1998 Road Rage Case नवजोत सिंह सिद्धू को सुप्रीम कोर्ट का नोटिस - India News
होम / 1998 Road Rage Case नवजोत सिंह सिद्धू को सुप्रीम कोर्ट का नोटिस

1998 Road Rage Case नवजोत सिंह सिद्धू को सुप्रीम कोर्ट का नोटिस

Vir Singh • LAST UPDATED : February 25, 2022, 7:08 pm IST
ADVERTISEMENT

संबंधित खबरें

1998 Road Rage Case नवजोत सिंह सिद्धू को सुप्रीम कोर्ट का नोटिस

1998 Road Rage Case

1998 Road Rage Case

इंडिया न्यूज, नई दिल्ली:

1998 Road Rage Case पंजाब कांग्रेस के अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू की मुश्किलें फिर बढ़ सकती हैं। सुप्रीम कोर्ट ने अमृतसर सीट से विधानसभा चुनाव लड़ रहे सिद्धू को तैंतीस वर्ष पुराने रोड रेज मामले में नोटिस जारी किया है। आज कोर्ट ने मामले में सुनवाई करते हुए सिद्धू से दो सप्ताह में जवाब मांगा। बता दें कि पीड़ित परिवार ने मामले में साधारण चोट की बजाए गंभीर अपराध की सजा देने की याचिका शीर्ष अदालत में दायर की गई है।

जानिए पहले क्या फैसला हुआ था, सजा बढ़ाने की मांग

1998 Road Rage Case

सुप्रीम कोर्ट ने सिद्धू के इस मामले को पहले साधारण चोट का मामला बताया था। इसी के आधार पर उन्हें सजा तय करने का फैसला किया गया था कि सिद्धू को जेल की सजा सुनाई जाए या नहीं। आज सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता के वकील सिद्धार्थ लूथरा ने कई पुराने मामलों में आए फैसलों का हवाला दिया। उन्होंने कहा, रोड पर हुई हत्या व उसकी वजह पर कोई विवाद नहीं है। पोस्टमार्टम रिपोर्ट से भी साफ है कि यह हत्या का मामला है और हार्टअटैक से मौत नहीं हुई, बल्कि हमले के कारण चोट आई थी। वकील ने दोषी की सजा बढ़ाने की मांग की।

Also Read : Supreme Court decision हरियाणा के लोगों को प्राइवेट सेक्टर में 75 प्रतिशत मिलेगा आरक्षण

याचिकाकर्ता की दलीलों का विरोध किया

नवजोत सिंह सिद्धू की ओर से पी चिदंबरम ने याचिकाकर्ता की दलीलों का विरोध किया। उन्होंने पीड़िता परिवार पर मामले को अलग दिशा देने का आरोप लगाया। चिदंबरम ने कहा कि यह मामला आईपीसी की धारा 323 के अंतर्गत आता है। बता दें कि यह घटना वर्ष 1998 की है और कोर्ट पहले इसमें सिद्धू को सजा सुना चुका है। मामूली चोट पहुंचाने के दोष में उन्हें एक साल की सजा हुई है।

मामूली चोट नहीं, खास कैटेगरी का मामला : जस्टिस कौल

1998 Road Rage Case

Justice Sanjay Kishan Kaul

जस्टिस संजय किशन कौल ने मामले की सुनवाई के दौरान पीड़ित पक्ष से आज कहा कि पिछले जो फैसले लिए गए थे, उनके मुताबिक यह केस केवल मामूली चोट नहीं, बल्कि एक खास श्रेणी में आता है और अब आपको उन दलीलों के साथ बचाव करना है। पूरे फैसले की बजाय आपको सजा की इन्हीं दलीलों पर अपना जवाब रखना है। मौजूदा स्थिति में हम केवल इसी पर सुनवाई को फोकस रखना चाहते हैं। हम पेंडोरा बॉक्स नहीं खोलना चाहते।

यह है मामला

1998 Road Rage Case

घटना 1988 में 27 दिसंबर को पटियाला में हुई थी। सिद्धू व उनके दोस्त रुपिंदर सिंह संधू की गुरनाम सिंह नाम के बुजुर्ग से कार पार्किंग को लेकर बहस हो गई थी। इस बीच गुरनाम की मौत हो गई थी। सिद्धू और रुपिंदर संधू पर पंजाब सरकार के साथ पीड़ित परिवार ने इस संबंध में गैर इरादतन हत्या का मामला दर्ज किया गया था। पंजाब सरकार और पीड़ित परिवार की तरफ से मामला दर्ज करवाया गया था।

Also Read : Supreme Court Speak : दूसरी पत्नी के बेटे को अनुकंपा नियुक्ति से वंचित नहीं किया जा सकता

Connect With Us : Twitter Facebook

Get Current Updates on, India News, India News sports, India News Health along with India News Entertainment, and Headlines from India and around the world.

ADVERTISEMENT

लेटेस्ट खबरें

Lok Sabha Election 2024: नेहरू ने किया संविधान का विभाजन! इस मुस्लिम संगठन ने किया कांग्रेस पर हमला-Indianews
क्या गुजरात में खत्म होगा कांग्रेस के 25 साल का वनवास?
बंगाल वॉरियर्स के कप्तान फजल अत्राचली ने रचा इतिहास, ऐसा करने वाले पहले खिलाड़ी बने
मालामाल हुई चंद्रयान-3 मिशन को सफल बनाने वाली कंपनी, तोड़ दिए कमाई के सारे रिकॉर्ड…मुनाफा जान उड़ जाएंगे होश
Jaunpur News: दिवाली से पहले दर्दनाक हादसा! दुर्घटना में पति-पत्नी की मौत
पाकिस्तान अपने भिखारियों के साथ करने जा रहा है ये काम….सालाना 3.5 लाख करोड़ रुपये जुटाते हैं कंगाल पाक के भिखारी, खुलासे के बाद कॉपरेट एंप्लॉयस की उड़ी होश
दिवाली की पूजा में रख ली अगर ये 5 चीजें तो मां लक्ष्मी प्रसन्न होकर बरसाएंगी पैसा, नहीं होगी कभी धन की कमी
ADVERTISEMENT