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Navratri Day 3: मां चंद्रघंटा की आराधना से दूर होती है घर की Negative Energy और व्यक्ति के भय! जानें क्या है वजह

Navratri Day 3 2025: नवरात्रि का तीसरा दिन मां चंद्रघंटा का होता है, इस दिन माता के इस स्वरूप की आराधना से भक्तों को भय, बाधाएं और नकारात्मक शक्तियां से मुक्ति मिलती है.तो चलिए जानते हैं कि मां चंद्रघंटा की आराधना से नकारात्मक ऊर्जा क्यों कांप उठती है?

Written By: Chhaya Sharma
Last Updated: September 24, 2025 07:26:31 IST

Shardiya Navratri Day 3 Maa Chandraghanta: आज शारदीय नवरात्रि का तीसरा दिन है और आज माता दुर्गा के तीसरे स्वरूप मां चंद्रघंटा की पूजा की जाती है, जिन्हें शक्ति, शौर्य और सौम्यता का प्रतीक माना जाता है और इनका रूप सबसे शांत लेकिन प्रभावशाली होता है. मां चंद्रघंटा मस्तक घंटे के आकार का होता है और इनके मस्तक पर अर्धचंद्र है और गले में झंकारती घंटी होता है, जो उनके दिव्य तेज का प्रतीक है. कहा जाता है कि नवरात्रि में जो कोई भी व्यक्ति मां चंद्रघंटा की पूजा करता है, उससे भय, बाधाएं और नकारात्मक शक्तियां दूर हो जाती है. क्योंकि माता रानी का यह रूप भक्तों की अदृश्य शक्तियों से रक्षा करता है. तो चलिए जानते हैं कि मां चंद्रघंटा की आराधना से नकारात्मक ऊर्जा क्यों कांप उठती है?

मां चंद्रघंटा का स्वरूप

मां चंद्रघंटा के दस हाथ हैं, जिनमें अलग-अलग शस्त्र है और साथ ही कमल-संकल्प धारण हैं. मां चंद्रघंटा यह रूप सिंह पर सवार है, जो असुरों का संहार करता है. सिंह का प्रतीक ही भय पर विजय और साहस है. शिवपुराण और देवीभागवत में बताया गया है कि देवी मां चंद्रघंटा का घंटा ऐसा दिव्य अस्त्र है, जिसकी ध्वनि तीनों लोकों को भय मुक्त करती है, क्योंकि घंटे की ध्वनि सिर्फ धार्मिक आस्था का प्रतीक नहीं होती, बल्कि इससे एक वैज्ञानिक कंपन भी उत्पन्न करती है आईये जानते हैं यहां

घंटे की ध्वनि से कैसे खत्म होती है नकारात्मक ऊर्जा, जाने वैज्ञानिक नजरीया

वैज्ञानिकों के अनुसार मंदिरों में घंटा बजाने से निकलने वाली ध्वनि 125 से 250 हर्ट्ज़ तक होती है और इसकी कंपन मस्तिष्क की तरंगों (ब्रेन वेव्स) को संतुलित करना का काम करती है. वहीं जब घंटा बजता है तो उसकी तरंगें आस-पास के वायुमंडल में फैली नकारात्मक ऊर्जा को भी दूर देती हैं.

मनोवैज्ञानिक और आध्यात्मिक प्रभाव

मां चंद्रघंटा की पूजा से भक्तों को यह विश्वास मिलता है कि देवी उनके चारों ओर एक सुरक्षात्मक कवच बना रही है, इसके अलावा घंटा नाद और देवी चंद्रघंटा का ध्यान करने से  मस्तिष्क में सेरोटोनिन और डोपामाइन जैसे हार्मोन सक्रिय हो जाते हैं, जो आत्मविश्वास को बढ़ाते में मदद करते हैं, साथ ही टोना-टोटका और तांत्रिक प्रभाव निष्प्रभावी हो जाते हैं. यदि घर में तनाव का माहोल है और लगातार विवाद हो रहा है, तो आप मां चंद्रघंटा की पूजा कर सकते हैं ऐसा करने से घर में शांति और सकारात्मकता आती है. 

Disclaimer: इस लेख में दी गई जानकारियों का हम यह दावा नहीं करते कि ये जानकारी पूर्णतया सत्य एवं सटीक है. पाठकों से अनुरोध है कि इस लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें. India News इसकी सत्यता का दावा नहीं करता है.

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