India News (इंडिया न्यूज), Ford: भारतीय बाजारों को टाटा- बाय बाय कर चुकी वाहन बनाने वाली कंपनी फोर्ड एक बार फिर से वापसी को तैयार है। बताते दें कि फोर्ड मोटर कंपनी (आमतौर पर फोर्ड के नाम से जानी जाती है) एक अमेरिकी बहुराष्ट्रीय ऑटोमोबाइल निर्माता कंपनी है। जिसका हेड क्वार्टर डियरबॉर्न, मिशिगन, संयुक्त राज्य अमेरिका में है। इसकी स्थापना हेनरी फोर्ड द्वारा की गई थी और 16 जून, 1903 को निगमित किया गया था। खबर है कि कंपनी भारत में अपने चेन्नई वाले मैन्यूफैक्चरिंग प्लांट को शुरू करने वाली है। इस बार फोर्ड इलेक्ट्रिक वाहनों पर ध्यान केंद्रित करने वाली है।
इन गाड़ियों के साथ वापसी
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, फोर्ड दो लाइन की गाड़ियों के साथ भारतीय बाजार में वापसी कर सकती है। एक इलेक्ट्रिक व्हीकल्स तो दूसरी हाइब्रिड। हमारे देश में ईवी की मांग बढ़ रही है लेकिन उस बाजार में सुस्तता देखी जा रही है। कुछ समय पहले की बात है जब फोर्ड की ओर से चेन्नई का अपना मैन्युफैक्चरिंग प्लांट बंद कर दिया गया था। लेकिन अब ऐसी अटकलें लगाई जा रही हैं कि कंपनी दोबारा भारत में वहीं से शुरुआत करने की योजना बना रही है।
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इलेक्ट्रिक वाहनों की डिमांड
बता दें कि कंपनी इलेक्ट्रिक वाहनों को इसलिए ला रही है कि क्योंकि इनकी डिमांड बढ़ने वाली है। आने वाले व्क्त में इलेक्ट्रिक वाहनों का बाजार पर कब्जा होगा। फोर्ड कंपनी उसी अवसर के इंतजार में है।
बिक्री 35 प्रतिशत तक बढ़ी
इस बीच, पिछले महीने एक रिपोर्ट में भविष्यवाणी की गई थी कि भारत में इलेक्ट्रिक वाहन (ईवी) की बिक्री 35 प्रतिशत की चक्रवृद्धि वार्षिक वृद्धि दर (सीएजीआर) से बढ़ने की उम्मीद है और 2032 तक वार्षिक मात्रा 27.2 मिलियन यूनिट तक पहुंचने की संभावना है।
ऊर्जा सलाहकार, सॉफ्टवेयर और सेवा फर्म, कस्टमाइज्ड एनर्जी सॉल्यूशंस की रिपोर्ट, ‘इंडिया इलेक्ट्रिक व्हीकल मार्केट ओवरव्यू 2023’ में भी 2023 में 1.7 मिलियन यूनिट की रिकॉर्ड-तोड़ बिक्री की भविष्यवाणी की गई है।
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27.2 मिलियन यूनिट तक पहुंचने का अनुमान
रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत में ईवी की बिक्री 2032 तक लगभग 27.2 मिलियन यूनिट तक पहुंचने का अनुमान है और 2023-2032 तक सामान्य व्यवसाय स्थितियों के तहत 35 प्रतिशत सीएजीआर के साथ।
स्वदेशी ईवी पारिस्थितिकी तंत्र को बढ़ावा देने के लिए केंद्र सरकार की प्रतिबद्धता ऑटोमोबाइल और ऑटो घटकों के निर्माण के लिए 3.5 बिलियन अमेरिकी डॉलर की उत्पादन-लिंक्ड प्रोत्साहन (पीएलआई) योजना की मंजूरी से स्पष्ट है, जिससे देश में ईवी आपूर्ति श्रृंखला के विकास को बढ़ावा मिलेगा। , यह जोड़ा गया।
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