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इंडिया न्यूज, नई दिल्ली:
भारत और एशिया के सबसे अमीर शख्स गौतम अडानी (Gautam Adani) ने कोहिनूर राइस ब्रांड खरीद लिया है। हाल ही में अडानी ग्रुप की कंपनी अडानी विल्मर शेयर बाजार में लिस्ट हुई थी। अब अडानी विल्मर ने कोहिनूर राइस ब्रांड को खरीद लिया है। अडानी ग्रुप की हाल ही में लिस्ट हुई कंपनी अडानी विल्मर (Adani Wilmar) ने मंगलवार को कहा कि उसने McCormick स्विट्जरलैंड जीएमबीएच से लोकप्रिय चावल ब्रांड कोहिनूर खरीदा है। यह डील कितने में हुई है, अभी इसका खुलासा नहीं किया गया है।
कंपनी का कहना है कि इस अधिग्रहण से उसे कोहिनूर ब्रांड बासमती चावल के साथ-साथ रेडी टु कुक, रेडी टु ईट और भारत में कोहिनूर ब्रांड के दूसरे पोर्टफोलियो पर विशेष अधिकार मिलेंगे। अडानी ग्रुप खाद्यान्न बाजार में अपनी उपस्थिति मजबूत करना चाहता है। कंपनी के रेवेन्यू में अभी इस सेगमेंट की करीब 11 फीसदी हिस्सेदारी है।
यह अधिग्रहण अडानी विल्मर (Adani Wilmar) को अपनी ग्रोथ को अगले स्तर तक ले जाने में मदद करेगा। दरअसल, देश में चावल का बाजार बहुत बड़ा है और अडानी ग्रुप बासमती के अलावा स्थानीय राइस ब्रांड्स में भी अपने आप को मजबूत करना चाहता है। कोहिनूर ब्रांड में प्रीमियर बासमती राइस ब्रांड कोहिनूर के साथ चारमिनार (Charminar) और ट्रॉफी (Trophy) शामिल हैं।
अडानी विल्मर के सीईओ और एमडी अंशु मलिक (Anshu Malik) ने कहा कि यह अधिग्रहण कंपनी की बिजनस स्ट्रैटजी के मुताबिक है। अडानी विल्मर के मुख्य कार्यकारी अधिकारी और प्रबंध निदेशक अंगशु मलिक ने कहा कि अडानी विल्मर फॉर्च्यून परिवार में कोहिनूर ब्रांड का स्वागत करती है। कोहिनूर एक विश्वसनीय ब्रांड है जो भारत के स्वाद का प्रतिनिधित्व करता है और इसे ग्राहकों द्वारा पसंद किया जाता है।
अडानी विल्मर के पास भारत में सबसे बड़ा खाद्य तेल आयातक, रिफाइनर और मार्केटर है। हाल ही में कंपनी ने पश्चिम बंगाल की एक खस्ताहाल राइस प्रोसेसिंग यूनिट को खरीदा था। इसके अलावा कंपनी ने चावल सेक्टर में एंट्री मारी थी। देश में चावल की सालाना खपत 3 से 3.5 करोड़ टन है। कंपनी आटा और चावल सेगमेंट में अपना नाम बड़ा करना चाहती है। उसने अधिग्रहण के लिए 450 से 500 करोड़ रुपए रखे हैं।
बीते वित्त वर्ष अडानी विल्मर (Adani Wilmar) को खाने के तेलों से 54,214 करोड़ रुपए का राजस्व प्राप्त हुआ। एक साल पहले यानी वित्त वर्ष 2020-21 में कंपनी का रेवेन्यू 37,090 करोड़ रुपये रहा था। वहीं हिंदुस्तान यूनिलीवर का रेवेन्यू वित्त वर्ष 2021-22 में 51,468 करोड़ रुपये रहा है। यानि कि पहले स्थान पर काबिज हिंदुस्तान यूनिलीवर को अडानी विल्मर से पिछड़ना पड़ा है।
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