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2 पैसे मजबूती के साथ खुला रुपया, जानिए कैसे तय होते हैं रुपये के दाम

BY: Bharat Mehndiratta • LAST UPDATED : July 25, 2022, 11:22 am IST
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2 पैसे मजबूती के साथ खुला रुपया, जानिए कैसे तय होते हैं रुपये के दाम

Rupee Strength

इंडिया न्यूज, Business News (Rupee Strength): हफ्ते के पहले कारोबारी दिन रुपया में मजबूती आई है। आज विदेशी मुद्रा बाजार में रुपया 2 पैसे की मजबूती के साथ 79.84 रुपये के स्तर पर खुला। वहीं, शुक्रवार को डॉलर के मुकाबले रुपया 9 पैसे की मजबूती के साथ 79.86 रुपये के स्तर पर बंद हुआ। गिरते रुपये को संभालने के लिए आरबीआई कई ठोस कदम उठा रहा है जिससे डॉलर की मांग घट सके। इसी के कारण रुपया थोड़ा मजबूत हुआ है।

बता दें कि आज शेयर बाजार में भी कई दिनों से चली रही तेजी पर ब्रेक लगी है। सेंसेक्स 400 से ज्यादा अंक लुढ़क चुका है जबकि निफ्टी भी 140 अंकों की गिरावट के साथ 16580 पर कारोबार कर रहा है।

पिछले 5 दिनों के रुपये का क्लोजिंग स्तर

हफ्ते के आखिरी कारोबारी दिन शुक्रवार को रुपया 9 पैसे की मजबूती के साथ 79.86 रुपये के स्तर पर बंद हुआ। इससे पहले वीरवार को डॉलर के मुकाबले रुपया 5 पैसे की मजबूती के साथ 79.94 रुपये के स्तर पर बंद हुआ। वहीं बुधवार को रुपया डॉलर के मुकाबले 5 पैसे की कमजोरी के साथ 79.99 रुपये के स्तर पर बंद हुआ था। हालांकि मंगलवार को डॉलर के मुकाबले रुपया में 3 पैसे की मजबूती आई थी और यह 79.94 रुपये के स्तर पर बंद हुआ था। जबकि सोमवार को डॉलर के मुकाबले रुपया 9 पैसे की कमजोरी के साथ 79.97 रुपये के स्तर पर बंद हुआ था।

कैसे तय होते हैं रुपये के दाम

Rupees Vs Dollar

रुपय के दाम किसी व्यक्ति विशेष के हाथ में नहीं होता है। यह लोगों की मांग पर निर्भर करत है। इस पर बाजार के उतार-चढ़ाव, देश का विदेशी मुद्रा भंडार, देश की अर्थव्यवस्था का असर होता है। यानि कि रुपए की कीमत इसकी खरीद-फरोख्त पर निर्भर करती है। रुपए की मांग जितनी ज्यादा होती है, इसके दाम डॉलर की तुलना में रुपए की कीमत उतने ही अधिक होंगे लेकिन यदि रुपए की मांग कम होगी तो डॉलर की तुलना में इसकी कीमत कम हो जाएगी।

रुपये के कमजोर या मजबूत होने का असर

रुपया की कीमत बढ़ने और कम होने से देश के आयात एवं निर्यात पर खासा असर पड़ता है। रुपया की कीमत डॉलर के तुलना में मांग एवं आपूर्ति से तय होती है। दरअसल, हर देश अपने पास विदेशी मुद्रा का भंडार रखता है। इससे वह देश के आयात होने वाली वस्तुओं का भुगतान करता है। वहीं रिजर्व बैंक आफ इंडिया हर सप्ताह विदेशी मुद्रा भंडार से जुड़े आंकड़े जारी करता है। देश में विदेशी मुद्रा भंडार कितना बढ़ा या घटा है और उस दौरान देश में डॉलर की मांग क्या है, इससे भी रुपये की मजबूती या कमजोरी तय होती है।

गिरते रुपए को संभालने के लिए आरबीआई उठाता है ये कदम

डॉलर के मुकाबले जब रुपए की कीमत काफी गिरने लगती है तो रिजर्व बैंक आफ इंडिया इसे संभालने के लिए कई ठोस कदम उठाता है। कई ऐसी नीतियों में बदलाव करता है जिससे डॉलर की मांग को कम किया जा सके। आरबीआई अपने मुद्रा कोष से कुछ डॉलर को निकालकर बेच सकता है।

आयात को मुश्किल करने के लिए नियमों को सख्त किया जा सकता है, जिससे डॉलर की मांग कम होती है। इससे विदेशी सामानों के दाम बढ़ जाते हैं। भारतीय सामानों को विदेशी ग्राहक अधिक खरीदें इसके लिए कुछ बदलाव किए जा सकते हैं, जिससे डॉलर का भंडार बढ़े। ऐसे ही कई और फैसले रिजर्व बैंक डॉलर की मांग को देश में कम करने के लिए उठा सकता है।

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