India News (इंडिया न्यूज़), Bihar: बिहार में शराब बंद होने के बाद भी बिहार में शराब पर अंकुश नहीं लगा है। शराब पर पूर्ण रूप से नियंत्रण पाना बिहार सरकार के लिए एक चुनौती बनी हुई है। जिसके बाद जन सुराज के सूत्रधार प्रशांत किशोर ने शराब बंदी होने के बावजूद बिहार में शराब के अवैध व्यापार को लेकर बड़ा खुलासा करते हुए कहा है कि, अवैध शराब के कारोबार में युवा लड़कों के साथ लड़कियां भी लगी हुई हैं।शराबबंदी से करोड़ों रुपये का नुकसान हो रहा है।
बिहार में दो उद्योगों की बात हर कोई कर रहा है। एक है शराब माफिया और दूसरा है बालू माफिया। जहां चले जाइए, आप देखेंगे कि इस सरकार ने शराब का अवैध कारोबार करने वाले लोगों को पैदा किया है। शराब बंदी के नाम पर शराब की दुकानें बंद कर दी, लेकिन घर-घर होम डिलीवरी चालू कर दी है। मोटरसाइकिल लेकर शराब के इस कारोबार में नए लड़के, युवा के साथ-साथ लड़कियां भी लगी हुई हैं। कई गांवों के लोग मुझसे बताते हैं कि लड़कियां भी इस अवैध कारोबार में लगी हुई हैं। इससे हर साल बिहार सरकार और बिहार के लोगों को शराबबंदी के कारण 20 हजार करोड़ रुपए का नुकसान हो रहा है। ये पैसा पुलिस के हाथ में, प्रशासन के हाथ में और शराब माफिया के हाथ में जा रहा है।
प्रशांत किशोर ने जन संवाद के दौरान आगे कहा कि बिहार के गांव-गांव में एक और नई समस्या शुरू हो गई है। जब लोगों को शराब नहीं मिल रही है, तो लोग अलग-अलग प्रकार का नशा कर रहे हैं। कोई स्मैक खा रहा है, तो कोई ड्रग्स ले रहा है। ये स्थिति पहले बिहार में नहीं थी। शराब माफिया के साथ बालू माफिया बिहार में काफी ताकतवर हैं। जहां जाइए, बिहार में बड़े स्तर पर अवैध बालू का कारोबार हो रहा है। हजारों-करोड़ों रुपए सरकार और बिहार के लोगों का चोरी करके पुलिस और प्रशासन की मदद से अवैध बालू का कारोबार बिहार में चल रहा है।
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