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Prime Minister On Punjab Assembly Poll 2022 मोदी के नए पंजाब की नींव

Vir Singh • LAST UPDATED : February 20, 2022, 12:26 pm IST
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Prime Minister On Punjab Assembly Poll 2022 मोदी के नए पंजाब की नींव

Prime Minister On Punjab Assembly Poll 2022

Prime Minister On Punjab Assembly Poll 2022

संजू वर्मा

(लेखक संजू वर्मा भारतीय जनता पार्टी की राष्ट्रीय प्रवक्ता हैं।)

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पिछले लगभग आठ सालों में कई बार सबका साथ,सबका विकास, सबका विश्वास और सबका प्रयास के बारे में लगातार बात की है। मोदी के लिए ये सिर्फ एक नारा नहीं है बल्कि काम करने की एक अटूट शैली है, जिसके चलते उन्होंने भारत के हर प्रांत को विकसित करने में कोई कसर नहीं छोड़ी। बात जब पंजाब की होती है तो ये एक ऐसा राज्य है जो वीर जवानों,सिख भाईचारे,सरसों के खेतों के लिए और पंजाबियों की दिलदारी के लिए विख्यात है। हाल ही में जालंधर की एक रैली में नरेंद्र मोदी ने कहा “पंजाब में विकास का एक नया अध्याय शुरू होगा। मैं लोगों, खासकर युवाओं को आश्वस्त करना चाहता हूं कि उनके उज्ज्वल भविष्य के लिए हम कोई कसर नहीं छोड़ेंगे “। कुछ ही दिनों में पंजाब में विधान सभा के चुनाव हैं और मोदी सरकार पंजाब के वासियों के विकास के प्रति पूरी तरह से वचन बद्ध है।

पंजाब को ड्रग्स माफिया और नशा मुक्त करने में कांग्रेस विफल

कांग्रेस पार्टी के सीनियर नेता आपस में रोज लड़ रहे हैं,तो भला वो जनता को एक स्थिर सरकार कैसे दे सकते हैं? पंजाब को ड्रग्स के माफिया से और नशा मुक्त करने के जो वायदे कांग्रेस ने किए थे,उसमे वो पूरी तरह से विफल रही है। मुख्य मंत्री चरणजीत सिंह चन्नी के भतीजे के घर से 10 करोड़ नगद कैश बरामद हुआ और उसकी गिरफ्तारी भी हुई, जिसका मतलब साफ है कि कांग्रेस का हाथ करप्शन के साथ है। भाजपा 117 सदस्यीय पंजाब विधानसभा के लिए अमरिंदर सिंह नीत पंजाब लोक कांग्रेस और सुखदेव सिंह ढींडसा की शिरोमणि अकाली दल (संयुक्त) के साथ गठबंधन कर चुनाव लड़ रही है।मोदी सरकार ने केंद्र में पिछले कई सालों से एक स्थिर,काबिल और करप्शन मुक्त शासन के चलते,देश को विकास के पथ पर अग्रसर करने में बेहतरीन काम किया है। अपनी सक्रिय विचारधारा से मोदी ने ‘सर्वधर्म समभाव’ और ‘वसुधैव कुटुम्बकम’ की अवधारणा को सुस्पष्ट कर दिया है।

पीएम मोदी ने सिख भाइयों से समुचित न्याय कियाPrime Minister On Punjab Assembly Poll 2022

सिख धर्म के समस्त सिख भाइयों के साथ भी प्रधानमंत्री मोदी ने समुचित न्याय किया है। अभी हाल ही में प्रधानमंत्री द्वारा गुरू गोविन्द सिंह के प्रकाश पर्व के शुभ अवसर पर सिखों के दसवें गुरु गोविंद सिंह के दोनों छोटे साहिबजादों के सम्मान में उनके शहादत दिवस,26 दिसंबर को, हर साल ‘वीर बाल दिवस’ के रूप में मनाने की घोषणा की। सिखों के आदर्श गुरु गोबिंद सिंह के प्रकाश दिवस को प्रधानमंत्री मोदी के इस घोषणा ने महान ऐतिहासिक दिन बना दिया है। गुरू नानकदेव से लेकर गुरू गोबिन्दसिंह तक,सिख सम्प्रदाय में दस गुरू हैं।

