएगी। जैसे यूएई में एक वर्कर को सैलरी का 50 फीसदी हिस्सा डिजिटल मनी के रूप में मिलता है। इससे ये लोग अन्य देशों में मौजूद अपने रिश्तेदारों को आसानी से और बिना ज्यादा शुल्क दिए पैसे भेज सकते हैं।
- वर्ल्ड बैंक का अनुमान है कि अभी इस तरह दूसरे देशों में पैसे भेजने पर सात फीसदी से अधिक का शुल्क चुकाना पड़ता है, जबकि (rbi digital currency price) डिजिटल करेंसी के आने से इसमें 2 फीसदी तक की कमी आएगी। इससे लो इनकम वाले देशों को हर साल 16 अरब डॉलर (1.2 लाख करोड़ रुपए) से ज्यादा पैसे मिलेंगे।
RBI Digital Currency
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