India News Bihar (इंडिया न्यूज), Bihar Education Department: बिहार के औरंगाबाद जिले में शिक्षा व्यवस्था में सुधार के लिए एक कड़ी कार्रवाई की गई है। जिला कार्यक्रम पदाधिकारी स्थापना की ओर से जारी किए गए आदेश। 1610 विद्यालयों के हेडमास्टर और प्रभारी प्रधानाध्यापकों के वेतन को तत्काल प्रभाव से रोकने का निर्देश दिया गया है। यह आदेश 22 अगस्त को जारी हुआ और इसके पीछे मुख्य वजह ई शिक्षा कोष पोर्टल पर विद्यार्थियों की संख्या की गलत एंट्री है।
आदेश के मुताबिक, शिक्षा विभाग के निर्देशानुसार, सभी स्कूलों को अपने छात्रों की शत प्रतिशत एंट्री ई शिक्षा कोष पोर्टल पर करनी थी। लेकिन, औरंगाबाद के 1610 स्कूलों में 80% से कम विद्यार्थियों की एंट्री की गई है, जिसे विभाग ने गंभीरता से लिया है। इस आधार पर, सभी संबंधित प्रधानाध्यापकों के वेतन को अगले आदेश तक रोक दिया गया है।
सभी प्रखंड शिक्षा पदाधिकारियों को निर्देशित किया गया है कि वे सुनिश्चित करें कि वेतन की रोकथाम का आदेश तुरंत प्रभावी हो। साथ ही, यदि एक सप्ताह के भीतर संबंधित प्रधानाध्यापक और प्रभारी प्रधानाध्यापक ई शिक्षा कोष पोर्टल पर शत प्रतिशत एंट्री नहीं करते हैं, तो उनके खिलाफ अनुशासनिक कार्रवाई की जाएगी।
सभी प्रभावित स्कूलों की सूची में दाउदनगर, गोह, औरंगाबाद, रफीगंज, ओबरा, नबीनगर, कुटुंबा, देव, हसपुरा, मदनपुर और बारुण प्रखंडों के प्रधानाध्यापक शामिल हैं। इस कार्रवाई का उद्देश्य शिक्षा व्यवस्था में सुधार लाना और शैक्षणिक मानकों को ऊंचा करना है। विभाग का यह कदम यह दर्शाता है कि सरकार अब किसी भी लचर व्यवस्था को बर्दाश्त नहीं करेगी और शिक्षा के क्षेत्र में अनुशासन कायम रखने के प्रति गंभीर है।
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