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Cyber Crime: जी 20 समिट में खलल डालना चाहता था PAK, दिल्ली पुलिस पर 3 बार साइबर अटैक

India News (इंडिया न्यूज), Cyber Crime Delhi Police: दुनियाभर में साइबर अपराध तेजी से अपना पांव पसार रहा है। भारत में हर दिन कई लोगों को साइबर क्रिमिनल्स अपना शिकार बनाते हैं। इसी बिच दिल्ली पुलिस में तब हड़कंप मच गया जब दिल्ली पुलिस की आधिकारिक वेबसाइट को हैक कर लिया गया। इस हैकिंग को कुछ पाकिस्तानी हैकर्स ने अंजाम दिया था। खबरों के अनुसार बीते शुक्रवार को भी हैकर्स ने दिल्ली पुलिस के वेबसाइट पर हमला बोल दिया था। आगे क्या हुआ डालते हैं पूरी खबर पर नजर।

दूसरी बार  हुआ हैक

मीडिया में चल रही खबरों के अनुसार, हैकर्स यहीं नहीं रुके। Team Insane PK नामक पाकिस्तानी हैक्टिविस्ट समूह के अपराधियों ने दूसरी बार भी अपनी गंदी करतूत को अंजाम दिया। हैकर्स ने पहले शुक्रवार को, फिर शनिवार को भी वेबसाइट को हैक कर लिया था। हालांकि पुलिस की ओर से इसकी जांच की जा रही है। अभी तक हैकर्स ने ऐसा कैसे किया इसका खुलासा नहीं हो पाया है।

30 मिनट हैकर्स के कंट्रोल में..

जानकारी के अनुसार करीब 30 मिनट तक हैकर्स दिल्ली पुलिस की वेबसाइट पर कब्जा जमाए रहे। उस वक्त
वेबसाइट ओपन करने पर “The service is unavailable” का ऑप्शन आ रहा था। मीडिया में मौजूद खबरों पर नजर डाले तो हैक होने के बाद वेबसाइट को कुछ समय में ही रिकवर कर लिया गया था और किसी बड़ी गड़बड़ी की सूचना नहीं है।

कौन है टीम इनसेन पीके

एक थ्रेट इंटेलिजेंस प्लेटफॉर्म के रिपोर्ट पर नजर डालें तो टीम इनसेन पीके एक ऐसा धार्मिक समूह है जो लगातार पिछले 2 फरवरी, 2023 से भारतीय साइबर स्पेस को टारगेट कर रहा है। हैकर्स की ये टीम खास कर वेबसाइटों को बाधित और नष्ट करने के लिए वितरित डिनायल-ऑफ-सर्विस (डीडीओएस) हमलों और विरूपण हमलों का उपयोग कर रहा है।

G20 में खलल डालने की साजिश

पाकिस्तान अपने करतूत से बाज नहीं आ रहा। पाक के इन हैकर्स ने ऐसी हरकत तब की जब भारत पूरी दुनिया के सामने जी 20 शिखर सम्मेलन की मेजबानी में लगा था। हालांकि हैकर्स के इन हमलों से सम्मेलन पर कोई असर नहीं पड़ा। भारत ने जोरो शोरो से इस सम्मेलन का आयोजन किया और पूरी दुनिया में छाए रहा। इतना जरुर है कि पाक अपने इन नापाक हरकतों ने दुनिया  के सामने अक्सर शर्मसार होते रहता है। जान लें कि G20 शिखर सम्मेलन के लिए सरकार के द्वारा ‘शून्य-विश्वास नीति’ अपनाई गई थी। जिसके अनुसार प्रत्येक डिवाइस और व्यक्ति को निजी नेटवर्क पर डेटा तक पहुंचने या स्थानांतरित करने से पहले सख्त सत्यापन और अनुमति से गुजरना पड़ा। ताकि ऐसे अपराधियों से बचाव किया जा सके और मुंहतोड़ जवाब दिया जा सके।

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Reepu kumari

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