सभी ने गुरू नानकदेव की शिक्षाओं को प्रचारित-प्रसारित करने का काम किया। परंतु यह काम इतना आसान नहीं था। तत्कालीन मुगलिया सल्तनत के बढ़ते प्रसार और इस्लामीकरण के चलते, सिख गुरुओं और इनके अनुयायिओं पर भयानक अत्याचार किए। सिखों ने भी जमकर लोहा लिया। सिख सम्प्रदाय की विशेषता यह थी कि इसमें जात-पात, छोटा-बड़ा, ऊंच-नीच सब मिश्रित हो गया और वास्तव में एकीकृत समाज का उत्थान हुआ।कई मायनों में यह एक सर्वोच्च धर्म के रूप में स्थापित हुआ। नरेंद्र मोदी ने हमेशा सिख धर्म की सवोच्छता के सामने सर झुका कर सिख गुरुओं का आदर सम्मान किया है।दशकों तक केंद्र में कांग्रेस का शासन रहा पर सिख गुरुओं को जो सम्मान मिलना चाहिए था,वो उन्हें कभी नहीं मिला।वो सम्मान सिर्फ मोदी सरकार के सत्ता में आने के बाद सिख धर्म को प्राप्त हुआ।

शहादत दिवस को ‘वीर बाल दिवस’ के रूप में मनाने की घोषणा की

प्रधानमंत्री मोदी द्वारा दसवें गुरू गुरू गोबिन्द सिंह के प्यारे पुत्रों के शहादत दिवस को ‘वीर बाल दिवस’ के रूप में मनाने की घोषणा ने समस्त सिख समाज के मस्तक को गर्व से ऊंचा कर दिया है। गुरू के साहसी वीर मासूम बालकों ने लाख यातनाओं के बावजूद भी अपने धर्म की राह न छोड़ी और अपने दादा परदादाओं की तरह ही पूरी वीरता और साहस से हंसते-हंसते मौत को गले लगा लिया। पूरे विश्व के इतिहास में धर्म, सिद्धांत और विचारों की रक्षा के लिए मासूमों द्वारा किये गये बलिदान का ऐसा अनोखा उदहारण नहीं है।

26 मई 2014 से अब तक मोदी सरकार ने सिखों की भावनाओं के सम्मान, कष्टों से निवारण सर्वांगीण विकास,तथा उत्थान के लिए अनेक उल्लेखनीय कदम उठाए हैं। 1984 में पंजाब सहित सम्पूर्ण भारत में निर्दोष सिखों के दर्दनाक सामूहिक नरसंघार के दोषियों को कई सालों तक सजा नहीं मिल पाई थी। प्रधानमंत्री मोदी ने सरकार बनाते ही एसआईटी बनाकर जांच करवाई तथा दोषी कांग्रेस के दिग्गजों को जेल पहुंचाकर पीड़ित सिख परिवारों को इंसाफ दिलवाया तथा उनके आंसू पोंछे। लगभग 35 वर्षो पश्चात् 1984 के दंगों के पीड़ित परिवारों को नरेन्द्र मोदी की सरकार ने अनुदान राशि देने का काम किया जो कांग्रेस नहीं कर पाई।पिछले 73 वर्षों से भारत सहित विश्व के करोड़ों सिखों की लालसा सिखों के प्रथम गुरु नानकदेव साहब के स्वयं के हाथों से सिंचित पाकिस्तान के करतारपुर स्थित गुरुद्वारा करतार साहिब में पूजा-अर्चना करने की थी। प्रधानमंत्री मोदी ने करतारपुर कॉरिडोर खोलवाकर सिखों की ये इच्छा भी पूरी की।

