इंडिया न्यूज, नई दिल्ली:
भारतीय आटोमोबाइल इंडस्ट्री बहुत तेजी से ग्रोथ कर रही है। यही कारण है कि भारत अब वाहन बेचने वाले देशों की सूची में टॉप 5 में आ गया है। आर्गनाइजेशन इंटरनेशनेल डेस कंस्ट्रक्टर्स डी आटोमोबाइल (OICA) की ओर से जारी आंकड़ों के मुताबिक भारत ने यूरोपीय आटोमोटिव हब माने जाने वाले जर्मनी को पछाड़ते हुए, चौथा सबसे बड़ा वाहन बिक्री बाजार बन गया है। रिपोर्ट के मुताबिक साल 2021 में भारत ने 3,759,398 आटोमोबाइल बेचे हैं, जबकि इसी साल जर्मनी में कुल 2,973,319 यूनिट आटोमोबाइल बेचे गए हैं। दोनों देशों के बीच यह लगभग 26 प्रतिशत का अंतर है।

2019 में भी चौथे स्थान पर रहा भारत

इससे पहले भारत ने साल 2019 में भी सबसे बड़ी कार बिक्री बाजार सूची में चौथा स्थान हासिल किया था। उस समय यह भी अनुमान था कि भारत साल 2025 तक तीसरा स्थान भी हासिल कर सकता है। लेकिन 2020 में कोरोना वायरस आने के बाद से न केवल भारत बल्कि विश्व के बहुत सारे देशों की आटोमोबाइल इंडस्ट्री प्रभावित हुई थी।

आटोमोबाइल क्षेत्र में चीन सबसे बड़ा बाजार

आटोमोबाइल क्षेत्र में चीन सबसे बड़ा बाजार बना हुआ है और आटोमोटिव बिक्री व्यावहारिक रूप से अपरिवर्तित रही है। इसी तरह, संयुक्त राज्य अमेरिका ने 4% की वृद्धि का दावा किया लेकिन यह साल 2019 की तुलना में कम था। साल 2020 और साल 2019 दोनों की तुलना में जापानी बाजार सिकुड़ कर तीसरे नंबर पर आ गया।

तीसरे स्थान पर जापान

आर्गनाइजेशन इंटरनेशनेल डेस कंस्ट्रक्टर्स डी आटोमोबाइल द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार जापान आटोमोबाइल बिक्री में तीसरे स्थापर पर है। जापान ने साल 2021 में 4,448,340 यूनिट्स वाहनों की बिक्री दर्ज की थी। मोटर वाहन बाजार में भारत तीसरे स्थान पर भी पहुंच सकता है। दरअसल, व्यक्तिगत मोबिलिटी क्षेत्र में वाहन की पैठ प्रति 1,000 पर लगभग 33 आटोमोबाइल है, जो विकसित दुनिया में सबसे कम में से एक है।

हालांकि, कई तरह की बाधाएं सामने आती हैं। विशेष तौर पर आपूर्ति श्रृंखला की चिंताओं और महत्वपूर्ण कच्चे माल की लागत में उतार-चढ़ाव को देखते हुए, घरेलू बाजार में खुदरा बिक्री उतनी मजबूत नहीं हो सकती, जितनी उम्मीद की जा रही है। विश्व के टॉप-5 बाजारों में भारत एकमात्र देश था, जिसने दोहरे अंकों की वृद्धि (28%) की थी।

इटली टॉप 10 कार बिक्री की सूची से बाहर

इससे पहले साल 2021 में सेंटर फॉर आटोमोटिव रिसर्च (सीएआर) की एक रिपोर्ट के अनुसार यह संभावना थी कि जर्मनी की तुलना में भारत में अधिक कारें बेची जाएंगी। इस घटना के लिए अर्धचालकों की कमी को कारण माना जा रहा है।

यह कमी 2022 की पहली छमाही तक चली और कोरोनवायरस के नवीनतम संस्करण ने यूरोप में बिक्री में बहुत व्यवधान पैदा किया। कई रिपोर्ट्स में यह भी सामने आया कि इस साल अप्रैल में इटली भी साल 2021 में हल्के वाहनों की बिक्री के मामले में टॉप-10 सबसे बड़े कार बाजारों की सूची से बाहर हो गया।

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