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शेयर बाजार में क्यों जारी है गिरावट, जानिए इसके कारण

BY: Bharat Mehndiratta • LAST UPDATED : June 16, 2022, 6:01 pm IST
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शेयर बाजार में क्यों जारी है गिरावट, जानिए इसके कारण

Decline The Stock Market

इंडिया न्यूज, नई दिल्ली (Decline The Stock Market):
भारतीय शेयर बाजार आज फिर से भारी गिरावट में बंद हुआ है। सेंसेक्स 1045 अंकों की गिरावट के साथ 51,495.79 पर बंद हुआ है निफ्टी 331 अंक फिसलकर 15,360 पर बंद हुआ। निफ्टी 52 हफ्ते के नए लो लेवल पर आ गया है। पिछले 5 कारोबारी सत्रों से लगातार घरेलू शेयर बाजार गिरावट में बंद हो रहा है, जिससे निवेशकों में भय का माहौल है। आइए जानते हैं कि किन कारणों के कारण शेयर बाजार में गिरावट हो रही है-

निगेटिव वैश्विक संकेत

  1. विश्व लेवल पर सब कुछ ठीक नहीं है। रूस और यूक्रेन युद्ध के कारण दुनियाभर में सप्लाई चेन में रुकावटें आई है। युद्ध के कारण क्रूड आयल की कीमतें भी बढ़ रही है। इसका असर बाजार पर दिख रहा है।
  2. वहीं चीनी अर्थव्यवस्था के इस साल 2.5 फीसदी की दर से विकास करने का अनुमान है। यह न केवल भारत से कम है बल्कि अमेरिका की भी अनुमानित विकास दर से कम है। कोरोना वायरस के कारण चीन ने मौजूद वित्त वर्ष के लिए GDP ग्रोथ की दर 5.5 फीसदी रखी है। यह 30 सालों में सबसे कम है।
  3. दूसरी ओर अमेरिका की मुद्रास्फिति 40 साल के सबसे उच्चतम स्तर 8.6 के पार हो गई। बुधवार को अमेरिकी फेडरल रिजर्व ने मुद्रास्फीति को नियंत्रित करने के लिए ब्याज दरों में 0.75 फीसदी की बढ़ोतरी की है। माना जा रहा है कि यह साल 1994 के बाद सबसे बड़ी बढ़ोत्तरी है।

भारत में बढ़ती महंगाई

न केवल अमेरिका में बल्कि भारत में भी रिकार्ड तोड़ महंगाई है। इसी कारण RBI ने पिछले हफ्ते पेश मॉनेटरी पॉलिसी में इनफ्लेशन के अनुमान को बढ़ाकर 6.7 फीसदी कर दिया है। दूसरी ओर आरबीआई ने रेपो रेट में 0.50 फीसदी की बढ़ोतरी की है जिसके बाद रेपो रेट बढ़कर 4.90 प्रतिशत हो गई है। इस कारण निवेशक बाजार से पैसा निकाल रहे हैं।

Share market

विदेशी निवेशकों की बिकवाली

भारतीय बाजारों में विदेशी निवेशक लगातार निकासी कर रहे हैं। अमेरिका में इंटरेस्ट रेट बढ़ने, यूक्रेन क्राइसिस और केंद्रीय बैंकों के इंटरेस्ट रेट बढ़ाने की वजह से विदेशी निवेशकों की भारतीय बाजारों में निकासी जारी है। पिछले 8 महीनों से लगातार बिकवाली कर रहे हैं। रिपोर्ट के मुताबिक पिछले साल अक्टूबर से वे अब तक 3.45 लाख करोड़ रुपए की बिकवाली कर चुके हैं। वहीं घरेलू संस्थागत निवेशकों ने 2.63 लाख करोड़ रुपए की बिकवाली की है।

डॉलर के मुकाबले रुपया सबसे लो लेवल पर

महंगाई बढ़ने के कारण भारत का आयात बिल बढ़ता जा रहा है। वहीं डॉलर के मुकाबले रुपया में लगातार गिरावट हो रही है। भारतीय रुपया डॉलर के मुकाबले 78.28 के रिकार्ड निम्नतर स्तर पर आ गया है। दूसरी ओर बॉन्ड यील्ड बढ़कर 7.60 फीसदी हो गई है। 28 फरवरी, 2019 के बाद 10 साल के बॉन्ड की सबसे ज्यादा यील्ड है।

वैश्विक आर्थिक महामंदी की आहट

इन सबके अलावा वैश्विक आर्थिक महामंदी की भी आहट है जिससे निवेशक परेशान हैं। भारत ही नहीं, दुनियाभर के बाजार गिर रहे हैं। अमेरिका का Dow Jones इस साल 15 फीसदी से ज्यादा गिर चुका है। जबकि S&P 500 इस साल की शुरूआत से अब तक 20 फीसदी गिर चुका है।

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