India News ( इंडिया न्यूज़ ) Death Anniversary of Alfred Nobel : आज नोबेल पुरस्कार के संस्थापक और दुनिया के मशहूर वैज्ञानिक अल्फ्रेड बर्नहार्ड नोबेल की पुण्यतिथि है। 10 दिसंबर 1896 को 63 साल की उम्र में अल्फ्रेड नोबेल का निधन हो गया था। उनके नाम पर ही आज दुनिया का सबसे प्रतिष्ठित और सम्मानित पुरस्कार नोबेल पुरस्कार दिया जाता है। यह पुरस्कार उनकी संपत्ति के एक हिस्से से ही दिया जाता है। डायनामाइट के आविष्कार के लिए फेमस अल्फ्रेड नोबेल को सारी जिंदगी इसे बनाने का अफसोस रहा। यही कारण है कि आगे चलकर उन्होंने शांति का रास्ता अपनाया और अपनी सारी संपत्ति मानव हित के लिए दान कर दी। तो चलिए जानते हैं उस घटना के बारे में जब अल्फ्रेड नोबेल के बारे में गलत खबर अखबार में छपी थी।
जब सान 1988 में अल्फ्रेड नोबेल के भाई लुडविग नोबेल की हृदय रोग और सांस की बीमारी के चलते निधन हो गया था। तब कुछ अख़बारों ने लुडविग नोबेल की मौत को अल्फ्रेड नोबेल की मौत समझ लिया था। उन्होंने अल्फ्रेड नोबेल की मौत की खबर अख़बार में छापते हुए लिखा कि, ‘मौत के सौदागर की मौत हो गई।’ जब अल्फ्रेड नोबेल ने यह खबर पढ़ी तो वह परेशान हो गए। वह बिल्कुल नहीं चाहते थे कि उनकी मौत के बाद लोग उन्हें इस रूप में याद करे। ऐसे में उन्होंने शांति का रास्ता अपनाया।
अख़बार में अपनी मौत की खबर पढ़ने के बाद अल्फ्रेड नोबेल ने अपनी छवि को बदलने के लिए विश्व शांति और मानव कल्याण के लिए कार्य किया। उन्होंने साल 1995 में अपना वसीयतनामा तैयार किया। जिसमें लिखा था कि उनकी संपत्ति के 94 प्रतिशत भाग से उन लोगों को सम्मानित किया जाए जिन्होंने शांति, भौतिकी, रसायन विज्ञान, चिकित्सा और साहित्य के क्षेत्र में सर्वश्रेष्ठ काम किया हो। इसे ही आज नोबेल पुरस्कार नाम से जाना जाता है।
ये भी पढ़ें – The Archies: ऋतिक रोशन से ऐश्वर्या राय तक, इन सभी सेलेब्स ने की ‘द आर्चीज’ की तारीफ, लोगों ने कहा- ‘सफेद झूठ……’
Get Current Updates on News India, India News, News India sports, News India Health along with News India Entertainment, India Lok Sabha Election and Headlines from India and around the world.