India News (इंडिया न्यूज़), Bihar Politics: बिहार की सत्ताधारी पार्टी जेडीयू में एक बार फिर बड़ा बदलाव होने जा रहा है। पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह अपने पद से इस्तीफा दे सकते हैं। लेकिन इसके साथ ही एक बड़ा सवाल यह भी खड़ा हो गया है कि अगर ललन सिंह नहीं तो राष्ट्रीय अध्यक्ष पद की कमान कौन संभालेगा?
फिलहाल राजनीतिक गलियारों में इस बात की चर्चा है कि राज्य के मुख्यमंत्री और जेडीयू के वरिष्ठ नेता नीतीश कुमार खुद यह जिम्मेदारी अपने कंधों पर ले सकते हैं। हालाँकि, इस बीच दो और नाम हैं जिन पर विचार किया जा रहा है।
29 दिसंबर को होगी अहम बैठक
जनवरी की ठंड में भी पहला पखवाड़ा बिहार में सियासी गर्मी बढ़ाने वाला है। जेडीयू की राष्ट्रीय कार्यकारिणी और कार्य परिषद की बैठक 28-29 दिसंबर को दिल्ली में होने वाली है। यह मुलाकात बिहार की राजनीति के लिए काफी अहम मानी जा रही है।
जेडीयू की इस बैठक में भारत के बीच सीटों के बंटवारे का रास्ता भी साफ हो सकता है। इसके साथ ही जेडीयू में नेतृत्व परिवर्तन को लेकर भी बड़ा फैसला लिया जा सकता है।
फिलहाल ललन सिंह हैं कमांडर
आपको बता दें कि बीजेपी से नजदीकी के कारण आरसीपी सिंह को हटाकर ललन सिंह को 31 जुलाई 2021 को जेडीयू का राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाया गया था। उन्हें 5 दिसंबर को दूसरी बार निर्विरोध चुना गया था। अब उन्होंने खुद अपने पद से इस्तीफा देने की इच्छा जताई है।
सूत्रों के मुताबिक, ललन ने खुद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से गुहार लगाई है। उनका कहना है कि उन्हें लोकसभा चुनाव लड़ना है। ऐसे में इस दौरान उन्हें विपक्षी गठबंधन में सीट बंटवारे को लेकर सक्रिय रहना होगा। बार-बार मीटिंग में जाना पड़ेगा।
इस वजह से वह पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष पद की जिम्मेदारी ठीक से नहीं निभा पाएंगे। सूत्रों ने यह भी बताया है कि ललन सिंह के इस अनुरोध को स्वीकार कर लिया गया है। आपको बता दें कि ललन सिंह मुंगेर से सांसद हैं। इससे पहले वह राज्यसभा और बिहार विधान परिषद के सदस्य रह चुके हैं।
नीतीश के अलावा इन दो नामों की चर्चा
सबसे पहले राजनीतिक गलियारों में चर्चा है कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार खुद जेडीयू की कमान संभाल सकते हैं। लेकिन उनके अलावा दो और नाम सामने आए हैं। सबसे पहला नाम है बिहार सरकार के मंत्री और वरिष्ठ नेता विजय कुमार चौधरी का। दूसरा नाम राज्यसभा सदस्य रामनाथ ठाकुर का है।
गठबंधन को मजबूत करेंगे ललन सिंह
इधर, जेडीयू से जुड़े सूत्रों का कहना है कि पद से मुक्त होने के बाद ललन सिंह पार्टी संगठन, अपने संसदीय क्षेत्र और विपक्षी दलों के महागठबंधन को मजबूत करने के लिए काम करेंगे। सूत्रों के मुताबिक राजद सुप्रीमो लालू यादव से उनकी नजदीकियों और बयानों के कारण महागठबंधन में बदलाव की अटकलों को पूरी तरह से खारिज कर दिया है।
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