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India News (इंडिया न्यूज), Personal Data Leak: यह युग डिजिटलीकरण का है इस दौर में निजी डेटा लीक होने का खतरा भी बना हुआ है। ज़्यादातर स्मार्टफोन यूज़र अपने फोन में बैंकिंग या फ़िनटेक ऐप का इस्तेमाल करते हैं। डिजिटल बैंकिंग और वित्तीय सेवाओं की वजह से लोगों का काम आसान हो गया है और वे तुरंत पैसे ट्रांसफर करने से लेकर कई सेवाओं का लाभ भी उठा सकते हैं। हालांकि, यह उनकी निजता के लिए बड़ा खतरा बनकर उभरा है। बैंकिंग और वित्तीय सेवाएं देने वाले कई ऐप यूज़र के निजी डेटा तक पहुंच बनाते हैं और उसका गलत इस्तेमाल भी कर सकते हैं।
हाल ही में आई एक रिपोर्ट में यह बात सामने आई है। रिपोर्ट के मुताबिक, भारत में फ़िनटेक और बैंकिंग ऐप इस्तेमाल करने वाले 70 प्रतिशत से ज़्यादा यूज़र का निजी डेटा उन बैंकों और फ़िनटेक कंपनियों के पास रहता है, जो चिंता का विषय है। यूज़र जब भी अपने फोन में कोई ऐप डाउनलोड करते हैं, तो उनसे कई चीज़ों की अनुमति मांगी जाती है, जिसमें कॉन्टैक्ट, फोटो, फाइल, फोन, एसएमएस, लोकेशन और माइक्रोफ़ोन तक की अनुमति शामिल है। अगर यूज़र इनमें से किसी भी चीज़ का एक्सेस ऐप को नहीं देता है, तो उसे बार-बार एक्सेस देने के लिए नोटिफ़ाइड किया जाता है। यहाँ तक कि ऐप भी ठीक से काम नहीं करते हैं।
भारतीय रिजर्व बैंक की इस रिपोर्ट में यूजर प्राइवेसी को लेकर बड़ी बात सामने आई है। रिपोर्ट के मुताबिक, गूगल प्ले स्टोर पर 339 फिनटेक और बैंकिंग ऐप्स को लिस्ट किया गया है। बताया गया है कि वित्त वर्ष 2023-24 में इन ऐप्स द्वारा मांगी गई परमिशन को सबसे संवेदनशील बताया गया है। इस रिपोर्ट में कहा गया है कि 73 फीसदी ऐप्स यूजर्स की लोकेशन को ट्रैक करते रहते हैं। वहीं, तीन-चौथाई से ज्यादा ऐप्स यूजर्स की फोटो, मीडिया फाइल और स्टोरेज की परमिशन मांगते हैं।
इन ऐप्स द्वारा यूजर की लोकेशन को ट्रैक करने का मतलब है कि इन बैंकों के पास इस बात की जानकारी है कि यूजर कहां जा रहे हैं। फिनटेक ऐप्स या मोबाइल वॉलेट का इस्तेमाल करने वाले यूजर्स से सबसे संवेदनशील जानकारी की परमिशन मांगी जाती है।
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