प्रधानमंत्री ने स्वर्ण मंदिर पर विदेशों से दान लेने का बैन हटाया

विश्व प्रसिद्ध अमृतसर स्थित सिखों का सबसे प्राचीन गुरूद्वारा हरमंदिर साहिब (स्वर्ण मंदिर) को 1984 की घटना के बाद विदेशों से दान लेना प्रतिबंधित था। परंतु प्रधानमंत्री मोदी ने इस प्रतिबंध को हटाया, जिससे अब एफसीआरए द्वारा श्हरमंदिर साहिब को सभी देशों से दान व सहयोग मिलना सरल तरीके से प्रारंभ हो गया है। कांग्रेस की कुनीतियों और तुष्टिकरण वाली मानसिकता के कारण पिछले 35 सालों से आतंकवाद के दौर में बाहर गए सिखों की काली सूची बनाई गई थी। प्रधानमंत्री मोदी ने इस काली सूची को खत्म कर समाज से कटे इन सिखों को पुन: समाज की मुख्य धारा से जोड़ने का बेहतरीन काम किया।

धार्मिक स्थलों के नवीनीकरण के लिए करोड़ों अनुदान

धार्मिक स्थलों के नवीनीकरण के क्रम में मोदी सरकार ने हरमंदिर साहिब (स्वर्ण मंदिर) के आस-पास कॉरिडोर बनाने के लिए करोड़ों रुपए का अनुदान दिया। पंजाब के लाखों किसानों को प्रधान मंत्री किसान सम्मान निधि योजना के अंतर्गत सालाना 6000 रुपए की रकम मिलती है। मोदी सरकार की पहल पर सिखों के प्रथम गुरू गुरूनानकदेव के 550वें वर्ष के उपलक्ष्य में देश-विदेश में गुरूनानक देव का प्रकटोत्सव मनाया जाना समस्त सिख समाज के लिए बड़े हर्ष की बात थी।कांग्रेस की किसी सरकार ने कभी भी गुरुनानक जयंती को ना ही मनाया और ना ही गुरु नानक देव की याद में कभी कोई राष्ट्रीय स्तर पर कार्यक्रम आयोजित किया। पर प्रधानमंत्री मोदी की सरकार ने सिख धर्म में महत्वपूर्ण स्थान रखनेवाले एवं गुरू नानक साहब के साथ जुड़े सुलतानपुर लोधी को भव्य धार्मिक स्थल के रूप में विकसित करने के लिए करोड़ों की लागत से विकास कार्य करवाए गए।

अफगानिस्तान से पवित्र गुरू ग्रन्थ साहिब के स्वरूप को सम्मान सहित भारत वापस लाने का अदभुत काम किया

सिखों के दसवें और अंतिम गुरू गोविंद सिंह के 350वें प्रकाश वर्ष पर देश भर में प्रकाशोत्सव कार्यक्रम किया जाना, स्वयं प्रधानमंत्री मोदी का उनके जन्म स्थल पटना साहिब गुरुद्वारे में मत्था टेकना और गुरू गोविन्द सिंह के सम्मान में उनके छवि का सिक्का और डाक टिकट जारी करना,सिख समाज को सर्वप्रतिष्ठित करता है और ये सभी काम सिर्फ नरेन्द्र मोदी की सरकार ने किए हैं। मोदी ने गुरू तेगबहादुर के 400वें प्रकाश पर्व पर प्रकाशोत्सव और वर्ष भर पूरे देश में विभिन्न कार्यक्रम मनाने का निर्णय ले कर पूरे सिख समाज को गौरवान्वित महसूस करवाया। विश्वभर में,खासतौर पर यूरोप और अमेरिका में लगभग 50 हजार सिख नौजवान लगभग 20-25 वर्षों से राजनैतिक संरक्षण लेकर बैठे थे। प्रधानमंत्री मोदी की सरकार ने उनको दुबारा पासपोर्ट दिलवाने का महत्वपूर्ण कार्य किया। पिछले साल तालिबान के आक्रमण के बाद,पवित्र गुरू ग्रन्थ साहिब के स्वरूप को सम्मान के साथ अफगानिस्तान से भारत वापस लाने का अद्भुत कार्य भी मोदी सरकार ने ही किया। तालिबान के हमले के बाद, अफगानिस्तान में संकट की स्थिति में वहां से 457 अफगान सिखों को मोदी सरकार ने सुरक्षित भारत वापिस लाया।

