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Rajneesh Duggal Birthday : एक होर्डिंग ने बदल दी थी रजनीश दुग्गल की किस्मत, कभी संभालते थे पिता की दुकान

Deepika Gupta • LAST UPDATED : November 19, 2023, 6:09 am IST

India News ( इंडिया न्यूज़ ) Rajnessh Duggal Birthday : बॉलीवुड में अपने अभिनय से सभी का दिल जीतने वाले रजनीश दुग्गल (Rajnessh Duggal) आज अपना का 44वां जन्मदिन मना रहे हैं। रजनीश दुग्गल ने कभी सपने में भी नहीं सोचा था कि वह फिल्म इंडस्ट्री का हिस्सा बन पाएंगे। जी हाँ और हमेशा से उनकी दिलचस्पी स्पोर्ट्स में रही थी। हालांकि मुंबई की सड़क पर लगी एक होर्डिंग ने उनकी किस्मत बदल दी थी। जी हाँ और आज हम आपको बताते हैं कैसे? कहा जाता है पढ़ाई के साथ साथ रजनीश दुग्गल अपने पिता प्रदीप दुग्गल की दुकान भी संभालते थे। तो चलिए आज उनके जन्मदिन के मौके पर बताते हैं उनके जीवन से जुड़ी कुछ बातें।

 कभी संभाली थी पापा की दुकान

दिल्ली यूनिवर्सिटी से बीकॉम करने के बाद मैं द्वारका के एवीजे स्कूल ऑफ मैनेजमेंट से बिजनेस एडमिनिस्ट्रेशन का कोर्स कर रहा था। आधे दिन मुझे वहां जाना होता था, उसके बाद कश्मीरी गेट के बस अड्डे के पास मेरी बेयरिंग की दुकान थी। द्वारका से कश्मीरी गेट तक मुझे आने में 45 मिनट से एक घंटे लगते। दोपहर के बाद पिता जी की दुकान संभालता या कहा जाए तो पिताजी की दुकान पर नौकरी करता था। दुकान और कॉलेज से जो समय बचता था, उसमें स्विमिंग और जूडो की प्रैक्टिस करता था। मैं नेशनल स्तर पर जूडो खेल चुका हूं।

इंडस्ट्री में आने का नहीं था कोई सपना 

जब रजनीश दुग्गल स्पोर्ट्स, पढ़ाई और दुकान में बिजी थे, उस समय दूर दूर तक इंडस्ट्री में आने का ख्याल तक उन्हें नहीं आया था। रजनीश दुग्गल कहते है, ‘फिल्म ‘जिला गाजियाबाद’ के निर्देशक आनंद कुमार के एक मित्र अक्सर मेरी दुकान के आसपास से गुजरते हुए मुझे देखते थे। एक दो बार उन्होंने देखा फिर मेरे दुकान पर आ गए और बोले, तुमको तो मुंबई में होना चाहिए। उनकी बात सुनकर मैं खूब हंसने लगा था क्योंकि मेरा इंडस्ट्री से कोई ताल्लुक ही नहीं था।

ऐसे बदली किस्मत 

रजनीश दुग्गल कुछ ही अरसे में किटकैट, यामाहा, वीडियोकॉन जैसे कई ब्रांड्स के लिए मॉडलिंग कर चुके थे। उन्होंने अपने एक इंटरव्यू में बताया, ‘मैं रेमंड्स का चेहरा बन गया था। मुंबई की सड़को पर कई जगह मेरी होर्डिंग लगी थी। एक दिन विक्रम भट्ट के ऑफिस से फोन आया। विक्रम भट्ट ने मेरी रेमंड्स वाली होर्डिंग देखी थी और उन्होंने ही अपने कास्टिंग विभाग को बोला कि इस रेमंड्स वाले लड़के को बुलाओ। मैं विक्रम भट्ट से मिला। मिलकर मुझे भी अच्छा लगा उन्हें भी अच्छा लगा। और पहली मीटिंग में ये फाइनल हो गया कि मैं फिल्म ‘1920’ कर रहा हूं। उसके बाद हमने दो और फिल्मों की डील साइन की, फिल्म ‘1920’ के बाद मैंने ‘फिर’ और ‘डेंजरस इश्क’ में काम किया। तभी से मेरी किस्मत बदल गई।

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