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Prashant kishor: नीतीश डाल-डाल तो प्रशांत पात-पात, एक बार फिर किया घेराव, कहा जनता को उलझा रही बिहार सरकार सरकार

Shubham Pathak • LAST UPDATED : August 12, 2023, 2:31 am IST

India News (इंडिया न्यूज़),Prashant kishor:बिहार में प्रशांत किशोर और नीतीश कुमार के बीच जुबानी हमला खत्म होने का नाम नहीं ले रही है। जहां जन सुराज पदयात्रा के सूत्रधार प्रशांत किशोर लगातार बिहार सरकार पर टिप्पणी करते रहे है। जानकारी के लिए बता दें कि, प्रशांत किशोर अभी जन सुराज के पदयात्रा कर रहे है। जो कि, अभी समस्तीपुर में है।

समस्तीपुर में पदयात्रा के दौरान पत्रकारों से बात-चीत करते हुए प्रशांत किशोर ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव पर दलितों और मुसलमानों की उपेक्षा करने को लेकर जोरदार हमला बोलते हुए कहा कि, बिहार की सरकार जनता को उलझा रही है कि आधे लोग लाग जाए जनगणना के पक्ष में और आधे लोग लग जाएं जनगणना के विपक्ष में। इसके बाद कोई इसकी चर्चा न करे कि बिहार में पढ़ाई हो रही है की नहीं, रोजगार मिल रहे हैं की नहीं। सब एक बार जाति में आग लगाकर अपनी रोटी सेंक कर फिर से एक बार मुख्यमंत्री बन जाए।

जातीय जनगणना पर उठाए सवाल

आगे प्रशांत किशोर ने कहा कि, बिहार के 13 करोड़ लोग जनगणना के मुताबिक सबसे गरीब और पिछड़े हैं ये जानकारी सरकार के पास है इसे क्यों नहीं सुधारते। दलितों की जनगणना आजादी के बाद से हो रही है उसकी दशा आप क्यों नहीं सुधार रहे हैं। उनके लिए आपने क्या किया? मुसलमानों की जनगणना की हुई है उनकी हालत सुधर क्यों नहीं रही है? बिहार में आज दलितों के बाद मुसलमानों की हालत सबसे खराब है पर कोई इस पर बात नहीं कर रहा है। जनगणना कराने और उसके विरोध करने वाले लोगों से मैं अपील करता हूं कि समाज में कोई वर्ग सही मायने में पीछे छूट गया है और उसकी संख्या ज्यादा है और सरकार सर्वे करवा रही है तो करवाने दीजिए।

जातीय जनगणना सर्वे के रिजल्ट की क्या होंगी मान्यता : प्रशांत किशोर

प्रशांत किशोर ने आगे कहा कि सर्वे और जनगणना में आसमान जमीन का फर्क है। सर्वे की कोई लीगल एंटीटी नहीं है। राज्य सरकार ने इस बात को कभी स्पष्टता से नहीं बताया कि सर्वे का जो रिजल्ट आएगा उसकी मान्यता क्या होगी ? उसकी मान्यता तो कुछ है नहीं। राज्य सरकार सर्वे कभी भी करा सकती है मान लीजिए अगर लीगल एंटीटी मिल भी गई तो जातियों के जनगणना मात्र से लोगों की स्थिति सुधरेगी नहीं।

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