India News (इंडिया न्यूज़), Richa Chadha Working Experience, दिल्ली: बॉलीवुड एक्ट्रेस रिचा चड्ढा जल्दी बड़े पर्दे पर अपने पुराने रोल भोली पंजाबन के साथ वापसी कर रही है। बता दे बड़े पर्दे पर फुकरे 3 वापसी कर चुका है। इसके साथ ही नेटफ्लिक्स द्वारा भी इसी साल हीरा मंडी वेब सीरीज का पहला लुक शेयर किया गया था। इसे संजय लीला भंसाली द्वारा बनाया जा रहा है। जिसमें कास्ट को इंट्रोड्यूस किया गया। वहीं इस वेब सीरीज के अंदर मनीषा कोइराला, अदिति राव हैदरी, ऋचा चड्ढा, शर्मिन सहगल, संजीदा शेख और सोनाक्षी सिन्हा जैसे किरदारों को देखा जाने वाला है। इसके साथ ही हाल ही में इस बात का खुलासा किया है कि वह फिल्म मेकर संजय लीला भंसाली के साथ काम करने को काफी अच्छा मानती है। जिससे वह अपने क्रिएटिव विजन को भी बड़ी स्क्रीन पर दिखा सकेंगे।
अपने इंटरव्यू के दौरान रिचा चड्ढा ने बताया कि जब उन्होंने संजय लीला भंसाली के साथ गोलियों की रासलीला रामलीला में काम किया था तो उनका एक्सपीरियंस कैसा था एक्ट्रेस ने कहा, “मैंने उनके साथ राम-लीला में काम किया है। हमारे बीच दस साल का अंतराल रहा लेकिन हमने वहीं से काम शुरू किया जहां से छोड़ा था। मुझे उनके साथ काम करना पसंद है क्योंकि वह अथक हैं। जब आप उसके साथ काम करते हैं तो आपके पैर का अंगूठा भी महत्वपूर्ण होता है। मुझे उनके सेट पर बहुत डर लगता है क्योंकि आप आधे-अधूरे मन से कुछ भी नहीं कर सकते।”
इसके अलावा एक्ट्रेस ने अपनी बात में और भी चीजों को जोड़ते हुए बताया, “बॉडी लैंग्वेज से लेकर बालों तक, ये सभी चीजें उसके लिए महत्वपूर्ण हैं। सौंदर्यशास्त्र की दृष्टि से वह बहुत उत्तम है। इसलिए, आप इन चीजों को मिस नहीं कर सकते”
रिचा चड्ढा ने अपने आने वाली नेटवर्क सीरीज हीरा मंडी के ऊपर बात करते हैं बताया कि वह किस तरह के एक्सपीरियंस को जी चुकी है। उन्होंने कल्चर, ट्रेडीशन और वातावरण के बारे में बात की, इसके साथ ही बता दें कि यह फिल्म इंडिया के इंडिपेंडेंस समय के दौरान 1940 की है। इसके साथी रिचा चड्ढा ने संजय लीला भंसाली के साथ काम करने की अपनी कठिनाइयों के बारे में भी बात की है।
रिचा चड्ढा बताती है कि, “आपको कहा जाता है कि 30 किलो का लहंगा पहनें, चार चक्कर लगाएं और ताल पर बस रुकें, और आपकी बाईं आंख से आंसू की एक बूंद गिरनी चाहिए क्योंकि रोशनी उस तरफ से आ रही है। यह एकाग्रता का ध्यान स्तर है। मेरे लिए, ऐसा करना बहुत मुश्किल था, खासकर व्यावसायिक क्षेत्र में।”
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