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इंडिया न्यूज, नई दिल्ली (Rupees Weak Against Dollar): रुपया में एक बार फिर से कमजोरी जारी है। विदेशी मुद्रा बाजार में डॉलर लगातार मजबूत हो रहा है। इसी कारण आज रुपया 7 पैसे की कमजोरी के साथ 79.74 रुपये के स्तर पर खुला, जोकि चिंता का विषय है।
इतना ही नहीं, आज भारतीय शेयर बाजार में भी भारी गिरावट आई है। बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज का इंडेक्स सेंसेक्स 555 अंकों की गिरावट के साथ 57730 पर और निफ्टी 170 अंकों की गिरावट के साथ 17785 पर कारोबार कर रहा है। गौरतलब है कि डॉलर महंगा होने से आयात शुल्क बढ़ जाता है, इससे अतिरिक्त भार पड़ता है। इसलिए आरबीआई हमेशा रुपये को मजबूत करने के लिए समय समय पर कई ठोस कदम उठाता है।
गौरतबल है कि बीते दिन वीरवार को डॉलर के मुकाबले रुपया 23 पैसे की कमजोरी के साथ 79.67 रुपये के स्तर पर बंद हुआ था। वहीं बुधवार को डॉलर के मुकाबले रुपया 21 पैसे की मजबूती के साथ 79.44 रुपये के स्तर पर बंद हुआ। इससे पहले शुक्रवार को कारोबार हुआ था, जब रुपया 2 पैसे की कमजोरी के साथ 79.66 रुपये के स्तर पर बंद हुआ था।
रुपया की कीमत बढ़ने और कम होने से देश के आयात एवं निर्यात पर खासा असर पड़ता है। रुपया की कीमत डॉलर के तुलना में मांग एवं आपूर्ति से तय होती है। दरअसल, हर देश अपने पास विदेशी मुद्रा का भंडार रखता है। इससे वह देश के आयात होने वाली वस्तुओं का भुगतान करता है। वहीं रिजर्व बैंक आफ इंडिया हर सप्ताह विदेशी मुद्रा भंडार से जुड़े आंकड़े जारी करता है। देश में विदेशी मुद्रा भंडार कितना बढ़ा या घटा है और उस दौरान देश में डॉलर की मांग क्या है, इससे भी रुपये की मजबूती या कमजोरी तय होती है।
डॉलर के मुकाबले जब रुपए की कीमत काफी गिरने लगती है तो रिजर्व बैंक आफ इंडिया इसे संभालने के लिए कई ठोस कदम उठाता है। कई ऐसी नीतियों में बदलाव करता है जिससे डॉलर की मांग को कम किया जा सके। आरबीआई अपने मुद्रा कोष से कुछ डॉलर को निकालकर बेच सकता है।
आयात को मुश्किल करने के लिए नियमों को सख्त किया जा सकता है, जिससे डॉलर की मांग कम होती है। इससे विदेशी सामानों के दाम बढ़ जाते हैं। भारतीय सामानों को विदेशी ग्राहक अधिक खरीदें इसके लिए कुछ बदलाव किए जा सकते हैं, जिससे डॉलर का भंडार बढ़े। ऐसे ही कई और फैसले रिजर्व बैंक डॉलर की मांग को देश में कम करने के लिए उठा सकता है।
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