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India News (इंडिया न्यूज़), Manoj Manu Sharma, MP News: मध्य प्रदेश में विधानसभा चुनाव की गूंज साफ़ देखी जा सकती है BJP ने युद्ध स्तर पर इसके लिए तैयारी शुरू कर दी है। हर विधानसभा सीट पर BJP ने 230 बाहरी विधायकों की ड्यूटी भी लगाई हैं और उनके ज़रिए वो नब्ज भी टटोल रही है आपको याद होगा कि संगठनात्मक परिवर्तन करते हुए BJP ने पहले मुरलीधर राव के साथ शिव प्रकाश और जामवाल को लगाया और फिर उसके बाद दिल्ली से केन्द्रीय मंत्री भूपेंद्र यादव और अश्वनी वैष्णव को चुनाव प्रभारी नियुक्त किया गया और ऊपर से देश के गृहमंत्री अमित शाह की नेतत्व में बैठक हो रही है।
मध्य प्रदेश के हर पल पर नज़र रख रहे हैं भले ही मध्य प्रदेश में BJP की सरकार को क़रीब साढ़े उन्नीस साल होने जा रहे हो लेकिन वहाँ पर सरकार को लेकर एंटीइनकंम्बेंसी बहुत ज़्यादा है साथी ही कार्यकर्ताओं की आपसी खींचतान अलग से बावजूद मध्य प्रदेश में मंत्रिमंडल विस्तार किया गया और मंत्रिमंडल विस्तार करते हुए महाकोशल के ओबीसी नेता गौरीशंकर बिसेन विंध्य से राजेंद्र शुक्ला जो कि ब्राह्मण समुदाय से आते हैं और बुंदेलखंड से पहली बार के विधायक राहुल सिंह जो उमा भारती के भतीजे भी हैं
इन 3 विधायकों को मंत्री पद की शपथ दिलायी गई है इस उम्मीद के साथ की ये तीनों विधायक अपने अपने इलाक़े में अपनी जातियों की वोट बैंक को पार्टी के लिए चुनावों में सहेज कर रखेंगे और पार्टी को इसका फ़ायदा मिलेगा लेकिन तमाम ऐसी परिस्थिति है जो बता रही है की मंत्रिमंडल विस्तार नफ़े का सौदा न होते हुए नुक़सान का सौदा होगा। सूत्र बताते हैं कि BJP की नेता उमा भारती अपने भतीजे राहुल सिंह को मंत्रिमंडल में शामिल नहीं कराना चाहती थी बावजूद इसके BJP ने उन्हें मंत्रिमंडल में ले लिया है अब इसके लिए उमा भारती की नाराज़गी प्रत्यक्ष तय है, लेकिन अप्रत्यक्ष तौर पर ज़रूर देखी जा रही थी।
एक साल पहले रायसेन के शिव मंदिर में उमा भारती पहुँची थी और उन्होंने वहाँ मंदिर में पहुँच कर सरकार से एक अपील की थी के मंदिर के शिव ताले में क्यो हैं श्रद्धालुओं के दर्शन के लिए इसके कपाट खोले जाएं पर बात आई गई हो गई। अब एक साल बाद अचानक से उमा भारती फिर रायसेन पहुँच गई और वहाँ जाकर उन्होंने सरकार पर कटाक्ष किया जिसकी उम्मीद भी नहीं की जा सकती है उमा भारती का ये बयान भारतीय जनता पार्टी के लिए किसी अलर्ट से कम नहीं अब उमा के शब्दों पर ग़ौर कीजिए और पढ़िए की उमा भारती ने सोशल मीडिया पर क्या लिखा
आज तक शेरशाह सूरी प्रभावशाली बना हुआ है…
मैंने कई लोगों से बात की, लेकिन कुछ नहीं हुआ…
आज मैं फिर गंगाजलि मंदिर की चौखट पर रखकर जा रही हूं..
गंगा जी ही कुछ रास्ता निकालेगी..
2022 को रामनवमी के दूसरे दिन से लेकर आज तक केंद्र व राज्य सरकार मुझे केवल आश्वासन दे रहीं है…
जानती हूं कि अगर सरकार स्थल की सुरक्षा की गारंटी ले तो पुरातत्व विभाग को कोई परेशानी नहीं है..
आज सावन का आख़िरी सोमवार है आज तो नीचे भी ताला डाल दिया है कोई बात नहीं मैं गंगाजल बाहर ही रख कर जा रही हूँ लेकिन इतना ज़रूर है कि शेरशाह सूरी आज भी प्रभावशाली बना हुआ है।
उमा ने अपनी ये बात रायसेन के सोमेश्वर शिव मंदिर के प्रांगण में कही और मध्य प्रदेश के लोगों से ये अपील कर दी। बात तो मंदिर को लेकर कही लेकिन संकेत कुछ और हैं जो लोग उमा भारती को समझते हैं उन्हें इन संकेतों को समझने में ज़्यादा देर नहीं लगेगी उमा भारती की परेशानी का एक और बड़ा कारण है
मध्य प्रदेश में BJP 5 सितंबर से जन आशीर्वाद यात्रा शुरू करने जा रही है जिसमें के मध्य प्रदेश के क़रीब क़रीब सभी नेताओं को इस यात्रा का हिस्सा बनाया गया है लेकिन उमा भारती को इन यात्राओं से भी दूर रखा गया और इसलिए वो आने वाले समय में उपस्थिति और अपना वजूद को बनाए रखने का संकेत ज़रूर देंगी।
2018 के विधानसभा चुनावों में भी उमा भारती ने अपने लोधी समुदाय के लोगों को साफ़ संकेत दे दिया था कि वह स्वतंत्र हैं जिसको चाहें उसको वोट करें और परिणाम सबके सामने था।
जहां एक ओर BJP हर जाति और वर्ग को संतुष्ट करने की कोशिश कर रही है ऐसे में लोध समुदाय के नेताओं की नाराज़गी पार्टी के लिए परेशानी बन सकती है, हाल ही में दो दिन पहले भोपाल में लोध और लोधा समुदाय का एक कार्यक्रम रखा गया। जिसमें मुख्यमंत्री शिवराज सिंह ख़ुद शामिल हुए लेकिन उसमें केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद पटेल और BJP के विधायक जालम सिंह पटेल नहीं शामिल हुए जबकि ये कार्यक्रम बतौर अध्यक्ष ख़ुद जालम सिंह पटेल ने रखा था लेकिन मंत्रिमंडल में शामिल नहीं किए जाने को लेकर वो नाराज़ हो गए।
BJP भले ही ऑल इज़ वेल की बात कर रही हो लेकिन आचार संहिता लगने के बाद BJP के घर की कलह साफ तौर पर बढ़ती नज़र आएगी और उसके कई चेहरे और उनके बयान भी नज़र आएंगे कुल मिलाकर मंत्रिमंडल विस्तार BJP के लिए बड़ी परेशानी बनेगा।
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