India News (इंडिया न्यूज़) Shakti, Bihar News: बिहार में शिक्षा प्रणाली को सुधारने हेतु आईएएस के के पाठक लाख प्रयास कर रहे हैं। लेकिन कुछ शिक्षकों ने न सुधरने की कसम ही खा ली है। इन शिक्षकों के कारनामो के कारण ही आज शिक्षा विभाग शर्मशार हो रही है। इन दिनों सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर एक वीडियो बडी तेजी से वारयल हो रहा है। जिसमें शिक्षकों ने अपनी गरिमा को तार तार कर बच्चों के सामने ही गुत्थम गुत्थी करने लगे। शिक्षकों के भिडंत को देखकर बच्चे भी अपने अपने बेंच को छोड़कर सुरक्षित स्थान पर खड़े हो गए ताकि वे उनके द्वारा किए जा रहे गुथम गुथी का शिकार न हो जाए। जब विडियो की तहकीकात की गई तो पता चला की यह गुत्थम गुत्थी का विडियो नबीनगर प्रखंड के बारा तेतरिया स्कूल का है।
वायरल विडियो में दो शिक्षक दिखाई दे रहे हैं जिसमें एक की पहचान उत्क्रमित मध्य विद्यालय बारा तेतरिया के प्रभारी प्रधानाध्यापक सतीश मिश्रा तथा दूसरे शिक्षक की पहचान उसी विद्यालय के शिक्षक धर्मेंद्र कुमार सिंह के रूप में कि गई है। मामले के संदर्भ में सतीश कुमार मिश्रा ने जिला शिक्षा पदाधिकारी को पत्र लिखकर धर्मेंद्र कुमार सिंह पर अनुशासनहीनता बरतने से संबंधित शिकायत दर्ज कराते हुए कार्यवाई की मांग की है। जिला शिक्षा पदाधिकारी को लिखे गये आवेदन में प्रभारी प्रधानाध्यापक ने बताया कि शिक्षक धर्मेंद्र कुमार सिंह के द्वारा विद्यालय का शैक्षणिक एवं प्रशासनिक माहौल बिगाड़ा जा रहा है।
उन्होंने बताया कि 20 सितंबर को अर्धवार्षिक मूल्यांकन परीक्षा के संचालन के दौरान धर्मेंद्र कुमार सिंह के द्वारा एक छात्रा का प्रश्न पत्र तथा मूल्यांकन पत्र छीन लिया गया। जिसकी शिकायत छात्र ने अपने प्रधानाध्यापक से किया, उन्होंने बताया कि प्रभारी प्रधानाध्यापक होने के नाते हमने अपने शिक्षक को मूल्यांकन पत्र लौटने का आग्रह किया लेकिन वह नहीं लौटाए और उनके साथ गाली गलौज करने लगे, कॉलर पकड़ कर मारपीट और हाथापाई भी की।
प्रभारी प्रधानाध्यापक ने बताया कि शिक्षक धर्मेंद्र कुमार सिंह स्थानीय हैं, इसलिए अक्सर वह इस तरह का आचरण करते रहते हैं। उक्त घटना वर्ग कक्ष में ही बच्चों के सामने घटित हुई है। इसके अलावा प्रभारी प्रधानाध्यापक ने शिक्षक धर्मेंद्र कुमार सिंह पर विद्यालय में निर्धारित समय सारणी का अनुपालन नही करने तथा कई तरह के शर्मसार कर देने वाला आरोप लगाया है।
उन्होंने जिला शिक्षा पदाधिकारी को यह भी जानकारी दी है कि पूर्व में इनके द्वारा नक्सली के नाम पर एक महिला शिक्षिका से घूस भी ली गई थी। महिला शिक्षिका द्वारा शिकायत पर आरोप सही पाए जाने पर उन्हें जेल जाना पड़ा। घटना के संबंध में जानकारी देने के बाद जिला शिक्षा पदाधिकारी संग्राम सिंह अपने कार्यालय में उपस्थित नहीं थे जिसके कारण वहां मौजूद डीपीओ दयाशंकर सिंह से इस मुद्दे पर जब बात की गई तो उन्होंने कुछ भी बोलने से इंकार कर दिया।
उन्होंने कहा कि इसके अलावा कुछ भी पूछ लीजिए, लेकिन ऐसे मामलो में बोलने के दौरान कुछ और बातें बाहर निकल गई तो नौकरी जाने की नौबत आ जाएगी। लेकिन लगातार टेलीफोनिक प्रयास के बाद जब जिला शिक्षा पदाधिकारी से जब बात किया गया तो उन्होंने इस मामले में जांच के उपरांत करवाई करने की बात कही है।
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