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India News (इंडिया न्यूज), S Jaishankar On Pakistan : विदेश मंत्री एस जयशंकर ने एक बार फिर पाकिस्तान पर निशाना साधा है। उन्होंने पड़ोसी देश की तुलना एक ऐसे “कैंसर” से की है, जिसका असर अब उसके अपने लोगों पर पड़ रहा है। मुंबई में 19वें नानी ए पालखीवाला मेमोरियल लेक्चर में उन्होंने पिछले दशक में कूटनीति के प्रति भारत के दृष्टिकोण के बारे में भी बात की। जयशंकर ने शनिवार को कहा, “सीमा पार आतंकवाद को समर्थन देने के मामले में पाकिस्तान हमारे पड़ोस में एक अपवाद है।
यह कैंसर अब उसके अपने राजनीतिक शरीर को खा रहा है। पूरे उपमहाद्वीप का साझा हित है कि पाकिस्तान उस दृष्टिकोण को त्याग दे।” भारत से संबंधित विदेशी मामलों पर अपनी तीखी टिप्पणियों के लिए जाने जाने वाले विदेश मंत्री ने यह भी कहा कि भारत को महत्वपूर्ण और उभरती प्रौद्योगिकियों के विकास में पीछे नहीं रहना चाहिए।
मंत्री ने कहा, “भारत भले ही गैर-पश्चिम हो, लेकिन इसके रणनीतिक हित यह सुनिश्चित करते हैं कि यह पश्चिम विरोधी न हो।” “वित्तीय संस्थानों के हथियारीकरण” से उत्पन्न चुनौती पर प्रकाश डालते हुए उन्होंने कहा कि भारत को अपने आंतरिक विकास को बढ़ाना चाहिए और साथ ही अपने बाहरी जोखिम को कम करना चाहिए। जयशंकर ने कहा कि भारत खुद को ‘विश्वबंधु’ या सभी का मित्र और वैश्विक मंच पर एक विश्वसनीय भागीदार के रूप में देखता है, जबकि वह मित्रता को अधिकतम करने और समस्याओं को कम करने का प्रयास करता है। लेकिन उन्होंने कहा कि ऐसा भारत के हितों को ध्यान में रखकर किया जाता है।
मंत्री ने इस बारे में भी बात की कि क्षेत्रीय खिलाड़ी कैसे महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं। जयशंकर ने कहा कि भारत मध्यम शक्तियों के साथ संबंध विकसित करने का प्रयास कर रहा है और इससे उसके कूटनीतिक प्रोफाइल का विस्तार करने में मदद मिली है। उन्होंने भारत के कूटनीतिक दृष्टिकोण को तीन शब्दों में अभिव्यक्त किया आपसी सम्मान, आपसी संवेदनशीलता और आपसी हित। उन्होंने कहा, “पिछले दशक ने दिखाया है कि कैसे कई मोर्चों पर प्रगति की जाए, बिना किसी को अलग किए विविध संबंधों को आगे बढ़ाया जाए। ध्रुवीकृत स्थितियों ने विभाजन को पाटने की हमारी क्षमता को सामने लाया है।”
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