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India News (इंडिया न्यूज),America deports people: अमेरिका के राष्ट्रपति बनने के बाद डोनाल्ड ट्रंप एक के बाद एक बड़े फैसले ले रहे हैं। इस बीच उन्होंने सबसे पहले अमेरिका में रह रहे अवैध प्रवासियों के खिलाफ कार्रवाई की है। अमेरिकी राष्ट्रपति द्वारा एक कार्यकारी आदेश पर हस्ताक्षर करने के बाद यह कार्रवाई शुरू की गई है।
अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप ने इतिहास का सबसे बड़ा सामूहिक निर्वासन अभियान शुरू किया है। अमेरिका में अवैध प्रवासियों में भारतीयों की संख्या भी बहुत अधिक है।
एक रिपोर्ट के अनुसार, मेक्सिको और अल साल्वाडोर के बाद अमेरिका में अवैध प्रवासियों में भारतीय तीसरे नंबर पर हैं। सबसे चिंताजनक बात यह है कि दुनिया की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था अवैध प्रवासियों के बड़े पैमाने पर निर्वासन के लिए तैयार है।
अमेरिका से अवैध प्रवासियों को निर्वासित करने की प्रक्रिया नई नहीं है। ऐसा पहले भी होता रहा है। एक अनुमान के अनुसार, अमेरिका ने 2013-14 से हर साल औसतन 2 लाख से अधिक लोगों को निर्वासित किया है। बराक ओबामा जब अमेरिका के राष्ट्रपति हुआ करते थे, तब उनके दूसरे कार्यकाल के चार सालों में 10 लाख से ज़्यादा लोगों को निर्वासित किया गया था। इसी तरह डोनाल्ड ट्रंप (1.0) के शासन में भी बड़ी संख्या में अवैध अप्रवासियों को निर्वासित किया गया। ट्रंप के पहले कार्यकाल में 7.7 लाख लोगों को अमेरिका से निर्वासित किया गया था।
इसके अलावा जो बाइडेन के कार्यकाल में करीब 4.9 लाख लोगों को निर्वासित किया गया। यह भी ध्यान देने वाली बात है कि कोविड के दौरान निर्वासन में काफ़ी गिरावट देखी गई। पिछले दशक में जिन शीर्ष 10 देशों के नागरिकों को निर्वासित किया गया, वे सभी अमेरिका में स्थित हैं। निर्वासित होने वाले शीर्ष राष्ट्रीयताओं में भारतीय शामिल नहीं हैं, लेकिन पड़ोसियों की सूची में शीर्ष पर हैं।
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मीडिया रिपोर्ट ने अमेरिकी सरकार के आंकड़ों का हवाला देते हुए कहा कि अकेले वर्ष 2023 में लगभग 90,000 भारतीयों को गिरफ्तार किया गया, जो अवैध रूप से संयुक्त राज्य अमेरिका में प्रवेश करने की कोशिश कर रहे थे। गौरतलब है कि अमेरिका से भारत में निर्वासन कोई नई बात नहीं है। वर्ष 2023 में एक हजार से अधिक भारतीयों को निर्वासित किया गया। इस बीच, भारत सरकार वर्तमान में अवैध अप्रवासियों को निर्वासित करने के लिए ट्रम्प प्रशासन के साथ काम कर रही है।
अमेरिका के 47वें राष्ट्रपति के रूप में शपथ लेते ही डोनाल्ड ट्रम्प ने अमेरिका में अवैध निर्वासन को लेकर बड़ा फैसला लिया। 22 जनवरी, 2025 को ट्रम्प ने एक आदेश पर हस्ताक्षर किए। इस आदेश के अनुसार, दक्षिणी सीमा के माध्यम से संयुक्त राज्य अमेरिका में आक्रमण करने वाले विदेशियों का भौतिक प्रवेश नहीं होगा।
इस आदेश में डोनाल्ड ट्रम्प के 2028 के बयान का हवाला दिया गया। जिसमें ट्रम्प ने कहा कि अवैध आव्रजन सभी अमेरिकियों के जीवन को प्रभावित करता है। इसके कारण अमेरिकी श्रमिकों को नुकसान होता है। अमेरिकी करदाताओं पर बोझ बढ़ता है।
अमेरिका में भारतीय अवैध अप्रवासियों की संख्या भी बहुत अधिक है। ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट पर गौर करें तो करीब 18,000 भारतीय अवैध अप्रवासियों की पहचान की गई है। ये पहचान दोनों देशों ने मिलकर की है। हालांकि, अनुमान है कि यह संख्या इससे भी अधिक हो सकती है। वास्तविक अवैध अप्रवासियों की संख्या के बारे में किसी को जानकारी नहीं है।
गौरतलब है कि शुक्रवार को भारतीय विदेश मंत्रालय ने कहा था कि अगर अवैध अप्रवासियों की राष्ट्रीयता की पुष्टि हो जाती है तो भारत उन्हें वापस ले लेगा। नई दिल्ली अवैध अप्रवास के खिलाफ है ‘क्योंकि यह संगठित अपराध के कई रूपों से जुड़ा हुआ है।
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