India News (इंडिया न्यूज), FlixBus launches bus service in India: दुनिया के 42 देशों में सबसे बड़ा बस नेटवर्क ऑफर करने वाले एक ग्लोबल ट्रैवल-टेक लीडर फ्लिक्सबस (FlixBus) ने भारत में अपने आने की घोषणा कर दी है। कंपनी वादा करती है कि वह दुनिया के दूसरे सबसे बड़े बस बाजार में सुविधाजनक यात्रा, प्रतिस्पर्धी मूल्य और सर्वोत्तम सुरक्षा मानकों के साथ इंटरसिटी ट्रैवल में क्रांति ला देगी। फ्लिक्सबस के इस देश में आते ही हजारों भारतीयों के लिए अब बहुत सारे सुविधाजनक, सुरक्षित और विश्वसनीय यात्रा विकल्प उपलब्ध हैं। इस सेवा में नई दिल्ली, हिमाचल, जम्मू-कश्मीर, पंजाब, राजस्थान और उत्तर प्रदेश के बीच शहरों और रास्तों को जोड़ा गया है।
फ्लिक्सबस इंडिया के लिए टिकट आज 1 फरवरी से लोगों के लिए उपलब्ध हैं। इसके पहले रूट 6 फरवरी से 99 रुपये के एक स्पेशल लॉन्च प्राइस के साथ शुरू हो रहे हैं, जो दिल्ली को अयोध्या, चंडीगढ़, जयपुर, मनाली, हरिद्वार, ऋषिकेश, अजमेर, कटरा, देहरादून, गोरखपुर, वाराणसी, जोधपुर, धर्मशाला, लखनऊ और अमृतसर से जोड़ते हैं। इन रास्तों पर 59 स्टॉप होंगे और 200 से भी ज्यादा कनेक्शन होंगे।
स्थानीय बस चालकों के साथ रणनीतिक सहयोग के साथ फ्लिक्सबस अपने टेक प्लेटफ़ॉर्म का उपयोग कर रहा है ताकि वह अपने पार्टनर्स के बिजनेस ऑपरेशन को बढ़ाने में मदद कर सके, नेटवर्क प्लानिंग, रेवेन्यू मैनेजमेंट और यील्ड ऑप्टिमाइजेशन में मुख्य भूमिका निभाते हुए, फ्लिक्सबस यात्रियों और ऑपरेटर्स के लिए एक बेहतर और आरामदायक यात्रा का अनुभव सुनिश्चित करता है। यह सब क्वालिटी, सुरक्षा, कनसिस्टेंसी और ग्राहकों को बेहतरीन ग्राहक अनुभव की प्रतिबद्धता के जरिए होता है। इसके अलावा, फ्लिक्सबस एक्सक्लूसिव तौर पर बीएस6 इंजन वाले प्रीमियम बस मॉडल के साथ काम कर रहा है। यह प्रदूषण कम करने को लेकर बने कड़े नियमों का पालन करता है और पर्यावरणीय संवेदनशीलता के प्रति समर्पण का मजबूती से समर्थन करता है।
कंपनी का यात्री सुरक्षा के लिए अटल समर्पण तमाम इनोवेटिव उपायों के जरिए स्पष्ट है, जिन्हें वह भारतीय बाजार में भी लागू करना चाहती है। इसमें कुछ खासियते हैं, जिनमें लिंग के आधार पर सीट देना भी शामिल है, जिसके तहत महिलाओं के पास की जी सीट होती है, उसे भी किसी दूसरी महिला के लिए ऑटोमेटिक तरीके से रिजर्व कर दिया जाता है। इसके अलवा 24×7 रेस्पॉन्स करने वाली टीम, ट्रैफिक कंट्रोल वार्ड, सभी सीटों के लिए 2-प्वाइंट सीट बेल्ट्स और स्पेशल फ्लिक्सबस लाउंजेस जैसी सुविधाएं भी इसमें शामिल हैं. ये सुविधाएं इस इंडस्ट्री में सुरक्षा के लिए नए मानक स्थापित करती है।
भारत में अपनी सर्विस लॉन्च करने पर फ्लिक्सबस के सीईओं आंद्रे श्वामलीन ने कहा- हमें यह घोषणा करते हुए खुशी हो रही है कि हम भारत में अपना बिजनेस फैला रहे हैं। यह एक बड़ा कदम है, जिसके तहत हम 43वें देश में पहुंच चुके हैं, जो दुनिया में एक बड़ा बस मार्केट भी है। भारतीय बाजार में प्रवेश हमारे लिए एक बड़ा अवसर है, जो आकांक्षा और महत्वपूर्ण संभावना की मान्यता के साथ भरा हुआ है, जिसमें भारत में मोबिलिटी लैंडस्केप को बदलने की ताकत है. हमारा मिशन पूरी तरह से उन लक्ष्यों के साथ मेल खाता है जो भारत कोशिश कर रहा है- सभी के लिए सस्टेनेबल, सुरक्षित और किफायती ट्रैवल विकल्प. इस सेवा की भारत में बढ़ली मांग को ध्यान में रखते हुए हम जिन भी जगहों पर ऑपरेट कर रहे हैं, वहां क्वालिटी और सुरक्षा के साथ ग्राहकों को शानदार अनुभव देने के लिए प्रतिबद्ध
