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इंडिया न्यूज, FPI in September : शेयर बाजार में गिरावट की मुख्य वजह सामने आ गई है। दरअसल, अमेरिका में ब्याज दरें बढ़ने के कारण डॉलर मजबूत हो रहा है और बॉन्ड यील्ड में भी उछाल आ रहा है। यील्ड बढ़ने से विदेशी निवेशकों के सेंटिमेंट पर नकारात्मक प्रभाव पड़ रहा है और इसी कारण वे भारत समेत इमर्जिंग मार्केट से पैसा निकाल रहे हैं।
इस महीने सेंसेक्स में अब तक 1439 अंकों की गिरावट दर्ज की गई है। सितंबर महीने में फॉरन पोर्टफोलियो इन्वेस्टर्स के एक्शन में काफी उतार-चढ़ाव देखा जा रहा है। इस महीने अब तक फॉरन पोर्टफोलियो इन्वेस्टर्स ने शेयर बाजार में 8638 करोड़ का निवेश किया है। जबकि पिछले महीने अगस्त में एफपीआई ने कुल 51204 करोड़ की खरीदारी की थी।
डिपॉजिटरी के आंकड़ों के अनुसार, अगस्त में एफपीआई ने शेयरों में शुद्ध रूप से 51,200 करोड़ रुपए डाले थे। वहीं जुलाई में शेयरों में उनका निवेश करीब 5,000 करोड़ रुपए रहा था। लगातार 9 माह तक निकासी के बाद एफपीआई जुलाई में शुद्ध लिवाल बने थे। पिछले साल अक्टूबर से एफपीआई की निकासी का सिलसिला शुरू हुआ था। अक्टूबर, 2021 से जून, 2022 तक उन्होंने शुद्ध रूप से 2.46 लाख करोड़ रुपए के शेयर बेचे थे।
बसंत माहेश्वरी वेल्थ एडवाइजर्स एलएलपी के सह-संस्थापक बसंत माहेश्वरी ने कहा कि अमेरिकी केंद्रीय बैंक फेडरल रिजर्व द्वारा ब्याज दरों में और वृद्धि की संभावना, मंदी की आशंका, रुपए में गिरावट और रूस-यूक्रेन तनाव बढ़ने से एफपीआई का प्रवाह प्रभावित होगा। जियोजीत फाइनेंशियल सर्विसेज के मुख्य निवेश रणनीतिकार वी के विजयकुमार ने कहा कि डॉलर में मजबूती के बीच आगे चलकर एफपीआई आक्रामक तरीके से लिवाली नहीं करेंगे।
मॉर्निंगस्टार इंडिया के एसोसिएट निदेशक-प्रबंधक शोध हिमांशु श्रीवास्तव ने कहा कि अमेरिकी केंद्रीय बैंक के आक्रामक रुख की वजह से निवेशक भारत जैसे उभरते बाजारों में जोखिम उठाने से बच रहे हैं। फेडरल रिजर्व के रवैये से ऐसा लग रहा है कि वह अगली बैठक में चौथी बार ब्याज दरों में 0.75 प्रतिशत की वृद्धि करेगा।
बता दें कि 1 से 23 सितंबर के बीच एफपीआई ने शुद्ध रूप से 8,638 करोड़ रुपए के शेयर खरीदे। हालांकि, इस महीने अबतक भारतीय शेयर बाजारों में एफपीआई के रुख में काफी उतार-चढ़ाव देखने को मिला है। इस महीने सात कारोबारी दिन उन्होंने बिकवाली की है। पिछले दो कारोबारी सत्रों में एफपीआई ने शेयर बाजारों से 2,500 करोड़ रुपए की निकासी की है।
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