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India News (इंडिया न्यूज), NITI Aayog Report: 5 दिसंबर नीति आयोग के वाइस चेयरमैन सुमन बेरी और सीईओ बीवीआर सुब्रह्मण्यम ने भारतीय व्यापार पर आधारित नीति आयोग की पहली त्रैमासिक रिपोर्ट पेश की। इस रिपोर्ट में भारत के व्यापार का वैश्विक व्यापार से तुलनात्मक अध्ययन किया गया है और आगामी अवसरों का ब्योरा दिया गया है। रिपोर्ट के अनुसार, भारत के व्यापार का वैश्विक व्यापार से तुलनात्मक अध्ययन किया गया और इसका उद्देश्य पॉलिसी मेकर्स, रिसर्चर्स को सही आंकड़े उपलब्ध कराना है। इसमें व्यापार के पैटर्न, चुनौतियों, और अपॉर्च्युनिटीज पर चर्चा की गई है।
नीति आयोग के सलाहकार और प्रोग्राम डायरेक्टर प्रवाकर साहू ने जानकारी दी कि भारत का मर्चेंडाइज ट्रेड अब भी कमजोर है, जबकि सर्विस सेक्टर में भारत ने बेहतरीन प्रदर्शन किया है। हालांकि, भारत का वैश्विक व्यापार में केवल 3% हिस्सा है, जबकि अन्य देशों की हिस्सेदारी काफी बड़ी है। इसके अलावा भारत और भी कुछ एरिया में पिछड़ रहा रहा है , लेकिन उसके पास बढ़त बनाने का मौका होगा।
रिपोर्ट में के अनुसार वैश्विक डिमांड और भारतीय एक्सपोर्ट के बीच एक असंतुलन की स्थिति है। भारत जहां वैश्विक मांग के हिसाब से आपूर्ति नहीं कर पा रहा है, दूसरी ओर जहां वैश्विक डिमांड कम है, वहां भारत की आपूर्ति अधिक है। नीति आयोग की की इस रिपोर्ट के मुताबिक, चीन में उत्पादन लागत बढ़ रही है, साथ ही अमेरिकी टैरिफ की वजह से चीन के साथ व्यापार में अस्थिरता आई है। इसका फायदा भारत को मिल सकता है, क्योंकि चीन की ऑपर्च्यूनिटीज़ और एडवांटेज अब खत्म हो रहे हैं।
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रिपोर्ट में बताया गया कि भारत के पक्ष में विदेशी निवेश के चार मुख्य कारण हैं: बड़ा बाजार, सस्ती मैन पावर, स्थिर नीतियां, और राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के कारण उत्पन्न हुई चीन की अनिश्चितता। नीति आयोग के सलाहकार प्रवाकर साहू ने कहा कि जीडीपी के बेस ईयर को बदलने की आवश्यकता है, ताकि नए सेक्टर जैसे आईटी और डिजिटल सेक्टर को सही तरीके से आंका जा सके। यह बदलाव आर्थिक आंकड़ों को अधिक सटीक बनाएगा और देश की विकास दर का सही मूल्यांकन किया जा सकेगा।
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