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Lata Mangeshkar Voice Secret: जिस आवाज ने लता मंगेशकर को दुनिया में दिलाई पहचान, उसकी वैज्ञानिक वजह क्या?

Suman Tiwari • LAST UPDATED : February 8, 2022, 4:03 pm IST
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Lata Mangeshkar Voice Secret: जिस आवाज ने लता मंगेशकर को दुनिया में दिलाई पहचान, उसकी वैज्ञानिक वजह क्या?

Lata Mangeshkar Voice Secret

इंडिया न्यूज, नई दिल्ली:
Lata Mangeshkar Voice Secret:
28 सितंबर 1929 को इंदौर में पंडित दीनानाथ मंगेशकर के घर जन्मी लता मंगेशकर (Lata Mangeshkar)  भारत की सबसे लोकप्रिय और आदरणीय गायिका थीं। (Lata Mangeshkar Death) 6 फरवरी 2022 को लता दीदी (92) दुनिया को अलविदा कह गर्इं।

Lata Mangeshkar: आवाज में ऐसा जादू था कि उनके नाम के आगे-स्वर कोकिला, सुरों की देवी, महान गायिका और आदि आदि शब्दों को लगाए जाते हैं। लेकिन आज भी लोगों के मन में एक सवाल है कि लता मंगेशकर कैसे इतना अच्छा गा लेती थीं। क्या थी वजह उनकी इतनी सुरीली आवाज की, जिसने उन्हें दुनियाभर में इतना महान गायिका बना दिया। तो चलिए जानते हैं।

कैसे निकलती है आवाज? 

  • हमारी विंड पाइप यानी श्वास नली में जीभ के खत्म होने के तुरंत बाद एक आवाज बॉक्स होता है। जो बहुत ही पतली लेकिन मजबूत मांसपेशियों से बना होता है। इसमें वोकल कॉर्ड नाम से दो मांसपेशियां होती हैं। जब हम अपने फेफड़ों से हवा बाहर निकालते हैं तब इन दोनों मांसपेशियों में वाइब्रेशन होता है। इसी से आवाज निकलती है।
  • इन मांसपेशियों के वाइब्रेशन और इनके खुलने और बंद होने के तरीके से ही आवाज में बदलाव पैदा होता है। यही आवाज बाद में हमारे मुंह में जीभ, गाल, होंठ, श्वास नली के जरिए अलग-अलग शब्दों और लय में बदलती है।

क्या दिमाग के दो हिस्सों का काम है बोलना-गाना?

  • वैसे तो कंठ और वोकल कॉर्ड दोनों ही बोलने और सिंगिंग में शामिल होते हैं। जब हम बोलते हैं तो दिमाग का बायां हिस्सा शामिल होता है, जब हम गाते हैं तो दिमाग का दायां हिस्सा शामिल होता है।
  • गाने की लय और उसकी मिठास के लिए दिमाग का दायां हेमीस्फेयर जिम्मेदार होता है। इसका मतलब यह है कि किसी व्यक्ति को बोलने में दिक्कत है, लेकिन इसके बावजूद वह लय में गाना गा सकता है, क्योंकि इसके लिए दिमाग के अलग-अलग हिस्से काम करते हैं।
  • लता मंगेशकर के दिमाग का दायां हिस्सा ज्यादा एक्टिव था। यही हिस्सा गायकी यानी ताल और सुर के लिए जिम्मेदार होता है। इसका आम बोलचाल से कोई लेना-देना नहीं होता है।

क्या होता है पिच? (Lata Mangeshkar Voice Secret)

  • पहले तो पिच को समझना जरूरी है। आवाज हवा, पानी, लकड़ी, लोहा या ऐसे ही किसी माध्यम से गुजरने वाली वेब यानी तरंग होती है। इस ध्वनि तरंग की आवृत्ति को ही फ्रीक्वेंसी कहते हैं। इसे हर्ट्ज यानी एचजेड में मापते हैं।
  • जिस आवाज की फ्रीक्वेंसी जितनी ज्यादा होगी, वह उतनी ही पतली या तीखी होगी। वहीं जिस आवाज की फ्रीक्वेंसी कम होगी, वो मोटी होगी। इसे आवाज की पिच भी कहते हैं। महिलाओं की आवाज की फ्रीक्वेंसी ज्यादा होने की वजह से ही आवाज पतली होती है।
  • इसी तरह ध्वनि तरंग का आवर्त काल यानी पीरियड जितना ज्यादा होगा, आवाज उतनी ही तेज होगी। इंसान के कान आमतौर पर 20 एचजेड से 20 हजार एचजेड तक की ध्वनि सुन सकते हैं। संगीत में आमतौर पर पिच 50 एचजेड से 8000 एचजेड के बीच होती है।

विज्ञान का Lata Mangeshkar की गायकी से क्या संबंध?

कहते हैं कि लता मंगेशकर की आवाज कोई जादू नहीं बल्कि विशुद्ध विज्ञान थी। (lata mangeshkar voice copy) आवाज का मीठा होना और लय, सुर, ताल में गीत गाना, ये दोनों बातें विज्ञान तय करता है। अमेरिका एक की रिपोर्ट अनुसार 1966 में फिल्म अनुपमा में लता ने 570 (एचजेड) की फ्रीक्वेंसी से गाना गाया था। (lata mangeshkar voice range)

उनकी यह पिच कितनी हाई थी, इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि इससे पहले मशहूर सिंगर शमशाद बेगम ने 1949 की फिल्म पतंगा में 310 एचजेड की पिच पर एक गीत गाया था। यही लता मंगेशकर की आवाज की पहली खासियत थी। वहीं 2003 में अलका याज्ञनिक ने दिल का रिश्ता फिल्म में 740 एचजेड की पिच से गाना गाया था।