फ्लिक्सबस इंडिया के मैनेजिंग डायरेक्टर सूर्या खुराना कहते हैं- हम भारत में अपनी सेवाएं शुरू करने को लेकर बहुत ही उत्साहित हैं। सुरक्षित, आरामदायक और किफायती यात्राओं के प्रति हमारी प्रतिबद्धता हमें तमाम गंतों की खोज करने वाले लाखों लोगों के लिए एक वैश्विक पसंद बनाती है. हमारी सफलता लोकल ऑपरेटर्स के साथ कोलेबोरेशन, ग्रोथ के ऑप्टिमाइजेशन और दक्षता में निहिल है। हम शहरों में भीड़भाड़ और उत्सर्जन को कम करने के लिए साझा गतिशीलता का समर्थन करते हैं। हम भारतीय इंटरसिटी यात्रा क्षेत्र में बदलाव की उम्मीद कर रहे हैं। हम निर्वाध, विश्वसनीय और किफायती इंटरसिटी ट्रांसपोर्ट के लिए वैश्विक मानक स्थापित करने का नेतृत्व करने के लिए बेहद उत्साहित हैं। टिकट बिक्री 1 फरवरी, 2024 से www.flixbus.in पर उपलब्ध होगी
भारत और भूटान के जर्मन संघ के अंबेसडर डॉ फिलिप एकरमैन ने कहा कि ‘जर्मनी का मुख्य ट्रांसपोर्टेशन फ्लिक्सबस भारत में आ रहा है। मैं मानता हूं कि यह दोनों ही देशों के लिए एक बड़ा मौका है। दोनों सरकार एक हरित और सतत विकास साझेदारी के तहत काम कर रही है, ताकि भारत के एनजी सेक्टर को आधुनिक बनाया जा सके और इसके तहत कई अन्य सेक्टर्स में कार्बन डाइऑक्साइड (CO2) के उत्सर्जन को कम किया जा सके, जिसमें परिवहन श्री शामिल है. एक निजी कंपनी जिसका बिजनेस मॉडल एक सतल परिवहन है और कार्बन डाई ऑक्साइड के उत्सर्जन को कम करना जिसके डीएनए (DNA) का हिस्सा है, यह बहुत ही प्रेरणादायक है। परिवहन क्षेत्र के उत्सर्जन को कम करने के लिए सामूहिक यात्रा को मजबूत करना एक वैश्विक प्रयास है, जिसके लिए जर्मनी और भारत दोनों ही सरकारों के साथ-साथ समाज और इंडस्ट्री को भी काम करने की जरूरत है. बस यात्रा को अधिक सुविधाजनक बनाना और हर किसी की पहुंच वाला बनाना सामूहिक परिवहन की आकर्षणशीलता को बढ़ाने की दिशा में एक अहम कदम है।
फ़्लिक्स यातायात के क्षेत्र में अग्रणी बना रहा है जो फ़्लिक्सबस और फ़्लिक्स ट्रेन बांड के जरिए सुविधाजनक और किफायती यात्रा के लिए जलवायु-सहयोगी विकल्प प्रदान कर रहा है। एक यूनीक बिजनेस मॉडल और इनोवेटिव टेक्नोलॉजी के कारण फ़्लिक्स ने तेजी से यूरोप के सबसे बड़े लंबी दूरी के बस नेटवर्क की स्थापना की है। साथ ही अमेरिका, कनाडा, चिली और ब्राजील सहित कई देशों में ग्लोबल लेवल पर विस्तार किया है।
सतत यातायात के पहले पथ प्रदर्शक के रूप में, फ़्लिक्स ने 2018 में पहली इलेक्ट्रिक लंबी दूरी की ट्रेनें चलाई, 2018 में सभी इलेक्ट्रिक लंबी दूरी की बसों के लिए एक पायलट प्रोजेक्ट की शुरुआत की और 2021 में यूरोप संघ की पहली बायोगैस-संचालित लंबी दूरी की बसें लॉन्च की। ये कंपनी तकनीक के विकास, नेटवर्क प्लानिंग, ऑपरेशन कंट्रोल, मार्केटिंग और सेल्स, क्वालिटी मैनेजमेंट और लगातार प्रोडक्ट के विस्तार के क्षेत्र में काम करती है, जबकि कंपनी के विश्वसनीय पार्टनर रोजाना के रूट से जुड़े ऑपरेशन संभालते हैं। तकनीक स्टार्टअप, ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म और क्लासिक परिवहन कंपनी का यह यूनीक कॉम्बिनेशन इस कंपनी को मुख्य अंतरराष्ट्रीय निगमों के सामने एक लीडर के रूप में स्थापित करते हैं. यह स्थायी रूप से वैश्विक यातायात दृश्य को बदल रहा है।
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