Guruwar Puja: ज्योतिष के अनुसार, बृहस्पति को विवाह, भाग्य, धर्म और संतान का मुख्य कारक माना जाता है. देवताओं का गुरु होने के कारण इसे देवगुरु भी कहा जाता है. जब कुंडली में बृहस्पति कमजोर होता है या गुरु दोष होता है, तो विवाह संबंधी मामलों में बार-बार रुकावटें आती हैं.
अक्सर अच्छे विवाह प्रस्ताव आते हैं, लेकिन बात आगे नहीं बढ़ती. इसलिए, ऐसा माना जाता है कि विवाह में आने वाली बाधाओं को दूर करने के लिए बृहस्पति को मजबूत करना बहुत ज़रूरी है.
पूजा कैसे करें
- शास्त्रों में भी विवाह संबंधी समस्याओं को दूर करने के लिए गुरुवार की पूजा के महत्व पर जोर दिया गया है. इस दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान करें और पीले कपड़े पहनें, क्योंकि यह रंग बृहस्पति का प्रतीक है. अपने पूजा स्थल पर भगवान विष्णु और देवी लक्ष्मी की श्रद्धापूर्वक पूजा करें.
- पूजा के दौरान पीले फूल, केले, हल्दी और एक आंख वाला नारियल चढ़ाएं.
- तुलसी के पौधे को दूध मिला पानी चढ़ाने और घी का दीपक जलाने से भी बृहस्पति और विष्णु का आशीर्वाद मिलता है. माना जाता है कि यह पूरी विधि गुरु दोष को शांत करती है और धीरे-धीरे विवाह में आने वाली बाधाओं को कम करती है.
व्रत के कुछ नियम
व्रत के दिन केवल एक सादा भोजन किया जाता है, जिसमें चने की दाल और गुड़ से बना पीला भोजन, जैसे हलवा शामिल होता है. व्रत रखते समय शांत और एकाग्र मन से विवाह से संबंधित अपनी इच्छा को मन में रखें.
ज्योतिषीय मान्यताओं के अनुसार, जब बृहस्पति मजबूत होता है, तो एक उपयुक्त और समझदार जीवनसाथी मिलता है, और वैवाहिक जीवन में स्थिरता आती है. देवी कात्यायनी की पूजा करने से भी मनचाहा जीवनसाथी पाने में मदद मिलती है.
परिवार में भी शांति बनी रहती है
ज्योतिष में सोमवार, बुधवार, गुरुवार और शुक्रवार को विवाह के लिए शुभ माना जाता है, लेकिन गुरुवार को सबसे महत्वपूर्ण माना जाता है. यह दिन सीधे बृहस्पति ग्रह से जुड़ा है, इसलिए इस दिन की गई पूजा और व्रत का अधिक प्रभाव होता है. गुरुवार को पीले कपड़े पहनकर, भगवान विष्णु की पूजा करके और बृहस्पति को समर्पित मंत्रों का जाप करके व्यक्ति विवाह की संभावनाओं को मजबूत कर सकता है. ऐसा माना जाता है कि गुरुवार के ये अनुष्ठान न केवल शादी में आने वाली बाधाओं को दूर करते हैं, बल्कि परिवार में शांति, खुशी और समृद्धि भी लाते हैं.