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गुजरात: गुजरात चुनाव की तारीखों का ऐलान हो चुका है. ये चुनाव दो चरणों में कराया जाएगा। निर्वाचन आयोग ने गुजरात विधानसभा चुनाव के कार्यक्रम की प्रेस कॉन्फ्रेंस के माध्यम से घोषणा की. गुजरात में 1 और 5 दिसंबर को वोटिंग होगी और हिमाचल प्रदेश के साथ ही 8 दिसंबर को चुनाव के परिणाम घोषित किये जाएंगे. पिछली बार भी गुजरात में 2 चरणों में विधानसभा चुनाव कराया गया था.
चुनाव की तैयारियों में तारिख ऐलान करने के पहले से ही पार्टियां जुटी हुई हैं. गुजरात देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का गृह राज्य है ऐसे में विपक्षी दल अपना पूरा दम झोंकने में लगे हुए हैं. गुजरात में मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस है.
कांग्रेस पार्टी के नेता गुजरात में प्रचार तो कर रहे हैं लेकिन इनका जोश हाई की जगह लो नज़र आया. अगर नज़र डालें चुनाव प्रचार प्रसार में तो गांधी परिवार की मौजूदगी अब तक नज़र नहीं आई है। कांग्रेस राज्य में स्थानीय नेताओं के बल पर एक्टिव है।कांग्रेस पार्टी शहरी सीटों की जगह ग्रामीण सीटों पर ज़्यादा फोकस कर रही है।
पिछली बार कांग्रेस ने ग्रामीण इलाकों में बीजेपी को करारी पटखनी दी थी।लेकिन शहरी क्षेत्रों में भारतीय जनता पार्टी को ही जनता का समर्थन मिला था.गुजरात में विधानसभा की 182 सीटें हैं। इनमें 55 सीटें सिर्फ चार बड़े शहरों में हैं। अहमदाबाद, सूरत, राजकोट और वडोदरा इसी में शामिल हैं, जबकि 127 सीटें सेमी अर्बन हैं।
अगर इसमें बंटवारा किया जाए तो करीब 100 से अधिक सीटें ग्रामीण हैं। कांग्रेस का पूरा फोकस इन्हीं सीटों पर है. लेकिन विपक्षी दल करने में बिलकुल नहीं कतरा रहा है कि गाँधी परिवार की प्रचार प्रसार में अब तक एंट्री क्यों नहीं हुई. क्या उन्हें अपनी हार की सुगबुगाहट हो गई है?
आम आदमी पार्टी की पंजाब में सरकार बनने के बाद से पूरा फोकस गुजरात पर था. दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल ने गुजरात चुनाव में जीत को लेकर जनता के सामने कई बड़े वादे रखे हैं. लेकिन आप की कमजोरी यह है कि उनके पक्ष में कोई जातीय समीकरण नहीं दिख रहा है और सीएम के कोई मजबूत चेहरा नहीं है। कांग्रेस बीजेपी (BJP) के बाद दूसरे नंबर पर रहेगी।
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