India News ( इंडिया ), RBI New Order: प्रॉपर्टी लोन लेने का जो लोग सोच रहे हैं या उन्होंने सोच रखा है उनके लिए बड़ी खबर। इस मामले में रिजर्व बैंक ने ग्राहकों के हित में एक बड़ा फैसला लिया है। जिसके अनुसार अब अगर लोन चुका देने के बाद प्रॉपर्टी के डॉक्यूमेंट वापस देने में बैंक, एनबीएफसी या हाउसिंग फाइनेंस कंपनियां आपको घुमाएगी तो उन पर डंडा चलेगा। यानि उन कंपनियों को ग्राहकों को हर्जाना देना पड़ेगा।
रिजर्व बैंक ने नए नियम की घोषणा आज सुबह ही किया है।
रिजर्व बैंक के द्वारा यह ऑर्डर को जारी करने के बाद स्मॉल फाइनेंस बैंकों समेत सभी कमर्शियल बैंकों, क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों, सहकारी बैंकों, एनबीएफसी, हाउसिंग फाइनेंस कंपनियों व एसेट रीकंस्ट्रक्शन कंपनियों को भेज दिया गया है। दरअसल रिजर्व बैंक को इस संबंध में कई कंप्लेमट आ रही थी। जिसके अनुसार ग्राहकों के द्वारा लोन को पूरा चुका देने या सेटल करने के बाद भी बैंकों व एनबीएफसी आदि के द्वारा प्रॉपर्टी के डॉक्यूमेंट देने में देरी आनाकानी कर रहे हैं। इस देरी के चलते विवाद और मुकदमेबाजी जैसे हालात पैदा हो रहे थें। बस इसी का समाधान बैंक ने निकाल दिया है।
ताजा आदेश पर नजर डालें तो सभी रेगुलेटेड एंटिटीज को (कमर्शियल बैंकों, क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों, सहकारी बैंकों, एनबीएफसी व एसेट रीकंस्ट्रक्शन कंपनी आदि) लोन की सारी किस्तें मिलने या सेटल होने के 30 दिनों के अंदर ग्राहकों को सारे ऑरिजिनल डॉक्यूमेंट लौटानें पड़ेगे। अगर इस नियम का उल्लंघन किया गया तो रेगुलेटेड एंटिटीज को जुर्माना देना होगा। वहीं ग्राहकों को ये ऑप्शन दिया जाएगा कि वे अपनी सुविधा के अनुसार या तो संबंधित ब्रांच से डॉक्यूमेंट ले सकते हैं। इसके साथ ही उस ब्रांच या कार्यालय से ले सकते हैं, जहां डॉक्यूमेंट को फिलहाल रखा गया है।
तय समय के भीतर अगर सभी रेगुलेटेड एंटिटीज डॉक्यूमेंट को वापस नहीं कर पाते हैं तो उन्हे जुर्माने के रूप में
उन्हें ग्राहकों 5000 रुपये के हिसाब से हर्जाना देना होगा। अगर उन दस्तावेजों तो कुछ होता है लौटाने से पहले तो डॉक्यूमेंट तो यह बैंकों व संबंधित संस्थाओं की जिम्मेदारी होगी कि वे ग्राहक को फिर से डॉक्यूमेंट निकलवाने में मदद करें।
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