इंडिया न्यूज, नई दिल्ली:
विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (FPI) का भारतीय शेयर बाजार में बिकवाली का सिलसिला जारी है। अप्रैल के महीने में भी अब तक विदेशी निवेशकों ने भारतीय बाजारों से 12,300 करोड़ रुपए निकाल लिए हैं। दरअसल, इस बार अमेरिकी केंद्रीय बैंक फेडरल रिजर्व द्वारा ब्याज दरों में बढ़ोतरी की आशंका बहुत ज्यादा है। इसी कारण विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (Foreign Exchange Reserves) का भारतीय बाजार से भरोसा घट रहा है।

बाजार विशेषज्ञों का मानना है कि अमेरिकी केंद्रीय बैंक द्वारा ब्याज दरों में वृद्धि की संभावना, रूस-यूक्रेन युद्ध, कच्चे तेल की कीमतों में उतार-चढ़ाव, घरेलू मोर्चे पर ऊंची मुद्रास्फीति की वजह से भारतीय शेयर बाजारों में विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (एफपीआई) का निवेश प्रवाह दबाव में रहेगा।

लगातार 6 महीने तक की बिकवाली

बता दें कि इससे पहले FPI ने मार्च, 2022 तक भारतीय शेयर बाजारों में लगातार 6 महीने तक बिकवाली की थी। इस दौरान उन्होंने भारतीय शेयर बाजारों से 1.48 लाख करोड़ रुपए निकाले थे। लगातार 6 माह तक बिकवाली के बाद एफपीआई ने अप्रैल के पहले सप्ताह में शेयरों में 7,707 करोड़ रुपये डाले थे। इसके बाद 11 से 13 अप्रैल के कम कारोबारी सत्रों वाले सप्ताह के दौरान उन्होंने शेयरों से 4,500 करोड़ रुपए निकाल लिए।

बांड बाजार से 1282 करोड़ की निकासी

डिपॉजिटरी के आंकड़ों पर गौर करें तो 1 से 22 अप्रैल के दौरान विदेशी निवेशकों ने भारतीय बाजारों से शुद्ध रूप से 12,286 करोड़ रुपये की निकासी की है। इस अवधि में एफपीआई ने शेयरों के अलावा ऋण या बांड बाजार से भी 1,282 करोड़ रुपये की निकासी की है।

इस बारे में मार्निंगस्टार इंडिया के एसोसिएट डायरेक्टर-मैनेजर रिसर्च हिमांशु श्रीवास्तव ने कहा कि अमेरिकी फेडरल रिजर्व द्वारा ब्याज दरों में बढ़ोतरी की आशंका से निवेशकों की धारणा प्रभावित हो रही है। ऐसे में निवेशक उभरते बाजारों में अपने निवेश को लेकर एक बार फिर सतर्क हैं।

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