संबंधित खबरें
250 मिलियन अमेरिकी डॉलर की रिश्वतखोरी के आरोपों को अडानी समूह ने बताया निराधार
WhatsApp नीति को लेकर भारत ने लगाया करोड़ो का जुर्माना, अब मेटा करेगा आदेश के खिलाफ अपील
गौतम अडानी का ट्रंप से बड़ा वादा, 10 बिलियन डॉलर का अमेरिका में करेंगे निवेश, नौकरियों के भी बनेंगे मौके
अलविदा Vistara, दिल्ली की रनवे को किया आखिरी सलाम, कर्मचारियों ने यूं दी अपने चहेते को विदाई, देखें Video
मालामाल हुई चंद्रयान-3 मिशन को सफल बनाने वाली कंपनी, तोड़ दिए कमाई के सारे रिकॉर्ड…मुनाफा जान उड़ जाएंगे होश
अडानी पावर लिमिटेड ने वित्त वर्ष-25 की दूसरी तिमाही में शुद्ध लाभ में वृद्धि की दर्ज
इंडिया न्यूज, नई दिल्ली (Rupee As Per Dollar): डॉलर के मुकाबले रुपया आज फिर से 3 पैसे मजबूती के साथ खुला है। विदेशी मुद्रा बाजार में रुपया 79.83 रुपये के स्तर पर खुला। जबकि मंगलवार को डॉलर के मुकाबले रुपया 1 पैसे की मजबूती के साथ 79.86 रुपये के स्तर पर बंद हुआ था। गौरतलब है कि रुपया की कीमत बढ़ने और कम होने से देश के आयात एवं निर्यात पर खासा असर पड़ता है। रुपये की कीमत डॉलर के तुलना में मांग एवं आपूर्ति से तय होती है।
सोमवार को रुपया डॉलर के मुकाबले 9 पैसे की कमजोरी के साथ 79.87 रुपये के स्तर पर बंद हुआ था। इससे पहले शुक्रवार को डॉलर के मुकाबले रुपया 10 पैसे कमजोर होकर 79.78 रुपये के स्तर पर बंद हुआ था। वीरवार को डॉलर के मुकाबले रुपया 23 पैसे की कमजोरी के साथ 79.68 रुपये के स्तर पर बंद हुआ। जबकि बुधवार को रुपया 21 पैसे मजबूत हुआ था और यह 79.44 रुपये के स्तर पर बंद हुआ।
रुपय के दाम किसी व्यक्ति विशेष के हाथ में नहीं होता है। यह लोगों की मांग पर निर्भर करत है। इस पर बाजार के उतार-चढ़ाव, देश का विदेशी मुद्रा भंडार, देश की अर्थव्यवस्था का असर होता है। यानि कि रुपए की कीमत इसकी खरीद-फरोख्त पर निर्भर करती है। रुपए की मांग जितनी ज्यादा होती है, इसके दाम डॉलर की तुलना में रुपए की कीमत उतने ही अधिक होंगे लेकिन यदि रुपए की मांग कम होगी तो डॉलर की तुलना में इसकी कीमत कम हो जाएगी।
डॉलर के मुकाबले जब रुपए की कीमत काफी गिरने लगती है तो आबीआई इसे संभालने के लिए कई ठोस कदम उठाता है। आरबीआई अपने मुद्रा कोष से कुछ डॉलर को निकालकर बेच सकता है। इसके अलावा कई ऐसी नीतियों में बदलाव करता है जिससे डॉलर की मांग को कम किया जा सके।
आयात को मुश्किल करने के लिए नियमों को सख्त किया जा सकता है, जिससे डॉलर की मांग कम होती है। इससे विदेशी सामानों के दाम बढ़ जाते हैं। भारतीय सामानों को विदेशी ग्राहक अधिक खरीदें इसके लिए कुछ बदलाव किए जा सकते हैं, जिससे डॉलर का भंडार बढ़े। ऐसे ही कई और फैसले रिजर्व बैंक डॉलर की मांग को देश में कम करने के लिए उठा सकता है।
ये भी पढ़ें : शेयर बाजार में गिरावट, सेंसेक्स 60 अंक फिसला
ये भी पढ़ें : टॉप 10 में से 5 कंपनियों के मार्केट कैप में 30,737.51 करोड़ की गिरावट, जानिए किसे हुआ कितना नुकसान
ये भी पढ़ें : करोड़ों भारतीयों की पसंद पारले-जी बिस्किुट होगा सस्ता
हमें Google News पर फॉलो करे- क्लिक करे !
Get Current Updates on, India News, India News sports, India News Health along with India News Entertainment, and Headlines from India and around the world.