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India News, (इंडिया न्यूज),Bihar, पटना: बिहार की राजनीति में फेर बदल अब सामान्य सी बात हो गई है। जिसको लेकर एक तरफ जहां जनता का मनोरंजन भी होता रहता है तो दुसरी तरफ बिहार के राजनीति के लिए एक सवाल के तौर पर है। जिसके बाद बिहार (Bihar) में महागठबंधन से जीतन राम मांझी का अलग होना अभी चर्चा का विषय बना हुआ है। दरसअल, हिंदुस्तान आवाम मोर्चा पार्टी के अध्यक्ष जीतन राम मांझी ने खुद को महागठबंधन से अलग कर लिया है, जिसके बाद से बिहार की राजनीति अब आरोप प्रत्यारोप की राजनीति बन चुकी है। जहां बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने जीतन राम मांझी के इस फैसले पर अपनी प्रतिक्रया देते हुए जीतन राम मांझी पर भाजपा से मिले होने का आरोप लगाया है।
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि, जीतन राम मांझी से कहा था कि या तो अपनी पार्टी का जेडीयू में विलय कर दीजिए या महागठबंधन से अलग हो जाइए। मांझी ने विलय के बजाए महागठबंधन से अलग होने का निर्णय ले लिया और उनके बेटे संतोष सुमन ने मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया। इसके बाद नीतीश कुमार ने कहा कि, 23 जून को पटना में विपक्षी दलों की बैठक है। अगर मांझी महागठबंधन में रहते तो मीटिंग में जो भी बातें होतीं वह सब जाकर बीजेपी को बता देते इसलिए हमने पहले कह दिया था कि विलय करिए पार्टी का जेडीयू में या बाहर हो जाइए। महागठबंधन में मांझी जब थे तो बीजेपी के लोगों से मिल रह थे। हमको पता था कि वह चले जाएंगे, लेकिन आकर हमसे कहते थे कहीं नहीं जायेंगे, आपके साथ रहेंगे।
इसके बाद बिहार (Bihar) के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने 2020 विधानसभा चुनाव का जिक्र करते हुए कहा कि, 2020 बिहार विधानसभा चुनाव में हमारे उम्मीदवारों को हरवाने का काम किया गया। बीजेपी ने क्या कराया सबको पता है। हमारे जीतने और हारने वाले उम्मीदवारों ने कहा था कि बीजेपी ने सपोर्ट नहीं किया बल्कि खेल कर दिया। तब भी हम बीजेपी के साथ रहे, लेकिन बाद में एनडीए से अलग हो गए। नीतीश कुमार ने आगे कहा कि 2014 में हमने मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दिया और जीतन राम मांझी को मुख्यमंत्री बनाया था। मेरे बारे में क्या क्या आजकल बोल रहे हैं वह जगजाहिर है। मांझी के बेटे संतोष सुमन को हमने जेडीयू कोटे से मंत्री बनाया था। उसने इस्तीफा दिया इसलिए हमने जेडीयू विधायक रत्नेश सदा को मंत्री बना दिया।
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