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India News (इंडिया न्यूज), Indian Railway: पूर्व मध्य रेलवे की आधा दर्जन से अधिक ट्रेनों से सुपरफास्ट का दर्जा हटने की संभावना जताई जा रही है, जिसके चलते यात्रियों को कुछ राहत मिल सकती है। जानकारी के अनुसार, इन ट्रेनों की गति में कमी और ठहराव की संख्या बढ़ने के कारण इनका सुपरफास्ट दर्जा खतरे में है। रेलवे बोर्ड इस पर विचार कर रहा है और जल्द ही निर्णय ले सकता है।
सुपरफास्ट ट्रेनों का परिचालन न्यूनतम 90 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से होना चाहिए, लेकिन कई ट्रेनों की रफ्तार अब 70-75 किमी प्रति घंटे तक सीमित हो गई है, जिसके कारण इनका सुपरफास्ट दर्जा समाप्त होने का खतरा बढ़ गया है। यदि ऐसा होता है तो यात्रियों को अब सुपरफास्ट का अतिरिक्त शुल्क नहीं देना होगा, जो एक सकारात्मक पहलू हो सकता है।
बिहार के विभिन्न स्टेशनों से गुजरने वाली ट्रेनों में से मुजफ्फरपुर से सप्तक्रांति, बिहार संपर्क क्रांति, वैशाली और स्वतंत्रता सेनानी जैसी सुपरफास्ट ट्रेनें प्रभावित हो सकती हैं। इन ट्रेनों पर सुपरफास्ट का दर्जा हटने के बाद यात्रियों को कुछ राहत मिलेगी, लेकिन यात्रा समय में बढ़ोतरी हो सकती है।
इसके साथ ही रेलवे बोर्ड 2025 के लिए नई समय सारणी बनाने की योजना पर काम कर रहा है। अब तक रेलवे की समय सारणी में बदलाव जून और अक्टूबर में हुआ करता था, लेकिन 2024 में ऐसा नहीं हुआ। नवंबर 2024 में रेलवे बोर्ड ने सभी जोन और मंडल से ट्रेनों के समय और ठहराव पर जानकारी मांगी थी, जिसे अब रेलवे बोर्ड के पास उपलब्ध करा दिया गया है।
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