Lata Mangeshkar Voice Secret

लता की गायकी में हर गुण थे: मुद्गल 

  • लता मंगेशकर को जो बात सबसे खास बनाती थी वो थी सुर और आवाज में उतार-चढ़ाव, या पिच पर लाजवाब पकड़। क्लासिकल सिंगर शुभा मुद्गल ने एक इंटरव्यू में बाकी गायकों की तुलना में लता मंगेशकर के तकनीकी रूप से परफेक्ट होने की वजह बताई थी। (Singer Lata Mangeshkar)
  • मुद्गल ने कहा था कि गाने के दौरान लता की पिचिंग के परफेक्शन का जवाब नहीं था। चाहे कोई सुर पकड़ना हो,या कठिन लाइनों को गाना हो, इसके लिए आवाज की जिस कलाबाजी और चंचलता की जरूरत होती है, वो गुण लता जी की गायकी में थे, जो उन्हें बेजोड़ बनाते थे। कई बार फेमस सिंगर भी कठिन लाइनों को गाते समय थोड़ा फिसल जाते हैं, या उनके सुर थोड़ा गलत हो जाते हैं, लेकिन लता जी में ऐसी कोई कमी नहीं थी।

क्या अच्छा सिंगर बनने के लिए रियाज जरूरी है? (Lata Mangeshkar Voice Secret)

लता मंगेशकर हमेशा टॉप क्लास गायिका रहीं और इसकी सबसे बड़ी वजह थी- लगातार रियाज, यानी गाने की प्रैक्टिस। लता ने अच्छा सिंगर बनने के लिए हर दिन रियाज को जरूरी बताया था। लता दीदी ने कई इंटरव्यू में कहा था कि उनके पिता दीनानाथ मंगेशकर उन्हें हमेशा कहते थे कि अगर अच्छा सिंगर बनना हैं, तो रियाज करते रहो, इससे आवाज हमेशा अच्छी रहेगी। साथ ही लता मंगेशकर हमेशा कहती थीं कि शब्दों का सही उच्चारण और गायकी के प्रति समर्पण और जुनून का गुण ही किसी को अच्छा सिंगर बनाता है।

क्या छह माह तक स्वर कोकिला रहीं थीं मौन? 

  • लता को एक बार अपनी आवाज को लेकर समस्याओं का सामना करना पड़ रहा था। उनके भाई ह्रदयनाथ ने एक इंटरव्यू में बताया था कि 60 के दशक में लता की आवाज टूट रही थी और सपाट हो रही थी।
  • इससे परेशान होकर उन्होंने प्रसिद्ध शास्त्रीय गायक उस्ताद आमिर खान से इसकी चर्चा की। इसके बाद लता ने छह माह के लिए मौन व्रत धारण कर लिया था और एक साल तक सिंगिंग से ब्रेक लिया था।
  • इस ब्रेक के बाद 1962 में जब लता मंगेशकर लौटीं तो फिल्म ‘बीस साल बाद’ में उन्होंने ‘कहीं दीप जले कहीं दिल’ गाना गाया, जो सुपरहिट रहा और उन्होंने इस गाने के लिए बेस्ट फीमेल प्लेबैक सिंगर का अवॉर्ड जीता।

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जो आवाज हुई रिजेक्ट, वही बनी ताकत

  • लता मंगेशकर को करियर की शुरूआत में उनकी पतली आवाज के लिए कई बार रिजेक्ट होना पड़ा था। उन्होंने एक इंटरव्यू में कहा था कि एक नहीं बल्कि कई बार उन्हें डायरेक्टर और प्रोड्यूसर ने उनकी पतली आवाज के लिए रिजेक्ट कर दिया था।
  • लता मंगेशकर ने पहला गाना 1942 में आई मराठी फिल्म ‘किती हसाल’ के लिए गाया था, लेकिन फाइनल कट में गाने को फिल्म से बाहर कर दिया गया था। उनकी यही पतली या बच्चे जैसी आवाज आगे चलकर उनकी खासियत और कभी बूढ़ी नहीं होने वाली आवाज की वजह बन गई।

ईश्वर का दिया वरदान थी लता दीदी की आवाज  (Lata Mangeshkar Voice Secret)

लता मंगेशकर के परिवार में संगीत की धारा बहती है। पांच भाई-बहनों में वह सबसे बड़ी थीं। उनके अलावा उनकी बहनें, मीना खड़ीकर, आशा भोसले और ऊषा मंगेशकर सिंगर हैं, जबकि भाई ह्रदयनाथ म्यूजिक डायरेक्टर हैं। कहते हैं कि लता मंगेशकर की मधुर आवाज ‘गॉड गिफ्टेड’ थी, उन्हें गायकी उनकी रगों में बहती मिली थी। उनके पिता दीनानाथ मंगेशकर नाट्य संगीतकार और एक हिंदुस्तानी क्लासिकल गायक थे।

क्या सुरों की देवी ने अपनी आवाज का कराया था इंश्योरेंस?

30 से ज्यादा भाषाओं में हजारों गीत गाने वाली लता मंगेशकर ने अपनी आवाज का इंश्योरेंस करवाया था। हालांकि, ये पता नहीं है कि उन्होंने कितने में अपनी आवाज का इंश्योरेंस कराया था। बॉलीवुड के कई स्टार अपने अलग-अलग बॉडी पार्ट्स का इंश्योरेंस करा चुके हैं। लता के अलावा सुपरस्टार रजनीकांत ने भी अपनी आवाज का इंश्योरेंस कराया है।

Lata Mangeshkar Voice Secret

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