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India News Bihar(इंडिया न्यूज),Bihar Teacher Transfer Posting Online Apply: बिहार में लंबे समय से शिक्षक अपने ट्रांसफर और पोस्टिंग का इंतजार कर रहे थे, और अब यह इंतजार जल्द ही खत्म होने वाला है। बिहार शिक्षा विभाग ने ट्रांसफर-पोस्टिंग की प्रक्रिया को शुरू करने की घोषणा कर दी है। 6 या 7 नवंबर से शिक्षक ऑनलाइन आवेदन कर सकेंगे। शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव, एस सिद्धार्थ ने बताया कि इस पूरी प्रक्रिया की तैयारी पूरी हो चुकी है और नए साल के पहले सप्ताह तक शिक्षक अपने नए स्कूलों में योगदान कर देंगे।
एस सिद्धार्थ ने बताया कि हर जिले के शिक्षा अधिकारियों को नए सॉफ्टवेयर के बारे में जानकारी दे दी गई है। कुछ दिनों तक इस सॉफ्टवेयर का परीक्षण किया जाएगा ताकि प्रक्रिया में कोई दिक्कत न आए। 6 या 7 नवंबर से ऑनलाइन आवेदन की शुरुआत होगी, साथ ही 4 नवंबर को आवेदन से संबंधित गाइडलाइन भी जारी की जाएगी। उन्होंने शिक्षकों को सलाह दी कि वे पहले से ही अपनी पसंदीदा जगहों का चयन करके उसे नोट कर लें, ताकि आवेदन के समय आसानी हो सके।
शिक्षकों के लिए ट्रांसफर की यह प्रक्रिया कुछ खास नियमों के साथ लागू की गई है। बीमार या दिव्यांग शिक्षक अपने पंचायत में ट्रांसफर के लिए आवेदन कर सकते हैं। महिला शिक्षिकाओं को अपने गृह पंचायत को छोड़कर 10 अन्य जगहों का चयन करने का विकल्प मिलेगा। पुरुष शिक्षकों के लिए उनके अनुमंडल को छोड़कर 10 जगहों का विकल्प होगा। इस बार ट्रांसजेंडर शिक्षक भी आवेदन कर सकेंगे, जो कि एक नई पहल है।
ट्रांसफर के लिए आवेदन करने की पात्रता पुराने शिक्षक, बीपीएससी शिक्षक और सक्षमता परीक्षा पास शिक्षकों को दी गई है। आवेदन करने के लिए शिक्षकों को 15 दिनों का समय दिया जाएगा, और अगर इस बीच वे अपने विकल्पों में बदलाव करना चाहें, तो उन्हें यह सुविधा भी मिलेगी। हालांकि आवेदन में शिक्षकों को किसी विशेष स्कूल का चयन नहीं करना है, बल्कि उन्हें अनुमंडल और पंचायत स्तर पर विकल्प चुनने होंगे।
कुछ जिलों में एक ही अनुमंडल है, ऐसे मामलों में शिक्षक बगल वाले अनुमंडल का चयन कर सकते हैं। इसके अलावा, बॉर्डर क्षेत्रों में रहने वाले शिक्षकों को भी पास के अनुमंडल का विकल्प दिया जा सकता है। आवेदन प्रक्रिया समाप्त होने के बाद, शिक्षा विभाग सॉफ्टवेयर के माध्यम से डेटा प्रोसेसिंग के लिए 10 दिनों का समय लेगा।
इस ट्रांसफर-पोस्टिंग प्रक्रिया को पूरी तरह पारदर्शी बनाने की कोशिश की गई है। अगर किसी को प्रक्रिया के बारे में जानकारी चाहिए, तो वह भी दी जा सकती है। साथ ही, ट्रांसफर-पोस्टिंग के दौरान अगर किसी तरह की समस्या आती है, तो जिलों में डीएम की अध्यक्षता में बनाई गई एक स्थापना कमेटी में उस समस्या को रखा जा सकता है। स्थापना कमेटी का मुख्य उद्देश्य यह होगा कि जिन स्कूलों में छात्रों की संख्या कम और शिक्षकों की संख्या ज्यादा है, या जिन स्कूलों में छात्रों की संख्या ज्यादा और शिक्षकों की संख्या कम है, उन मामलों को देखना। हालांकि, ट्रांसफर-पोस्टिंग की पूरी प्रक्रिया मुख्यालय स्तर से ही होगी और जिलों का इसमें कोई हस्तक्षेप नहीं होगा।
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