इंडिया न्यूज़ (दिल्ली) : बिहार में इन दिनों सियासी बवाल जारी है। जेडीयू और राजद महागठबंधन में सबकुछ ठीक नहीं चल रहा है। महागठबंधन के नेताओं के बीच यूं तो शीतयुद्ध लंबे समय से चल रहा है, लेकिन शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर ने चिंगारी को हवा दे दी है। ताजा बवाल बढ़ा है, हिंदू धर्मग्रंथ रामचरितमानस पर शिक्षा मंत्री के विवादित बयान के बाद। मालूम हो, बीते दिनों उन्होंने ये कह दिया कि मनुस्मृति, रामचरितमानस और बंच आफ थाट्स जैसी किताबों को जला देना चाहिए। इन किताबों ने समाज में नफरत फैलाई और लाेगों को सदियों पीछे धकेल दिया।
शिक्षा मंत्री के बयान के बाद न केवल जेडीयू ने आपत्ति जताई है, बल्कि उनकी पार्टी आरजेडी के अंदर भी बंटी राय पर बहस छिड़ गई है। महागठबंधन में टूट के संकेत यहीं तक सीमित नहीं है, न ही लड़ाई केवल राय और विचारों तक रह गई है। पिछले कुछ महीनों के दरम्यान सार्वजनिक तौर पर भी कई बार टकराव देखे गए हैं। बिहार में महागठबंधन में ‘अब टूटा कि तब टूटा’ वाली स्थिति दिख रही है।
आपको बता दें, आरजेडी कोटे से मंत्री बनाए गए सुधाकर सिंह ने नीतीश कुमार को शिखंडी कह डाला था। हालांकि उन्होंने बाद में सफाई दी थी, लेकिन विवाद काफी बढ़ गया था। मालूम हो, सुधाकर आरजेडी के प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह के बेटे हैं। नीतीश कुमार ने तब कहा था कि पार्टी को ऐसे नेताओं पर कुछ सोचना चाहिए। डिप्टी सीएम तेजस्वी ने भी आपत्ति तो जताई, लेकिन कार्रवाई का निर्णय मुखिया लालू प्रसाद की ओर उछाल दिया था।
आपको बता दें, शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर के बयान पर नीतीश कुमार ने पहले तो यह कह के पल्ला झाड़ लिया कि उन्हें कुछ पता नहीं है, लेकिन उनकी पार्टी जेडीयू ने कड़ी आपत्ति जताई है। अशोक चौधरी ने कहा है कि उनकी पार्टी न ऐसे बयान देती है और न ही उस बयान का समर्थन करती है। आरजेडी ने इसे व्यक्तिगत बयान कह कर पल्ला झाड़ लिया हो, लेकिन हमें कड़ी आपत्ति है। सीएम नीतीश सभी धर्म और धर्मग्रंथों का सम्मान करते हैं। चंद्रशेखर के बयान से महागठबंधन की हिंदू विरोधी छवि जाएगी।
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