India News (इंडिया न्यूज), Fateh Bahadur Kushwaha: देश की राजनीतिक गलियारों में इन दिनों बिहार चर्चे में हैं। बिहार के मुख्यमंत्री नीतिश कुमार और इंडिया गठबंधन के रिश्तों के बाद राजद विधायक फतेह बहादुर कुशवाहा द्वारा दिए गए बयान पर चर्चा तेज है। कुशवाहा के विवादित बयान ने बिहार में एक नए विवाद को जन्म दिया है। बीजेपी की ओर से कुशवाहा पर हिंदू देवी-देवताओं के खिलाफ बयान देने का आरोप लगाया है।
शैक्षणिक संस्थानों से अपील
एक ओर पूरा देश राम की भक्ती में डूबा है। वहीं दूसरी ओर फतेह बहादुर कुशवाहा ने शैक्षणिक संस्थानों से हिंदू धर्म की सबसे ज्ञान की देवी सरस्वती की छवि हटाने की वकालत की है। उन्होंने मां सरस्वती के जगह सावित्रीबाई फुले की तस्वीर लगाने का सुझाव दिया है।
भाजपा की नाराजगी
इसे लेकर भाजपा प्रवक्ता अरविंद सिंह ने विरोध जताया है। उन्होंने कहा कि “राजद कार्यकर्ता भ्रष्ट हैं। उन्हें केवल हिंदू देवी-देवताओं के खिलाफ बोलना आता हैं।” कुशवाहा ने ऐसे विवादित बयान पहली बार नहीं दिया है। उन्होंने पहले भी माँ दुर्गा को एक काल्पनिक चरित्र बताया था। साथ ही उन्होंने ब्रिटिश शासन के दौरान उनकी अनुपस्थिति पर सवाल उठाया था। इसके अलावा हिंदू धर्म में 33 करोड़ देवी-देवताओं के अस्तित्व पर संदेह जताया था।
माँ दुर्गा को काल्पनिक बताया
फतेह बहादुर कुशवाहा ने बयान दिया था कि “मनुवादियों के अनुसार 33 करोड़ देवी-देवता हैं। ब्रिटिश काल में भारत की जनसंख्या 30 करोड़ थी। जब देश गुलाम था, उस समय मां दुर्गा कहां थीं और उन्होंने अंग्रेजों को क्यों नहीं मारा? मां दुर्गा काल्पनिक हैं।”
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