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Kartik Purnima 2025: कार्तिक पूर्णिमा (Kartik Purnima) का पर्व हिंदू पंचांग के अनुसार अत्यंत पवित्र और शुभ माना जाता है। यह दिन न केवल धार्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है बल्कि ऊर्जा संतुलन और समृद्धि का प्रतीक भी है. इस वर्ष कार्तिक पूर्णिमा का पर्व बुधवार, 5 नवंबर को मनाया जा रहा है. इस दिन स्नान, दान और दीपदान का विशेष महत्व होता है. माना जाता है कि इस दिन किया गया हर शुभ कार्य कई गुना फल देता है. इसी कारण इस दिन मिट्टी से बनी वस्तुएं खरीदने की परंपरा बहुत पुरानी मानी जाती है.
मिट्टी की वस्तुओं का महत्व
मिट्टी पंचतत्वों में से एक है और जीवन के संतुलन का आधार मानी जाती है. जब हम मिट्टी से बनी वस्तुएं अपने घर में रखते हैं तो यह पंचतत्वों की ऊर्जा को संतुलित करती हैं. इससे घर में सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह बढ़ता है और देवी-देवताओं की कृपा प्राप्त होती है.
मिट्टी की मूर्तियां
धार्मिक मूर्तियों के लिए अक्सर लोग धातु का चयन करते हैं, लेकिन कार्तिक पूर्णिमा के दिन मिट्टी की मूर्तियां विशेष महत्व रखती हैं. देवी-देवताओं की मिट्टी से बनी मूर्ति घर में सकारात्मक ऊर्जा लाती है और पूजा का प्रभाव कई गुना बढ़ जाता है.
मिट्टी का दीपक
कार्तिक पूर्णिमा पर मिट्टी का दीपक खरीदकर उसे जलाना शुभ कर्म माना जाता है. कहा जाता है कि मिट्टी का दीपक जलाने से घर की नकारात्मक ऊर्जा दूर होती है और वातावरण में पवित्रता आती है. यह देव दीपावली के अवसर पर भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी की आराधना का भी प्रतीक है.
मिट्टी का घड़ा या कलश
कार्तिक पूर्णिमा के दिन मिट्टी का घड़ा खरीदना बेहद शुभ माना गया है. यह घर में शीतलता, स्थिरता और सौभाग्य लाता है. यदि बड़ा घड़ा संभव न हो, तो मिट्टी से बना छोटा कलश भी समान रूप से शुभ होता है. इसे घर के उत्तर-पूर्व दिशा में रखने की सलाह दी जाती है.
मिट्टी का हाथी
इस दिन मिट्टी से बना हाथी खरीदकर घर के उत्तर दिशा में रखने की परंपरा है. वास्तु शास्त्र के अनुसार हाथी शक्ति, बुद्धिमत्ता और धन का प्रतीक है. इसे घर में रखने से आर्थिक समृद्धि बढ़ती है और मां लक्ष्मी की कृपा बनी रहती है.