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बिज़नेस डेस्क/नई दिल्ली (Business Learning: A company normally raises three rounds of money before completing an IPO, although there is no set number of rounds) : स्टार्टअप टर्म में आपने सीरीज राउंड या सीरीज फंडिंग के बारे में जरूर सुना होगा। आमतौर पर इसे सीरीज A राउंड, सीरीज B राउंड, सीरीज C राउंड कहा जाता है। वैसे स्टार्टअप जिनके शानदार बिज़नेस आइडिया के कारण बिज़नेस एक हद तक तेजी से काम कर रहा है लेकिन समय के साथ ज्यादा डिमांड बढ़ने पर उस बिज़नेस को नए ऑफिस, कर्मचारियों की जरूरत होती है। इसके अलावा कंपनी को शेयर बाजार में आईपीओ लाने से पहले भी फंडिंग राउंड को पूरा करना होता है। बिज़नेस लर्निंग सीरीज में आज हम आपको आसान भाषा में बताएंगे की ये सीरीज फंडिंग क्या होती है ?
सीरीज A फंडिंग के बारे में जानने से पहले आपको यह जानना जरूरी है कि सीड राउंड क्या होता है। सीड का हिंदी में मतलब होता है बीज, यानी स्टार्टअप के शुरुआत में आधिकारीक तौर पर इक्विटी फंडिंग करना। आसान भाषा में पैसों के बदले कंपनी की इक्विटी देना।
सीड स्टेज या सीड राउंड के बाद होने वाले पहले फंडिंग राउंड को ही हम सीरीज A फंडिंग कहते हैं। इस राउंड में पैसा उठाने तक एक बिज़नेस मॉडल को विकसित करना जिससे लॉन्ग टर्म प्रॉफिट हो सके ऐसी सोच होनी चाहिए। अक्सर सीरीज A फंडिंग में वेंचर कैपिटल फर्म होते है। सीरीज A फंडिंग आमतौर पर 15 करोड़ से 100 करोड़ के बीच होता है।
बिज़नेस को विकास के अगले स्तर पर ले जाने के लिए सीरीज B राउंड किया जाता है। इसमें निवेशक स्टार्टअप को बाजार तक पहुंचने और विस्तार करने में मदद करते हैं। इस राउंड तक पहुंचने का मतलब साफ है कि सीड राउंड और सीरीज A राउंड में कंपनी ने निवेशकों को यह साबित कर दिया है कि वे बड़े पैमाने पर सफलता के लिए तैयार हैं। सीरीज B फंडिंग का उपयोग कंपनी को विकसित करने के लिए किया जाता है ताकि वह मांग के इन स्तरों को पूरा कर सके। सीरीज B फंडिंग आमतौर पर 250 करोड़ से 500 करोड़ के बीच होता है।
सीरीज C फ़ंडिंग लेने वाले बिज़नेस आमतौर पर काफी सफल होते हैं। यह बिज़नेस नए उत्पादों को विकसित करने, नए बाज़ारों में विस्तार करने, या यहाँ तक कि अन्य कंपनियों का अधिग्रहण करने में मदद करने के लिए सीरीज C राउंड से पैसा उठाती है। सीरीज C फंडिंग का लक्ष्य कंपनी को स्केल करने और जल्द से जल्द सफलतापूर्वक बढ़ने पर केंद्रित होता है। इस राउंड में 500 करोड़ के उपर की रकम निवेश की जाती है।
ये भी पढ़ें :- Business Learning: क्या होता है IPO और FPO और क्या है इन दोनों में अंतर ?
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