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Bihar News : 5 नवंबर को मुजफ्फरपुर आयेंगे अमितशाह !

Dharambir Sinha • LAST UPDATED : October 11, 2023, 1:38 pm IST

India News (इंडिया न्यूज), Bihar News : गृह मंत्री अमित शाह एक बार फिर बिहार आ रहे हैं। 5 नवंबर को केंद्रीय मंत्री अमित शाह मुजफ्फरपुर में एक बड़ी रैली को संबोधित करेंगे। 50 दिनो के अंदर अमित शाह का यह दूसरा बिहार दौरा है। इससे पहले 16 सितंबर को मधुबनी के झंझारपुर में उनकी रैली हुई थी।

बीजेपी की लोकसभा कोर कमेटी की बैठक

आज बीजेपी की लोकसभा कोर कमेटी की बैठक में बिहार बीजेपी के अध्यक्ष सम्राट चौधरी भी मौजूद रहें। इस बैठक में लोकसभा सीट गोपालगंज, सुपौल, मधेपुरा, भागलपुर, बांका, नालंदा और पूर्णिया में पार्टी की तैयारी की समीक्षा की गई। 16 सितंबर को अमित शाह ने अररिया में कहा था कि बिहार की सीमा की सारी दिक्कतों को मैं जानता हूं। उन्होंने उस वक्त ये भी कहा थाकि  बिहार के अंदर जल्द ही चुनाव होने जा रहा है। अपने भाषण में उन्होंने नीतीश और लालू के गठबंधन को तेल पानी जैसा कहा था। उनका मानना था कि दोनों साथ नहीं रह सकते।

जातीय सर्वेक्षण के जरिए नीतीश कुमार का सियासी कार्ड

हाला की उस वक्त उनके भाषण में नीतीश पर नरमी दिखी थी। लेकिन अब स्थिति उलट है। नीतीश कुमार के जातीय सर्वेक्षण के जरिए खेले गए सियासी कार्ड में बीजेपी को उलझा दिया है । नीतीश कुमार के इंडिया गठबंधन को एकजुट करने के बाद जाति आधारित जनगणना रिपोर्ट से बीजेपी बौखलाई हुई है। हफ्ता भर पहले एक दिवसीय दौरे पर पटना आए बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा के क्षेत्रीय पार्टी को खत्म होने के बयान से बीजेपी की परेशानी और बढ़ी हुई है।

नीतीश और लालू ने खुद संभाला मोर्चा

लोकसभा चुनाव नजदीक है। बीजेपी के लिए एक एक सीट महत्वपूर्ण है। राजनीतिक दल गठबंधन की गांठें मजबूत कर संगठन को चुस्त-दुरुस्त करने की कवायद में हैं। विपक्षी दलों को एकजुट करने की कवायद नीतीश और लालू ने खुद संभाला हुआ है। वहीं सत्ताधारी भारतीय जनता पार्टी अपने नेतृत्व वाले राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन के कुनबा को कमजोर करने में जुटी है। पशुपति पारस के एलजेपी और रामविलास के बेटे चिराग पासवान की एलजेपीआर के अलावा उपेंद्र कुशवाहा की पार्टी और जीतन राम मांझी की पार्टी, फिलहाल बिहार में एनडीए का घटक है।

बिहार बीजेपी के लिए टेढ़ी खीर

यानि बिहार एनडीए में चार क्षेत्रीय पार्टियों ही बची हुई है। ऐसे में केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह के दौरे से बीजेपी के कार्यकर्ताओं के उत्साह को बढ़ावा मिलेगा । बीजेपी का फोकस बिहार है। जाति आधारित गणना के बाद बीजेपी यहां सजग है। बीजेपी चाहती है कि एनडीए एक बार फिर बीते लोकसभा के प्रदर्शन को दोहराए। जो फिलहाल टेढ़ी खीर नजर आ रही है। जातीय सर्वेक्षण के बाद नीतीश कुमार का ओहदा इंडिया गठबंधन के बड़े नेता के रूप में हैं। यहां तक की इंडिया गठबंधन की ओर से प्रधानमंत्री के प्रबल दावेदार भी कहे जाते हैं।

बीजेपी को बिहार में कड़ी टक्कर देने की तैयारी

इनको लालू का साथ मिला हुआ है। बीते लोकसभा चुनाव में एनडीए को बिहार के 40 सीट में से 39 सीटों पर कब्जा था यानी सौ फीसदी सीट, नीतीश और बीजेपी को हासिल हुआ था। लेकिन इस बार स्थिति कुछ अलग है। लालू प्रसाद यादव और नीतीश कुमार की जोड़ी इंडिया गठबंधन को विपक्षी एकता के रूप में समेटने का काम ही नहीं किया है, बल्कि इबीसी और ओबीसी कार्ड के जरिए बीजेपी को एक बड़ी एक टक्कर देने को तैयार है। ऐसे में बीजेपी के बड़े नेता लगातार बिहार दौरे कर जनता की नब्ज टटोलना चाहती है।

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