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Scientist Gopal ji: बिहार के इस लाल ने कर दिया कमाल, इस कलाकारी को देख नासा ने बुलाया चौथी बार

Rajesh kumar • LAST UPDATED : March 5, 2024, 2:12 pm IST

India News(इंडिया न्यूज),Scientist Gopal ji: अगर आप गूगल पर ‘भारत का सबसे युवा वैज्ञानिक’ सर्च करेंगे तो आपको एक नाम दिखेगा, वो है गोपाल जी। 13 साल की उम्र में केले के तने से बिजली बनाकर उन्होंने युवा वैज्ञानिकों की सूची में अपना नाम पहले नंबर पर दर्ज कराया और अब गोपाल जी और उनकी टीम का चयन नासा के लिए हो गया है। गोपाल जी की संस्था यंग माइंड एंड रिसर्च डेवलपमेंट के सदस्यों ने चांद पर इंसानों को भेजने के लिए एक रोवर तैयार किया है।

युवा वैज्ञानिक गोपाल जी मूल रूप से बिहार के भागलपुर जिले के एक छोटे से गाँव ध्रुवगंज के रहने वाले हैं और उन्होंने बहुत कम उम्र में विज्ञान और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में अपनी योग्यता साबित की है। गोपाल जी की संस्था और उनकी टीम को नासा द्वारा 19 और 20 अप्रैल को आयोजित ह्यूमन एक्सप्लोरेशन रोवर चैलेंज कार्यक्रम के लिए चुना गया है। वैज्ञानिक गोपाल जी की टीम अब नासा जाएगी।

तैयार किया मानव रोवर

युवा वैज्ञानिक गोपाल जी और उनकी टीम ने चंद्रमा पर उतरने के लिए एक मानव रोवर तैयार किया है, जिसे नासा में प्रस्तुत किया जाएगा। इस रोवर को बनाने में 10 लाख रुपये की लागत आई है। विश्व में हाई स्कूल स्तर से 30 टीमों का चयन किया गया है। इनमें से एक टीम गोपाल जी की है। इस टीम में बिहार के 22 वर्षीय गोपाल जी मेंटर होंगे। इसके साथ ही 13 लोग शामिल हैं।

इनमें बिहार के विभिन्न हाईस्कूलों के तीन बच्चे तनिष्क उपमन्यु, करुणय उपमन्यु, सूर्यनारायण रजक शामिल हैं। नई दिल्ली से असना मिनोचा, कियान कनोडिया, हरियाणा से लोकेश आर्य और अरुण, उड़ीसा से आरुषि पैकरे, राजस्थान से ऐश्वर्या महाजन, उत्तर प्रदेश से ओम, पल्लवी, समीर यासीन, उत्कर्ष और रोहित, आंध्र प्रदेश से पठान सुलेमान और यूएसए से सुनैना साहू । शामिल होंगे। एम3एम फाउंडेशन के सहयोग से गोपाल जी की टीम नासा जाएगी। अगर इस टीम द्वारा तैयार मानव रोवर का चयन हो जाता है तो यह टीम नासा के चंद्रमा मिशन के लिए काम करेगी और गोल्ड मेडल भी मिलेगा।

दुनिया भर से 30 टीमों का किया गया चयन

भागलपुर निवासी युवा वैज्ञानिक गोपाल जी ने कहा कि यह नासा में एक तरह का साइंस ओलंपिक है, जिसमें हाई स्कूल स्तर पर दुनिया भर से 30 टीमों का चयन किया गया है और उनमें से एक हमारी भी है। इस रोवर को तैयार करने में एक महीने का समय लगा। अप्रैल में मैं अपनी टीम के साथ नासा जाऊंगा और वहां रोवर पेश करूंगा, एम3एम फाउंडेशन इसमें हमारी टीम का समर्थन कर रहा है, अगर नासा को यह मॉडल पसंद आया तो हम नासा के साथ चंद्रमा मिशन पर काम करेंगे और हमें स्वर्ण पदक भी मिलेगा।

आपको बता दें कि युवा वैज्ञानिक गोपाल जी ने केले के पेड़ से सिंगल यूज प्लास्टिक, खाने की थाली, केले के थंब से बिजली पैदा करने जैसे कई आविष्कार किए, इसलिए उन्हें बनाना बॉय के नाम से भी जाना जाता है। इससे पहले गोपाल जी तीन बार नासा का ऑफर ठुकरा चुके थे।

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