संबंधित खबरें
अगर आप भी कराते हैं टंकी फुल तो हो जाएं सावधान! मोटरसाइकिल हो या कार, वरना हो जाएंगे तार-तार
Patanjali SIM Card: आर्गेनिक छोड़, डिजिटल बने बाबा रामदेव ने निकाला अपना सिम कार्ड…दिए ऐसे ऑफर की सुन्न पड़ गए Jio वालों के भी दिमाग
आपकी मौत की तारीख बता देगा ये AI टूल, मरने की वजह भी चल जाएगी पता, लाखों लोगों की खुल गई कुंडली
अंतरिक्ष में तैर रहा है अरबों का खजाना, आंखें गड़ाए है NASA, जानें आम आदमी को मिल जाए तो क्या होगा?
WhatsApp पर खेला जा रहा बड़ा खेल! चार राज्यों की पुलिस ने चेताया, ऐसा किया तो खाली हो जाएगा आपका बैंक अकाउंट
रोबोट्स का भयानक सच हुआ लीक, क्राइम में इंसानों को कर रहे फेल, दूसरी बार किया ऐसा अपराध…वीडियो देखकर कांप जाएगी रूह
UK Enforces Strict Child Data Protection Law:
डिजिटलाइजेशन ने पूरी दुनिया को एक साथ लाकर खड़ा कर दिया है। फासला चाहे हजारों किलोमीटर का हो लेकिन डिजिटल युग में हम सब एक दूसरे के करीब हैं। सोशल साइट्स से एक दूसरे से जुड़े हुए हैं। कहीं भी बैठ कर आनलाइन पेमेंट कर सकते हैं। इतना कुछ दिया हैं हमें आधुनिककरण ने। हर सिक्के के दो पहलू होते हैं। वैसे ही डिजिटलाइजेशन के फायदे भी हैं और नुकसान भी। हर दिन नई-नई वेबसाइट्स बन रही हैं, जिसके माध्यम से लोगों का डेटा चोरी करने का गैरकानूनी कार्य किया जा रहा है। इनका शिकार ज्यादातर बच्चे होते हैं। क्योंकि बच्चे हर लिंक या साइट पर बिना जानकारी क्लिक कर देते हैं। जिससे उनका डाटा सुरक्षित नहीं रहता और कंपनियां उनके डाटा का दुरुपयोग करती हैं।
चाइल्ड डेटा प्रोटेक्शन के संबंध में दुनियाभर के देश नई-नई पॉलिसियां लॉन्च कर रही है। जिससे कानून न मानने वाली कंपनियों पर भारी-भरकम जुर्माना लगाया जा रहा है। ऐसे में ब्रिटेन ने 2 सितंबर से डिजिटल साइट्स के लिए बच्चों के डेटा प्रोटेक्शन और सेफ डिजिटल स्पेस क्रिएट करने के उद्देश्य से नया कानून लागू किया है। यह कानून ब्रिटेन में हर साइट पर लागू होगा और उल्लंघना करने वाली कंपनियों पर जुर्माना लगाया जाएगा। वहीं भारत में अभी तक डेटा प्राइवेसी को लेकर कोई कड़ा कानून नहीं बना है। इंडियन गवर्नमेंट ने 2019 में पर्सनल डेटा प्रोटेक्शन बिल पेश किया था लेकिन उसके बावजूद भी भारत में सरकार और कंपनियों के बीच ठनी हुई है।
बच्चों के डिजिटल डेटा को स्टोर, करने और कलेक्ट करने के लिए कड़े कानून हैं। इस कानून को ब्रिटेन ने एक वर्ष पहले पेश किया था। जिससे कंपनियों को एक साल का समय कानून की शर्तें और नियम समझने के लिए दिया गया। यह कानून उन सभी साइट्स पर लागू हैं जिसका इस्तेमाल बच्चे करते हैं। इनमें गेमिंग, सोशल मीडिया, इंटरनेट, म्यूजिक, न्यूज साइट्स शामिल हैं। कंपनियों को बच्चों के लिए सर्विसेज को सेफ रखना होगा। किसी तरह की सेक्सुअली उत्पीड़न का इस्तेमाल नहीं होगा। लोकेशन ट्रैकिंग सर्विसेज बंद करनी होगी। इसके साथ ही 15 पैरामीटर का सहारा लिया गया है।
भारत में इस संबंध में कोई कानून नहीं है। 2019 में पर्सनल डेटा प्रोटेक्शन बिल पास हुआ था लेकिन वह इतना सख्त नहीं है और न ही कंपनियां कानूनों को सही ढंग से पालन कर रही हैं।
Petrol and Diesel 3 रुपए लीटर और महंगा हो सकता है पेट्रोल और डीजल
Get Current Updates on, India News, India News sports, India News Health along with India News Entertainment, and Headlines from India and around the world.