गुरूद्वारों के पवित्र लंगर को कर के दायरे से बाहर किया, सिख समाज के लिए यह बड़ा सम्मान

गुरूद्वारों के पवित्र लंगर को कर के दायरे से बाहर रखा जाना सिख समाज के लिए महान सम्मान की बात है, जो प्रधानमंत्री मोदी ने किया। पहले कांग्रेस की सरकारों के चलते लंगर पर टैक्स लागू होता था जो मोदी सरकार ने हटाया।मोदी की सरकार ने गुरु गोबिंद सिंह से जुड़े पवित्र स्थलों पर रेल सुविधाओं को 50 करोड़ रुपए की लागत से आधुनिक बनाया गया। गुजरात के जामनगर में गुरु गोबिंद सिंह की याद में 750 बिस्तरों का अस्पताल, मोदी की सरकार द्वारा ही किया गया। सिख संगत के लिए हेमकुंड साहिब के खुले दर्शन हेतु रोप-वे बनाने की परियोजना को हरी झंडी भी नरेन्द्र मोदी की सरकार ने दी।

अमृतसर में नेशनल इंस्टिट्यूट आफ इंटर-फेथ स्टडीज की स्थापना की गई

पहली बार,प्रधानमंत्री मोदी की सरकार की पहल पर अमृतसर में नेशनल इंस्टिट्यूट आॅफ इंटर-फेथ स्टडीज की स्थापना की गई। इन सबके अलावा भारत के प्रधानमंत्री मोदी ने न जाने और कितने छोटे बड़े कार्य सिख समाज के उत्थान, विकास, सम्मान और प्रतिष्ठा के लिए किए हैं; गिनना और कहना मुश्किल है। कुल मिलाकर हम यही कह सकते हैं कि प्रधानमंत्री मोदी की यह भारत सरकार सिखों के सरोकार को समर्पित सरकार है।पंजाब के बहादुर और मेहनती लोगों को एक ऐसी सरकार की जरूरत है जो सियासी दांव पेच से परे हट कर पंजाब के युवाओं को रोजगार दे,ड्रग माफिया,बालू और रेत की माफिया और ट्रांसपोर्ट माफिया से मुक्ति दिलवाए और पंजाब के आने वाली पीढ़ी के उज्ज्वल भविष्य के लिए साफ नियत से,ईमानदारी से काम करे।

कांग्रेस के कुशासन से आज पंजाब के सर पर 2 लाख करोड़ से ज्यादा का कर्जा है।आम आदमी पार्टी बार बार कहती है पंजाबियों के इलेक्ट्रिसिटी बिल माफ कर देगी,पानी के बिल माफ कर देगी, कर्ज माफ कर देगी,इत्यादि।पर लोगों को याद रखना होगा की अरविंद केजरीवाल ने चुनाव से पहले कुछ साल पहले दिल्ली की जनता को भी ऐसे ही भ्रमित किया था बड़े बड़े वादों के साथ, पर कोई वायदा निभाया नहीं। आम आदमी पार्टी कहती है दिल्ली में हेल्थ इंफ्रास्ट्रक्चर पर उन्होंने 20000 करोड़ खर्चे किए।कहां गए वो 20000 करोड़ रुपए? आज तक आम आदमी पार्टी ने एक अस्पताल नहीं खोला दिल्ली की जनता के लिए।झूठे वायदे करना और फिर उन वायदों से मुकर जाना आम आदमी पार्टी की पुरानी फितरत है। ऐसे में,मोदी सरकार जो दिन रात काम करती है और कोरोनावायरस महामारी के चलते भी जिस तरह पंजाब की जनता को मुफ्त वैक्सीन देने का काम किया, उस से साफ जाहिर है,पंजाब बदलाव चाहता है।पंजाबियों का शौर्य दुनिया भर में मशहूर है और पंजाब को और ऊंचाइयों तक सिर्फ मोदी सरकार ही पहुंचा सकती है।

Also Read : Turmoil in Punjab Politics बलबीर सिंह राजेवाल ने बनाई राजनीतिक पार्टी

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